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IAS अवनीश की थर्ड डिवीजन वाली मार्क्सशीट हुई वायरल…..जानिये क्या है थर्ड डिवीजन से IAS बनने के संघर्ष की ये कहानी…

रायपुर 8 जुलाई 2022। आईएएस अवनीश शरण का ट्वीट एक बार फिर चर्चा में है। इस बार उन्होंने अपनी 10वीं की मार्कशीट ट्वीट की है। ट्वीट में दर्ज अंक और उनकी श्रेणी ना सिर्फ फैंस को हैरान कर रही है, बल्कि कई लोग उस पर प्रेरक टिप्पणी भी कर रहे हैं। अवनीश शरण आये दिन इस तरह से यूथ को मोटिवेट करते हुए ट्वीट करते रहे हैं। अभी बोर्ड एग्जाम के वैसे छात्र जो अपनी श्रेणी को लेकर परेशान हैं, उन्हें प्रेरणा देते हुए आईएएस अवनीश शरण ने ट्वीट किया है, ताकि युवा समझ सके की 10वीं में अगर कोई थर्ड डिवीजन है, तो भी वो आईएएस बन सकता है।

10वीं की परीक्षा तृतीय श्रेणी से और ग्रेजुएशन की परीक्षा किसी तरह खींच-खांचकर प्रथम श्रेणी से पास करने वाले अवनीश एक उदाहरण भी हैं…एक सीख भी हैं और एक मोटिवेटर भी। अवनीश ने अपने अकादमिक करियर की जानकारी खुद सोशल मीडिया में शेयर की है। उन्होंने अपने थर्ड डिग्री के 10TH के रिजल्ट का जिक्र उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा… मेरी 10वीं का मार्क्सशीट। अभी हाल के दिनों  बोर्ड का रिज्लट जारी हुआ है, लिहाजा उनकी 10वी की मार्क्ससीट साझा की थी। जो आज के बच्चों के लिए गोल्डन इंस्परेशन से कम नहीं। पहला इंस्परेशन उन बच्चों के लिए जो सिर्फ नंबरों के लिए भागते हैं और फिर उसे हासिल नहीं कर पाने पर मायूस होकर गलत कदम उठा लेते हैं और दूसरे इंस्परेशन उन बच्चों को लिए जो अपने 10वीं की रिजल्ट के आधार IAS बन पाने का सपना छोड़ देते हैं।

मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के केवटा गांव के रहने वाले अवनीश बेहद साधारण परिवार से हैं। पिता शिक्षक थे और मां गृहणी थी। पूरी पढ़ाई उनकी गांव और आसपास में हुई। घर पर बिजली नहीं थी, सो लालटेन के सहारे अपनी पढ़ाई पूरी की। स्कूल के दिनों में औसत दर्जे के छात्र रहे अवनीश को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब 10वीं में उनका रिजल्ट थर्ड डिवीजन आया। लेकिन वो दूसरे बच्चों की तरह हार मानने वालों में नहीं थे। आगे बढ़ने की ललक, नाकामी को छोड़ अपनी नयी राह की तलाश में वो आगे बढ़ते रहे फिर 12वीं में उन्होंने 65 फीसदी अंक हासिल किया, लेकिन ग्रेजुएशन में एक बार फिर किसी तरह से फर्स्ट डिवीजन में जगह बना सके। औसत दर्जे के छात्र जिस वक्त में शिक्षक व छोटी-मोटी नौकरी को अपना लक्ष्य मान लेते हों. उस वक्त उन्होंने IAS बनने का सपना देखा। हालांकि तब भी लोग हैरान हुए होंगे, लेकिन हौसले ने पर लगाये, तो फिर कामयाबी की उड़ान पर कैसे रोक लगती। अवनीश 7 साल के कठिन परिश्रम के बाद एक कलेक्टर बनकर लौटे। 2009 बैच के IAS अवनीश ने एक साक्षात्कार में कहा था कि UPSC में पेसेंस जरूरी है। लिहाजा 2002 में ग्रेजुएशन के बाद 7 साल उन्होंने मेहनत की और फिर कामयाबी का झंडा बुलंद किया।

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