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“इस्तीफा ना देते, तो बर्खास्तगी थी तय” नवाचार आयोग के चेयरमैन विवेक ढांढ की बर्खास्तगी की फाइल बढ़ चुकी थी, भनक लगते ही छोड़ा पद

रायपुर 5 जनवरी 2024। ….आखिरकार पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ ने नवाचार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, उनकी बर्खास्तगी की फाइल भी बढ़ चुकी थी और ये माना जा रहा था कि आज ही शाम तक आर्डर भी निकल जायेगा। लेकिन, बर्खास्तगी की भनक लगते ही विवेक ढांढ ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। वैसे देखा जाये, तो पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें जिस आयोग का चेयरमैन बनाया था, उसका कोई औचित्य था ही नहीं। नवाचार आयोग के गठन के साथ ही ये सवाल भी उठने लगे थे, कि क्या ये आयोग सिर्फ उपकृत करने के लिए बनाया गया है या फिर वाकई में नवाचार के जरिये प्रदेश में कुछ बेहतरी होगी।

सरकार ने पिछले दिनों जब अलग-अलग आयोगों का रिव्यू किया, तो पाया कि नवाचार आयोग के गठन के बाद से अब तक की उपलब्धि शून्य रही है। लिहाजा औचित्यहीन नवाचार आयोग को खत्म करने का फैसला सरकार ने लिया था। साथ ही आयोग के चेयरमैन की बर्खास्तगी का निर्देश भी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दे दिया था। आज उनकी बर्खास्तगी होनी तय थी, लेकिन इसी बीच किसी तरह से ये जानकारी पूर्व चीफ सेकरेट्री तक पहुंच गयी और उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया।

आपको बता दें कि राज्य सरकार ने 3 फरवरी 2023 को राज्य सरकार ने विवेक ढांड को ‘छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग‘ का अध्यक्ष नियुक्त किया था। आयोग के गठन के समय सरकार ने ये दलील दी थी कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किए जाने वाले प्रशासनिक नवाचारों तथा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समय-समय पर राज्य सरकार की सुझाव देने के उद्देश्य से ‘छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग‘ का गठन किया गया है। लेकिन करीब एक साल के कार्यकाल में नवाचार आयोग की उपलब्धि शून्य रही। आपको बता दें इससे पहले विवेक ढांढ को रेरा का भी चेयरमैन बनाया गया था। रेरा का उनका कार्यकाल खत्म होते हुए उन्हें नवाचार आयोग के चेयरमैन पद से उपकृत किया गया था।

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