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NW न्यूज 24 स्पेशल : मुख्यमंत्री भूपेश का अब पूरा देश मानने लगा है लोहा, मोदी भी है “गोधन योजना” के मुरीद ….. नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में PM ने तो सार्वजनिक तौर पर कर दी CM की तारीफ


रायपुर 17 अगस्त 2022।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक में कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक कर रहे थे। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बैठक से संबन्धित एजेंडा बिन्दुओं के अतिरिक्त राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बात रखी। वहीं बैठक में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का जिक्र भी किया। प्रधानमंत्री ने गोधन न्याय योजना का जिक्र करते हुए कहा कि गोबर से तैयार हो रहे वर्मी कम्पोस्ट खेतों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक हैl कहा यह किसानों के हित में अच्छी योजना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार इस पर अच्छा काम कर रही है। बैठक के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि बैठक में पिछले साढ़े तीन वर्षों में नीति आयोग ने प्रदेश के आकांक्षी जिलों के बेहतर प्रदर्शन की सराहना की है। लेकिन राज्य में संसाधनों की समस्याएँ अभी भी हैं, जिनका समाधान होना चाहिए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ अनाज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू करने के साथ ही छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन गठित किया गया है। सीएम बघेल ने सुझाव दिया कि फसल विविधीकरण एवं दलहल, तिलहन का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवीन विकसित फसल क़िस्मों के नि:शुल्क बीज मिनी किट एवं ब्रीडर सीड बड़े पैमाने पर कृषि अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

20 हजार से कम आबादी वाले शहरों में लागू हो मनरेगा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अँग्रेजी माध्यम स्कूल की स्थापना सहित अच्छी गुणवत्ता की अधोसंरचना, उपकरण, शैक्षिक तथा पाठ्य सहगामी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। वहीं, नगरीय प्रशासन पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने लगातार तीन वर्षों से राज्य स्वच्छ सर्वेक्षण में बाजी मारी है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में बेहतर कार्य किए गए हैं।

उन्होंने सुझाव दिया कि शहरों के निकट स्थित ग्रामीण क्षेत्रों एवं 20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू की जाये। इसके अलावा उन्होंने बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है, आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गयी है, इसलिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के पश्चात भी आगामी 05 वर्षों के लिए जारी रखा जाये। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्षों के केन्द्रीय बजट में छतीसगढ़ को केन्द्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ कम प्राप्त हुए हैं। जिससे राज्य के संसाधनों पर अत्याधिक दबाव की स्थिति निर्मित हुई है।

केंद्रीय करों के हिस्से की राशि पूरी दी जाए

सीएम बघेल ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 295 रुपये प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की। उन्होने कहा कि राज्य का लगभग 65 प्रतिशत खनिज राजस्व का स्रोत प्रदेश में संचालित लौह अयस्क खानें है। रॉयल्टी दरों में संशोधन राज्य के वित्तीय हित में आवश्यक है। मुख्यमंत्री बघेल ने कोयला एवं अन्य मुख्य खनिजों की रॉयल्टी की दरों में संशोधन का अनुरोध किया।सीएम बघेल ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा पर होने वाला व्यय केंद्र शासन द्वारा वहाँ किया जाना चाहिए। नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुये सुरक्षा व्यय 11 हजार 828 करोड़ रुपये को केंद्र सरकार द्वारा वहन करते हुये राज्य को इस बकाया से मुक्त किया जाए।मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के वनांचल 10 आकांक्षी जिलों में 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में वन संरक्षण अधिनियम के तहत छूट देने का भी आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होने नवीन पेंशन योजना में जमा राशि की वापसी, जूट बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने सहित अन्य लंबित मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया।


मुख्यमंत्री ने यह मांगें भी रखीं

  • बजट में केंद्रीय करों में 13089 करोड़ की कमी को पूरा किया जाए।
  • कोयला उत्खनन से प्रति टन 294 रुपये के मान से प्राप्त 4140 करोड़ रुपया शीघ्र दिया जाए।
  • 65 % खनिज रायल्टी लौह अयस्क से मिलती है, रायल्टी दरों में संशोधन राज्य के वित्तीय हित में है।
  • नक्सल उन्मूलन में तैनात केंद्रीय बल पर राज्य का 11828 करोड़ खर्च हुआ। ये खर्च केंद्र उठाए।
  • 10 आकांक्षी जिलों में पांच मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में वन संरक्षण से छूट दी जाए।

अब तक 155.58 करोड़ से ज्यादा की गोबर खरीदी हुई

गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई देश की पहली योजना है जिसके जरिए गोबर खरीद कर उर्रवरक बनाया जा रहा है और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में गोबर खरीद योजना की शुरूआत जुलाई 2020 में हुई थी। इसके तहत तहत गौठानों में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदा जा रहा है और फिर वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाता है।

अब तक गोधन न्याय योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों के लाभार्थियों को 322.94 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय यजना के तहत पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने 155.58 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के गोबर की खरीद की है। स्वयं सहायता समूहों ने 22 लाख क्विंटल से अधिक वर्मीकम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट और गोबर से उर्वरक तैयार किए हैं सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को सस्ती कीमत पर वर्मीकम्पोस्ट बेचा जा रहा है। इस योजना के तहत अब तक स्वयं सहायता समूहों और गौठान समितियों को 156.36 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। 

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