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हाईकोर्ट : रेलवे-PWD में एक साथ 6 साल तक करता रहा नौकरी… आरोपी इंजीनियर को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, पढ़िये पूरा मामला

बिलासपुर 24 अक्टूबर 2022। एक साथ दो-दो नौकरी करने वाले आरोपी को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने आरोपी इंजीनियर की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है। आरोपी ने रेलवे और लोक निर्माण विभाग में एक साथ 6 साल तक नौकरी की। इस दौरान दोनों जगहों से वो सैलरी लेता रहा। इधर, मामले का खुलासा होने पर आरोपी युवक के खिलाफ FIR दर्ज की गयी, जिसके बाद आरोपी फरार हो गया। फरार इंजीनियर ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया था, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। दरअसल, आरोपी युवक ने रेलवे में काम करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल कर लिया और PWD में सब इंजीनियर के पद पर ज्वाइन कर लिया। चयन के बाद वह दोनों विभागों में छह साल तक नौकरी करता रहा।

आरोपी इंजीनियर का नाम संतोष कश्यप है, जो रायगढ के विनोबा नगर निवासी है। संतोष रेलवे में टेक्निकल ग्रेड- 3 के पद पर कार्यरत था। 30 नवंबर 2007 को लोक निर्माण विभाग में सब इंजीनियर के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ, तो उसने भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए रेलवे से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया। इस दौरान उसका चयन सब इंजीनियर के पद पर हो गया। फिर उसने वर्ष 2008 में लोक निर्माण विभाग में जॉइन भी कर लिया। नियम के मुताबिक उसे रेलवे से इस्तीफा देना था, लेकिन उसने रेलवे से रिजाइन नहीं किया और 6 साल तक नौकरी करता रहा।

इधर इस मामले में जब शिकायत की गई, तब उसने 2014 में रेलवे से इस्तीफा दे दिया। पूरे मामले में चक्रधर नगर थाने में धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया। केस दर्ज होने के बाद आरोपी युवक फरार हो गया। आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए पहले 8 मार्च 2016 को हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद उसने कुछ समय पहले दोबारा अग्रिम जमानत अर्जी लगाई। इस केस की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने केस डायरी और जांच रिपोर्ट में पाया कि उसने रेलवे से वर्ष 2014 में इस्तीफा दिया था, जबकि उसने वर्ष 2008 में ही PWD में जॉइन कर लिया था। इसके आधार पर हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

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