आदिवासी आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस के सभी आदिवासी मंत्री व विधायक के साथ सर्व आदिवासी समाज करेगा मुख्यमंत्री से मुलाकात… अब से कुछ देर बाद होगी मुलाकात… विकल्पों पर सरकार ले सकती है कुछ निर्णय
रायपुर 8 अक्टूबर 2022। आरक्षण के मुद्दे छत्तीसगढ़ की सियासत गरम है। आज शाम छत्तीसगढ़ के आदिवासी मंत्री, विधायक और सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री से मिलने वाले हैं। मुलाकात के दौरान कोर्ट से अलग आदिवासी वर्ग को राहत देने की मांग की जायेगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण की दिशा में राज्य सरकार की तरफ की गयी पहल को लेकर जानकारी ली जायेगी। इससे पहले आज रायपुर में सर्व आदिवासी समाज की बैठक हुई, बैठक में अलग-अलग बिंदुओं पर चर्चा की गयी। जानकारी ये भी है कि सर्व आदिवासी समाज की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी है।
बैठक के बाद कांग्रेस भवन में देर शाम हुई प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस ने आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आये फैसले को लेकर विस्तार से बात की। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा ने जानबूझकर आरक्षण के मुद्दे पर अपना पक्ष कमजोर रखा। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा की तरफ से आरक्षण के मुद्दे पर हो रहे प्रदर्शन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भाजपा कभी भी आदिवासियों की हितैषी नहीं हो सकती। मोहन मरकाम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ये पूर्ववर्ती फैसला है कि अगर 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण करना है, तो उचित कारण का उल्लेख करना होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। यहां तक कमेटियों की सिफारिशों को भी नजरअंदाज किया गया।
प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि भाजपा आदिवासियों के आरक्षण पर सिर्फ दिखावा कर रही है। कांग्रेस सरकार ने हमेशा आदिवासी हित का ख्याल रखा, लेकिन भाजपा ने आदिवासी हित के संरक्षण के लिए कुछ नहीं किया। टेकाम ने कहा कि एक साजिश के तहत आदिवासियों के आरक्षण के प्रावधान को कमजोर तौर पर कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
वहीं मंत्री कवासी लखमा ने भाजपा की नीति और नियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा कभी भी आदिवासियों के साथ नहीं रही। आरएसएस के ईशारे पर भाजपा ने हमेशा समाज में फूट पैदा की और आपस में लड़ाने का काम किया।