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CG-शिक्षक ट्रांसफर घोटाला: शिक्षक तबादले को लेकर बड़ा गोलमाल, FIR के बाद एक गिरफ्तार, शिक्षकों के ट्रांसफर के नाम पर हुआ लाखों का खेल…

Teacher Transfer Scam: शिक्षकों के तबादले को लेकर दलालों ने खूब चांदी काटी है। एक-एक ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर 1 लाख से तीन लाख रुपये तक की डिमांड की जाती है। परिवार से दूर रहकर ड्यूटी करने वाले शिक्षक, इस कदर परेशान होते हैं, कि वो थोड़ी भी उम्मीद बंधते देख, आंखें बंद कर मुंहमांगी रकम देने को तैयार भी हो जाते हैं। शिक्षकों के इस विश्वास का कई बार विश्वासघात भी हुआ है। कई बार शिक्षक नेता, तो कई बार राजनीतिक दलों के नेताओं ने शिक्षकों के लाखों  रुपये डकार लिये हैं।

लोकसभा चुनाव के पहले ये खबरें आयी थी कि शिक्षा विभाग में तबादले हो रहे हैं। समन्वय से अनुमोदन के बाद शिक्षकों के तबादले करा देने का कई शिक्षकों को झांसा दिया गया। इसके एवज में मोटी रकम वसूली गयी। अब ऐसे दलालों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज किया गया है। मामला सारंगढ़ से सामने आया है, जहां 3 शिक्षकों से ट्रांसफर के नाम से 5 लाख की ठगी करने की रिपोर्ट दर्द की गयी है।

तीन शिक्षकों ने संयुक्त रूप से शिकायत दर्ज करायी है। शिकायत के मुताबिक बड़े-बड़े मंत्रियों का करीबी बताकर अश्विन चौरगे नाम के नेता ने 5 लाख रुपये से ज्यादा राशि ठग ली। इस मामले में शिक्षकों की शिकायत पर सारंगढ़ के सिटी कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने दर्ज शिकायत के आधार पर एक आरोपी अश्विन चौरगे को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक बड़े बड़े मंत्रियों से पहचान बता कर आरोपी ने ठगी को अंजाम दिया। जिन शिक्षकों के तबादले की बात कही गयी थी, उसमें बस्तर में पदस्थ शिक्षकों को सारंगढ़, राजनांदगांव और जांजगीर चांपा में ट्रांसफर करने की बात तय हुई थी।

अधिकारी, बड़े नेताओं और शिक्षक नेताओं पर भी आंच

प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने पैसे की लेनदेन की बात स्वीकारी है। आरोपी ने बताया है कि तबादले को लेकर अधिकारी से लेकर कुछ शिक्षक नेता भी शामिल है। आरोपी ने कमीशन लेकर शिक्षकों के तबादले की डील बड़े अधिकारियों के साथ की थी। सूत्रों के मुताबिक पुलिस उन अधिकारियों और शिक्षक नेताओं के भी संपर्क सूत्र खंगालने में जुट गयी है। माना जा रहा है कि कुछ शिक्षक नेताओं को भी पूछताछ के लिए पुलिस बुला सकती है। आरोपी ने ये भी कहा है कि संभाग और राजधानी स्तर पर भी इनका रैकेट काम कर रहा है, जो शिक्षकों के तबादले के नाम पर घोटाले को अंजाम दे रहा है।

कई जिलों में हो सकता है खुलासा

जानकारी मिली है कि तबादले के नाम पर प्रदेश भर में करोड़ों रुपये खेल हुआ है। सैंकड़ों शिक्षकों से तबादले के नाम पर पैसे लिये गये, लेकिन उनका काम नहीं हुआ। दलाद कभी मंत्री के साइन नहीं होने, कभी आचार संहिता और कभी समन्वय में फाइल के अनुमोदन का झांसा देते रहे। लेकिन हकीकत तो यही था कि तबादला हो ही नहीं रहा था। अफवाह और झूठी खबरों के आधार तबादले का भ्रम पूरे प्रदेश में फैलाया गया और फिर उसके नाम पर करोड़ों रुपये की वूसली कर ली गयी। जानकारी है कि कई जिलों से इस मामले में और भी खुलासा हो सकता है। अगर पुलिस की जांच सही तरीके से हुई, तो कई अफसर और शिक्षक नेता भी इसकी जद में आ सकते हैं।

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