शिक्षक/कर्मचारी

संयुक्त शिक्षक संघ ने की DA-HRA को लेकर 25 से 29 जुलाई तक काम बंद-कलम बंद हड़ताल में शामिल होने की अपील… गिरजा शंकर शुक्ला बोले- “कुछ किए बिना भी यूं हीं जय जयकार नही होती, कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती”


रायपुर 24 जुलाई 2022। केंद्र के समान देय तिथि से 34% महंगाई भत्ता DA एवं सातवे वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता HRA को लेकर छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारी एवं अधिकारी छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले आंदोलन के तीसरे चरण में 25 से 29 जुलाई 2022 तक 5 दिवस का काम बंद – कलम बंद हड़ताल करने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सभी संगठनों की तरह छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ, प्रांताध्यक्ष केदार जैन के अगुवाई शिक्षक कर्मचारियों के वास्तविक हक व अधिकार की लड़ाई में शुरू से फेडरेशन के साथ DA और HRA के लिए आवाज बुलंद करते आ रहा और इस आंदोलन में पूरी ऊर्जा के साथ लड़ाई को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा हैं। संघ के उप प्रांताध्यक्ष गिरजा शंकर शुक्ला ने कहा कि कर्मचारियों व छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहली बार हो रहा हैं जब कर्मचारियों को अपने DA और HRA के लिए चरणबद्ध हड़ताल करना पड़ रहा हैं।

इससे ही इस सरकार की कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशीलता का पता चल जाता हैं। हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या छत्तीसगढ़ के कर्मचारी छत्तीसगढीहा नही हैं? क्या उनका विकास, छत्तीसगढीहा का विकास नहीं हैं? क्या उनके साथ अन्याय होना, छत्तीसगढीहा के साथ अन्याय नहीं हैं? क्या सरकार अन्याय करने के लिए बनी हैं? सरकार बनाने से पहले कर्मचारियों से किए गए वायदे को सरकार आज क्यो भूल गई हैं? वह गंगाजल का कसम कहा गया जो सरकार बनाने से पहले खाया गया था। क्या यह गंगाजल का अपमान नहीं हैं इसे सरकार को जरूर बताना चाहिए। सरकार कर्मचारियों के लिए ही क्यो वित्तीय स्थिति का रोना रोती हैं। जबकि सरकार खुद छत्तीसगढ़ के बेहतर वित्तीय स्थिति का ढ़िढोरा पीटती हैं और जो सही भी हैं। अपने खुद के वेतन, भत्ते, सुविधा बढ़ाने में सरकार को सेकेंड भी नही लगता तब वित्तीय स्थिति याद नही आता। सरकार का यह काम निंदनीय और धोखेबाजी हैं। लेकिन अब कर्मचारियों ने भी कमर कस लिया है ऐसे असंवेदनशील सरकार को जरूर सबक सिखाया जाएगा।


साथियो कहा गया हैं जो अपने वास्तविक हक व अधिकार की लड़ाई नहीं लड़ता वह दुनिया का सबसे बड़ा बुजदिल व कायर व्यक्ति होता हैं। इसलिए आप सभी से अपील हैं कि अपने अधिकार की इस लड़ाई में आप सभी कर्मचारी एवं अधिकारी सत प्रतिशत शामिल जरूर होवे।


आप सभी जानते हैं यह चरणबद्ध आंदोलन हैं जिसका दो चरण सम्पन्न हो चुका है और यह तीसरा चरण हैं। प्रत्येक चरण मे आंदोलन तेज होते जा रहा है और यह तय है कि इस आंदोलन में सरकार ने हमारी मांगे पूरी नहीं कि तो आगे और तेज करते हुए आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। प्रत्येक आंदोलन का अपना एक दूरगामी असर होता हैं। कोई भी आंदोलन अंतिम नहीं होता। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में यह सतत चलने वाला कार्य हैं। कई आंदोलन में हम शून्य पर वापस आए है लेकिन उसका दूरगामी व सुखद परिणाम भी हमने पाया है। इसलिए इधर – उधर की बातों पर ध्यान न देते हुए, आपके सामने जो पूर्व से चरणबद्ध रूप में घोषित आंदोलन हैं उस ध्यान केंद्रित करते हुए आंदोलन में जरूर शामिल होवे।

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