हेडलाइन

…इससे तो अच्छा था निम्न पद पर ही रहते !…तकनीकी त्यागपत्र के पेंच में फंसे सैंकड़ों शिक्षक…हर विभाग में अलग अलग नियम, कहीं मिल रहा 100%, कही 70%, तो कही वेतन संरक्षण का लाभ

रायपुर 21 सितंबर 2022। बेहतर करने की चाहत किसे नहीं होती… ? ये अधिकार भी कानून ने दिया है कि कोई भी अभ्यर्थी अपनी क्षमता और बुद्धिमता के बल पर नीचे से ऊपर पद पर जा सकता….लेकिन शिक्षा विभाग में सब कुछ उलटा-पुलटा हो रहा है। यहां अगर निम्न पद से उच्च पद पर गये, तो आपका वेतन निम्न पद से भी कम हो जायेगा… हैरान मत होईये, ये हकीकत है, सहायक शिक्षक से शिक्षक और शिक्षक से व्याख्याता पद पर अपनी योग्यता से पहुंचे सैंकड़ों शिक्षक तकनीकी त्यागपत्र के चक्कर में ऐसे फंसे हैं कि उन्हें अपने पूर्व पद से भी कम वेतन मिल रहा है। दरअसल सरकार ने राज्य के नव नियुक्त कर्मचारियों के लिए 3 साल का ट्रेनिंग पीरियड माना है। हालांकि व्यवस्था तो ये बननी चाहिये थी कि चूंकि ये पूर्व में विभाग में कार्यरत रहे हैं, लिहाजा उन्हें ट्रेनी पिरियड के दायरे से मुक्त कर दिया जाना चाहिये था, लेकिन विभाग की तरफ से ऐसा कुछ नहीं किया गया।

इस दौरान पहले साल 70, फिर 80 और आखिर में 90 प्रतिशत स्टाइपेंड देने का प्रावधान रखा गया है। हालांकि इसमें भी हालात ये हैं कि भत्तों में शिक्षकों की कैची चल रही है। नियम में उल्लेख है कि वेतन भले ही 70 से 90 फीसदी होगा, लेकिन भत्ता शासकीय प्रावधानों के अनुसार होगा, लेकिन हर जिले में अलग-अलग नियम अधिकारी अपनाकर मनमर्जी तरीके से भत्तों का भुगतान 100%  और 70% कर रहे हैं।

कई बार अधिकारियों से गुहार लगाने और शासन स्तर पर ज्ञापन सौंपने के बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। लिहाजा निम्न से उच्च पद पर गये हजारों शिक्षक इन दिनों बेहद परेशान है। कुछ ने तो इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया है। इस संबंध में जब NW न्यूज ने अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि ये मामला शासन स्तर पर ही लिया जा सकता है।

क्या है तकनीकी त्यागपत्र का प्रावधान

छत्तीसगढ़ में बहुत से कर्मचारी- अधिकारी है जो उच्च योग्यता रखते है जिनके द्वारा सीधी भर्ती परीक्षा में भाग लेकर अपने नियोक्ता से विधिवत अनुमति देकर नवीन उच्च पद में तकनीकी त्यागपत्र के अंतर्गत कार्यभार ग्रहण किया जाता है। वित्त विभाग के द्वारा तकनीकी त्यागपत्र में संबंध स्पष्ट आदेश 2018 में जारी किये जाने के बाद भी जिलों में वेतन-भत्तों को लेकर एकरूपता नहीं है। ज्ञात हो की वित्त विभाग महानदी भवन रायपुर के द्वारा 3 अगस्त 2018 को तकनीकी त्यागपत्र के संबंध में स्पस्ट दिशा निर्देश जारी किया गया है। जिसमे स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि विधिवत तकनीकी त्यागपत्र के श्थिति में पूर्व सेवाकाल का अवकाश, सेवा पुस्तिका, पेंशन की गणना और वेतन संरक्षण का लाभ दिया जाएगा। इसके बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग के अलग अलग विकासखण्ड में अलग अलग वेतन कही 100% तो कही, 70% तो कही पर पदोंन्नति या नियुक्ति में 22 डी के आधार पर वेतन संरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। स्पष्ट आदेश होने के बाद भी कुछ दिन पहले 8 मार्च 2021 को नवीन परीविक्षा अवधि नियम लागू किया गया, जिसमें तकनीकी त्यागपत्र के विषय में किसी प्रकार का उल्लेख नही है।

अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नियम चल रहा

ऐसे में आदेश यथावत है फिर भी डीपीआई 02।02।2022 के समस्त संभागीय संचालकों को पत्र लिखकर निर्देशित किया गया कि तकनीकी त्यागपत्र के विषय मे स्पष्ट निर्देश नही है, लिहाजा तकनीकी त्यागपत्र वालो को नवीन परीविक्षा अवधि नियम के अनुसार स्टायपंड का 70, 80 और 90% भुगतान किया जाए। जिसके बाद कोर्ट से स्टे के आधार पर आज भी बहुत से शिक्षक 100% वेतन ले रहे है और उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि भी मिल रही है। जबकि राज्य कर आयुक्त बिलासपुर वृत तीन द्वारा जारी एक गणना पत्रक के आधार पर पूर्व पद से जारी एलपीसी के आधार पर वेतन संरक्षण के आधार पर वेतन नियतन करते हुए सीधा 80% वेतन निर्धारण किया गया है। जबकि वही पर राज्य के एक और विभाग स्वाथ्य विभाग को स्टायपंड से छूट प्रदान करते हुए 100% वेतन परीविक्षा अवधि में दिए जाने के संबंध में आदेश विभाग द्वारा जारी किया गया है।

कोर्ट की शरण में जाने को विवश हैं कई शिक्षक

ऐसे में हजारों की संख्या में तकनीकी त्यागपत्र के आधार पर वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारी अधिकारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि हजारों की संख्या में तकनीकी त्यागपत्र के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी अधिकारी के लिए एक स्पस्ट आदेश का पालन भी विभागों द्वारा नहीं किया जा रहा है, बल्कि विभिन्न कारणों से उन्हें घुमाया जा रहा है। बहुत कर्मचारी अधिकारी इन्ही विषयो के लिए कोर्ट का रास्ता अपना चुके है। जबकि वित्त निर्देश 1972, 2018 के अनुसार तकनीकी त्यागपत्र की स्थिति में वेतन से संरक्षण, 1980 को जारी आदेश के आधार पर परीविक्षा अवधि पूर्ण कर चुके व्यक्ति को तकनीकी त्यागपत्र के श्थिति में पुनः परीविक्षा अवधि में न रखने और 2010 के मूलभूत पदोंन्नति या नियुक्ति नियम से निम्न से उच्च पद में गए तकनीकी त्यागपत्र वाले को एक निम्न वेतन वृद्धि का लाभ देकर उन्हें उच्च पद के आगामी क्रम में वेतन निर्धारण करने का स्पस्ट दिशा निर्देश दिया गया है।

Back to top button