हेडलाइन

जानिये कौन है कुमारी शैलजा ?…आखिर उन्हें क्यों मिली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले छत्तीसगढ़ की कमान… बड़ा दलित चेहरा… सोनिया गांधी की बेहद खास…. और…

रायपुर 5 दिसंबर 2022। कांग्रेस में देर शाम हुए फेरबदल में कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ का नया प्रभारी बनाया गया है। शैलजा छत्तीसगढ़ में प्रभारी रहे पीएल पुनिया की जगह लेंगी। हिसार की रहने वाली कुमारी शैलजा केंद्र सरकार में मंत्री भी रही है। सोनिया गांधी के बेहद करीबी मानी जाने वाली कुमार शैलजा ने पंजाब यूनिवर्सिटी से दर्शन शास्त्र में एमफिल की है। कुमारी शैलजा का जन्म 24 सितंबर 1962 को हिसार जिले के प्रभुवाला गांव में हुआ। शैलजा ने 15वीं लोकसभा में केंद्रीय मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी संभाली, वो भारत सरकार में बतौर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभारी आवास शहरी गरीबी उन्नमूलन व पर्यटन मंत्रालय संभाल चुकी है। उन्होंने इस निर्वाचन क्षेत्र में दो कार्यकालों तक कार्य किया। अंबाला में सेवा देने से पहले, वे दो कार्यकालों के लिए सिरसा निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनी गई थीं। सोनिया गांधी की करीबी मानी जाने वाली शैलजा 2019 में हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी है।

चुनाव के ठीक पहले शैलजा को कमान दिये जाने के पीछे एक बड़ी वजह ये है कि वो दलित वर्ग से आती है। मुखर वक्ता के साथ गांधी परिवार की बेहद खास है। उनकी गिनती बेहद तेज तर्रार कांग्रेस नेत्री में रही है। सबसे अहम बात ये है कि उन्हें सत्ता और संगठन दोनों में रहने का खासा अनुभव है। महिला कांग्रेस के साथ-साथ हरियाण कांग्रेस जैसे उथल पुथल वाले राज्य की भी कमान संभाल चुकी है। छत्तीसगढ़ में मौजूदा हालात में सांगठनिक तौर पर सामंजस्य प्रभारी पीएल पुनिया नहीं बना पा रहे थे। कई बार बैठकों में उनके निर्देश के अनुरूप काम भी नहीं हुआ था। माना जा रहा था कि पुनिया की बातों को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं मिल रही थी, लेकिन शैलजा बेहद सख्त हैं और उन्हें संगठन चलाने का भी बखूबी अनुभव है। इन्हीं वजहों से उन्हें छ्त्तीसगढ़ की कमान चुनाव के ठीक पहले दी गयी है।

कुमार शैलजा प्रमुख दलित नेता चौधरी दलबीर सिंह की बेटी हैं। शैलजा की पढ़ाई दिल्ली के जीसस एंड मेरी स्कूल में हुई। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एम फिल की और फिर राजनीति में कदम रखा। 1990 में उन्हें महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। 10वीं लोकसभा में वो सिरसा लोकसभा से सांसद बनी। नरसिंह राव की सरकार में उन्हें शिक्षा एवं संस्कृति राज्य मंत्री बनाया गया। 1996 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के काफी खराब प्रदर्शन के बावजूद कुमारी शैलजा फिर से चुनी गयी। 2004 के आम चुनाव में अंबाला से चुनाव जीती और केन्द्रीय राज्य मंत्री बनीं।

कुमार शैलजा से जुड़ी दिलचस्प जानकारी

  • 2014
  • Ceased to be a member of the Lok Sabha upon election as Member of Rajya Sabha. राज्यसभा की सदस्य के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने से रोक दिया गया
  • 2011
  • केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन और संस्कृति और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय।
  • 2009
  • केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन और पर्यटन।
  • 2009
  • वे भाजपा के रतन लाल कटारिया को हराकर अंबाला से चौथे कार्यकाल के लिए 15 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुनी गईं।
  • 2004
  • केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय।
  • 2004
  • भाजपा के रतन लाल कटारिया को दो लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर उन्हें अंबाला से तीसरे कार्यकाल के लिए 14 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुना गया।
  • 1996
  • सचिव और प्रवक्ता, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी।
  • 1996
  • वे दूसरे कार्यकाल के लिए सिरसा से 11 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुनी गईं। हालांकि, वे आगामी चुनाव हार गईं।
  • 1995
  • केंद्रीय राज्य मंत्री, शिक्षा और संस्कृति विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय।
  • 1992
  • केंद्रीय उप मंत्री, शिक्षा और संस्कृति विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय।
  • 1991
  • जेपी के हेत राम को एक लाख मतों के अंतर से हराकर वे सिरसा निर्वाचन क्षेत्र से 10 वीं लोकसभा के लिए चुनी गई।
  • 1990
  • वे अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की संयुक्त सचिव चुनी गईं।

Back to top button