ऑनलाइन छुट्टी बनेगा जी का जंजाल: शिक्षकों की ऑनलाइन छुट्टी पर नाराजगी बढ़ी, शिक्षक संघ ने जताया विरोध, मनीष मिश्रा बोले, ये तुगलकी फरमान तुरंत लें वापस

रायपुर 5 अगस्त 2024। शिक्षकों के लिए ऑनलाइन छुट्टी का फरमान जारी हुआ है। DPI ने दो टूक निर्देश जारी किया है कि 12 अगस्त से शिक्षकों को हाथ लिखे आवेदन पर छुट्टियां नहीं मिलेगी। उन्हें छुट्टी के लिए अब आनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन भी ऑनलाइन होगा और स्वीकृति भी ऑनलाइन होगी। लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े कर्मचारियों वाले “शिक्षा विभाग” में इसके क्रियान्वयन पर सवाल भी है और सस्पेंस भी। लिहाजा, अब शिक्षकों में इसे लेकर विरोध भी शुरू हो गया है। शिक्षकों ने दो टूक कहा है कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इसका क्रियान्वयन हो ही नहीं सकता। इसके पीछे शिक्षकों का जो तर्क है, वो बिल्कुल वाजिब है।

  • सवाल नंबर-1

आपात स्थिति में छुट्टी लेने की क्या प्रक्रिया होगी? अचानक से छुट्टी की जरूरत हुई, तो फिर छुट्टी कैसे मिलेगी?

  • सवाल नंबर-2

जिस प्रदेश में आज भी कई इलाका मोबाइल की कनेक्टविटी से जुडा नहीं है, फिर चाहे बात बस्तर या सरगुजा की कर लें, तो वहां ऑनलाइन छुट्टी कैसे प्रभावी होगी।

  • सवाल नंबर -3

निर्देश में कहा गया है कि शाला समय के पूर्व शिक्षकों को छुट्टी का आवेदन करना होगा, ऐसे में अगर कोई अचानक हादसा होता है, तो फिर छुट्टी कैसे स्वीकृत होगी।

  • सवाल नंबर-4

छुट्टी में बढोत्तरी के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा? ऐसे में छुट्टी में गये शिक्षक को अगर नेटवर्क की कनेक्टविटी नहीं मिली, तो फिर छुट्टी एक्सटेंड कैसे होगा।

  • सवाल नंबर -5

आज भी कई शिक्षक तकनीक से अनजान हैं। ऐसे में जो शिक्षक मोबाइल या कंप्युटर नहीं जानते हैं, वो छुट्टी का आवेदन कैसे कर पायेंगे?

  • सवाल नंबर-6
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आनलाइन अटेंडेंस का फरमान भी ऐसे ही बिना तैयारी के लागू हुआ था, … कहीं वैसे ही आनलाइन छुट्टी का आदेश भी तो भी ठंडे बस्ते में नहीं चला जायेगा?

  • सवाल नंबर -7

तकनीकी प्रक्रिया की कई पेचिदगियां भी होती है। अगर तकनीकी वजह से कोई आवेदन पोर्टल में अपलोड किये जाने के बाद भी सेंड नहीं हो सका तो फिर क्या होगा ?

  • सवाल नंबर-8

क्या शिक्षकों के लिए छुट्टी का कोई ऑफलाइन भी रास्ता रखा गया है? अगर तकनीकी दिक्कत हो या फिर जिन्हें कंप्युटर या मोबाइल नहीं आता हो, तो वो आफलाइन छुट्टी ले सकते हैं।

तुगलकी फरमान विभाग तुरंत ले वापस- मनीष मिश्रा

सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा है कि ये तुगलकी फरमान है। ऐसे आदेश बिना होमवर्क और जमीनी हकीकत जाने ही लागू कर देना, विभाग की शिक्षक विरोधी मानसिकता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि हमनें देखा था कि आनलाइन अटेंडेंस के वक्त किस तरह से शिक्षक पेंड़ पर लटककर, छतों पर चढ़कर आवेदन बनाने के लिए जान जोखिम में डालते रहते थे। अब वैसा ही काम छुट्टी के लिए भी होगा। विभाग के अधिकारियों को क्या ये मालूम नहीं है कि इमरजेंसी कभी भी बताकर नहीं आती? कहीं राह चलते कोई हादसा हो गया, तो फिर वो क्या अस्पताल जाने से पहले आनलाइन छुट्टी का आवेदन करेगा? जहां नेटवर्क नहीं है, बिजली नहीं है, वहां शिक्षक छुट्टी नहीं लेगा क्या ? मनीष मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों के लिए ही क्यों ऐसा फरमान जारी किया जाता है, ये समझ नहीं आ रहा है। मनीष मिश्रा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से अपील की है कि वो शिक्षक हित के बारे में सोचें और ऐसे बेफिजुल के आदेश को तत्काल वापस लें। विभाग को ऐसे लागू करने से पहले प्रदेश में आधारभूत सरंचना को बेहतर करना चाहिये। सिर्फ वाहवाही बटोरने के लिए इस तरह का आदेश जारी करना कतई उचित नहीं है।

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डीपीआई ने जारी किया छुट्टी को लेकर निर्देश

12 अगस्त से आनलाइन छुट्टी शिक्षकों के लिए अनिवार्य हो रही है। इसे लेकर गाइडलाइन में कहा गया है कि आकस्मिक, ऐच्छिक छुट्टी के लिए पोर्ट में आवेदन अधिकारियों, शिक्षकों व कर्मचारियों की तरफ से शाला व कार्यालय प्रारंभ होने के पूर्व किया जाना होगा। अगर कार्यालय या स्कूल शुरू हो चुका है, तो उसके बाद किया गया आकस्मिक व ऐच्छिक अवकाश का आवेदन अमान्य होगा। छुट्टी का आवेदन मिलने पर सक्षम अधिकारी को उसी दिन आवेदन को स्वीकृत और निरस्त करना होगा। अर्जित, अर्धवैतनिक, लखुकृत, मातृत्व, संतान पालन अवकाश के लिए आवेदन आनलाइन पोर्टल में अवकाश नियम 2010 के अनुसार निर्धारित प्रपत्र में अपलोड किया जायेगा। इन अवकाश पर सक्षम अधिकारी 7 दिन के भीतर अवकाश को स्वीकृत या अस्वीकृत कर पोर्टल में प्रविष्ट करेंगे। अवकाश का उपयोग करने के बाद पोल्टल क जरिये से आन्लाइन ज्वाइन करना होगा। वहीं मूल शाला से अन्य व्यवस्था में कार्यरत कर्मचारी या अधिकारी व शिक्षक को अवकाश के लिए अपने मूल संस्था के सक्षम अधिकारी को ऑनालइन आवेदन करते हुए आवेदन की हार्डकॉपी पोर्टल से प्राप्त कर कार्यरत संस्था में जमा कराना होगा। सक्षम प्राधिकारी उनके आवेदन पर की गयी कार्यवाही की पोर्टल में प्रविष्ट कराया जायेगा।वहीं जेडी और डीईओ का आकस्मिक व ऐच्छिक अवकाश पूर्व की तरफ कलेक्टर व कमिश्नर की तरफ से ही स्वीकृत किया जायेगा। जबकि बाकी छुट्टियां पोर्टल के जरिये ही स्वीकृत होगी।

 

 

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