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हाईकोर्ट : शिक्षक प्रमोशन पर 6 मार्च तक आ सकता है फैसला…सहायक शिक्षक फेडरेशन ने महाधिवक्ता कार्यालय में मुलाकात के बाद जतायी उम्मीद…

रायपुर 28 फरवरी 2023। शिक्षक प्रमोशन पर इसी सप्ताह हाईकोर्ट का फैसला आ सकता है। ज्यादा संभावना है कि 3 से 6 मार्च के बीच शिक्षक प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट की बेंच अपना फैसला सुना सकती है। दरअसल छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी 10 मार्च को रिटायर हो रहे हैं। परंपरा रही है कि रिटायरमेंट के पहले जज अपने तमाम पेंडिंग केस का फैसला दे देते हैं। शिक्षक प्रमोशन से जुड़ी याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच में हुई थी। अमूमन बड़े फैसले शुक्रवार को ही आते हैं। ऐसे में 3 मार्च शुक्रवार है, जबकि अगला शुक्रवार 10 मार्च है। उससे पहले होली की छुट्टी भी है। लिहाजा ये माना जा रहा है कि इसी सप्ताह शिक्षक प्रमोशन पर फैसला आ सकता है।

इससे पहले आज सहायक शिक्षक फेडरेशन के जिलाध्यक्ष रविंद्र राठौर, प्रदेश उपाध्यक्ष अश्वनी कुर्रे, की अगुवाई में शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल ने अलग-अलग अधिवक्ताओं से मुलाकात की थी। रविंद्र राठौर ने बताया कि उन्हें आश्वासन मिला है कि 10 मार्च के पहले सहायक शिक्षकों व शिक्षकों से जुड़े प्रमोशन के मसले पर फैसला आ जायेगा। दिसंबर 2021 से ही शिक्षकों के प्रमोशन का मामला हाईकोर्ट में चल रहा था। करीब 1 साल बाद 3 दिसंबर को सुनवाई पूरी हुई थी। ऐसे में अब फैसले का इंतजार हर शिक्षक कर रहा है।

इससे पहले दिसंबर में ही हाईकोर्ट में पदोन्नति में लगा स्टे पर सुनवाई पूरी हो चुकी थी। सुनवाई के बाद निर्णय को सुरक्षित रख लिया गया था। पिछले एक वर्ष से पदोन्नति का मामला हाईकोर्ट में चल रहा था। प्रदेश के लाखों शिक्षकों की नजर हाईकोर्ट पर थी। आपको बता दें कि प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत यूडीटी और मिडिल प्रधान पाठक के पदों में पदोन्नति पर स्टे लगा हुआ था। हाईकोर्ट के फैसले के इंतजार में प्रमोशन बाधित था। इससे पहले 1 दिसंबर और 3 दिसम्बर को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शिक्षकों के प्रमोशन से जुड़ी याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी और पीपी साहू की डिवीजन बेंच में पूरी हुई थी। फैसले के बाद सहायक शिक्षक से शिक्षक, शिक्षक से व्याख्याता व मिडील स्कूल प्रधान पाठक के पद पर प्रमोशन का रास्ता खुल जायेगा।

सहायक शिक्षक फेडरेशन ने की फैसले को लेकर चर्चा

छत्तीसगढ़ बिलासपुर संभाग के दिग्गज नेता अश्वनी कुर्रे, राजेश्वर लुनिया, रविंद्र राठौर ने हाईकोर्ट जाकर पदोन्नति केस को लेकर अलग अलग चर्चा की। सिक्षकों के प्रमोशन पर फैसले को लेकर संशय की स्थिति थी। लिहाजा शिक्षक फेडरेशन ने पदोन्नति के संबंध में महाधिवक्ता कार्यालय में जाकर एवं पदोन्नति केस लड़ रहे तमाम दिग्गज वकीलों से चर्चा की। वकीलों ने बताया कि हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण गोस्वामी का रिटायरमेंट 10 मार्च को है और डबल बेंच ने पदोन्नति के फैसला को रिजर्व रख रखा है।

इस फैसले पर पूरे प्रदेश के शिक्षकों की नजर है। वकीलों ने पदाधिकारियों को बताया कि रिटायरमेंट के पहले संभवत जज साहब फैसला सुनाएंगे ही, पदोन्नति के संबंध में दिग्गजों से जानकारी ली। फैसला सुनाने के बाद क्या फिर से इस मामले में स्टे लग सकता है तो वकीलों ने साफ कहा इस फैसले पर स्टे नहीं दिया जा सकता। हालांकि हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला पर स्टे लगा सकते हैं।


फेडरेशन ने उम्मीद जतायी है कि 6 तारीख से पहले फैसला आने का 99% संभावना है। फेडरेशन ने अपील है कि समस्त संभागों में पदोन्नति की तैयारी हेतु तत्काल पदाधिकारी गण जेडी कार्यालय जाकर संपर्क करें। मुलाकात के दौरान प्रदेश पदाधिकारी अश्वनी कुर्रे ,रविंद्र राठौर ,राजेश्वर लोनिया, हरीश गोपाल, चित्रांश देव वर्मा, राम प्रसाद साहू, रामानुज विश्वकर्मा,विकास कायरवार आदि उपस्थित थे।

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