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CG : हाईकोर्ट से कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल को नहीं मिली राहत, मेडिकल आधार पर हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार, 17 महीने पहले ईडी ने किया था गिरफ्तार

बिलासपुर 8 अप्रैल 2024। छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाला में गिरफ्तार कारोबारी सुनील अग्रवाल की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। आपको बता दे कि 17 महीने पहले ईडी ने कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल को अरेस्ट किया था। सुनील अग्रवाल के वकील ने मेडिकल के आधार पर हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका प्रस्तुत किया गया था। जिस पर हाईकोर्ट के जस्टिस एनके व्यास ने करीब एक माह पहले आर्डर रिजर्व रखा था। अब कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर सुनील अग्रवाल को जमानत देने से इंकार कर दिया है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के शासनकाल में हुए बहुचर्चित कोयला घोटाला में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने जांच के बाद आईएएस, व्यापारियों व राजनीति से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया था। ईडी की जांच में राजनेता और बिचौलियों के माध्यम से कोयला परिवहन में कमीशनखोरी कर अरबों रूपये का घोटाला सामने आया था। इस केस में ईडी ने राज्य सरकार से जुड़े अफसरों के साथ ही कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। ईडी ने अब तक की जांच में राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल समेत नौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

ईडी ने बताया था कि 2 साल के अंदर 540 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। कोयला परिवहन में 25 रुपए टन की लेवी मामले में ईडी ने इंद्रमणि कोल के डायरेक्टर सुनील अग्रवाल को 11 अक्टूबर 2022 को गिरफ़्तार किया था। ईडी का आरोप है कि कोल स्कैम मामले के सूर्यकांत तिवारी के काले धन को सुनील अग्रवाल के ज़रिए सफ़ेद करने और संपत्तियों में निवेश किया गया। सुनील अग्रवाल ने हाईकोर्ट में 15 फरवरी 20020 को पहली बार ज़मानत याचिका लगाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद कारोबारी सुनील अग्रवाल के वकील ने हाईकोर्ट में दूसरी बार जमानत अर्जी लगाई थी।

जिसमें उन्होंने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत देने की मांग और अपने इलाज से संबंधित मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश किए थे। वहीं ईडी ने अपनी विशेष अदलात में दिए गए आवेदन का हवाला दिया गया। जिसमें बताया गया कि सुनील अग्रवाल ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देकर दिसंबर 2022 से लगातार जेल अस्पताल में रहे। इसके साथ ही मेडिशाइन अस्पताल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में तीन महीने से ज्यादा समय बिता चुके हैं। जेल प्रबंधन की ओर से लगातार उनका इलाज कराया जा रहा है। ऐसे में जमानत देना उचित नहीं है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने करीब एक माह पहले फैसला सुरक्षित रखा था। जिस पर अब फैसला देते हुए कोर्ट ने कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

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