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अमित शाह व जेपी नड्डा का दुर्ग-बिलासपुर का कार्यक्रम, BJP की बड़ी प्लानिंग का हिस्सा, क्या है बीजेपी की रणनीति

रायपुर 8 जून 2023। छत्तीसगढ़ में चुनावी महौल शुरू हो गया है। भले ही चुनाव में चार महीने का वक्त बचा हो, लेकिन अभी से ही राजनीतिक दलों में जहां सम्मेलनों का दौर चल रहा है, तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का दौरा भी शुरू हो गया है। कांग्रेस लगातार संभाग स्तरीय सम्मेलन कर रही है। दुर्ग के बाद, बस्तर और बिलासपुर में संभागीय सम्मेलन हो चुका है, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता भी छत्तीसगढ़ पहुंचने वाले हैं।

भाजपा इस चुनाव में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के चेहरों का भरपूर इस्तेमाल करने की प्लानिंग में है। 22 जून को जहां अमित शाह दुर्ग पहुंच रहे हैं, तो वहीं 30 जून को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिलासपुर आने वाले हैं। मोदी के भी दौरे की अटकलें लग रही है। बेशक नरेंद्र मोदी का दौरा अधिकारिक होगा, लिहाजा उसे अभी की तारीख से चुनावी नहीं कहा जा सकता, लेकिन मोदी का चुनावी वक्त में आना ही एक तरह से बीजेपी के लिए बूस्टर कहा जाता है।

शाह के दौरे को मोदी सरकार के 9 साल के जनसंपर्क अभियान से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन अमित शाह के आने का मकसद स्पष्ट है कि वो चुनावी मंत्र जरूर देकर जायेंगे। हालांकि अमित शाह के रायपुर के बजाय दुर्ग के कार्यक्रम को बीजेपी की एक बड़ी प्लानिंग के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीति के जानकार कहते हैं कि अमित शाह के दुर्ग का कार्यक्रम इक्तेफाक नहीं, एक रणनीति है। ऐसा इसलिए क्योंकि दुर्ग कांग्रेस का सबसे मजबूत किला माना जा रहा है। दुर्ग संभाग की बात करें तो यहां की 20 में से 18 सीटें कांग्रेस के पास है, जिसमें खुद मुख्यमंत्री सहित पांच पांच मंत्री भी हैं।

वहीं जेपी नड्डा का कार्यक्रम भी बिलासपुर के लिए बहुत सोच समझकर तैयार किया गया है। 2018 में बिलासपुर ही ऐसा संभाग था, जिसने भाजपा को भरपूर साथ दिया। बीजेपी को मिले 14 सीटों में से 7 इसी संभाग से हैं तो बाकी 7 पूरे प्रदेशभर से मिली है। लिहाजा, बीजेपी अपने सबसे मजबूत गढ़ को बचाने और कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ़ को ढहाने बीजेपी ने केंद्रीय नेताओं के आमसभा के लिए तय किया है।

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