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पदोन्नति के लिए इस फार्मूले से तय होगी वरिष्ठता : राज्य सरकार के निर्देश के बाद इस फार्मूले से बनी है वरिष्ठता….प्रमोशन को लेकर हर कन्फ्यूजन होगा दूर, पदोन्नति से जुड़े हर सवाल का जवाब मिल जाएगा

रायपुर 6 जनवरी 2022। प्रदेश में सहायक शिक्षकों और शिक्षकों की पदोन्नति होनी है जिसके लिए राजपत्र का प्रकाशन भी हो चुका है और आने वाले दिनों में पूरी प्रक्रिया संपन्न भी हो जाएगी लेकिन अभी भी सोशल मीडिया में वरिष्ठता निर्धारण को लेकर सहायक शिक्षकों और शिक्षकों का प्रश्नों का दौर जारी है।

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इसे देखते हुए हमने इस संबंध में जानकारी जुटाने की कोशिश की है और इसके लिए हमने प्रश्नों के माध्यम से शिक्षक नेता विवेक दुबे से बात की । देखें उन्होंने क्या दिया है जवाब

प्रश्न -सहायक शिक्षकों और शिक्षकों समेत व्याख्याताओं की जो सूची बनी है उसमें वरिष्ठता का निर्धारण कैसे किया गया है ??

विवेक दुबे :- देखिए संविलियन के पश्चात जो वरिष्ठता सूची तैयार की गई है उसमें वरिष्ठता का निर्धारण नियुक्ति के मेरिट क्रम के आधार पर किया गया है यानी जिसका रैंक ऊपर है वह वरिष्ठता क्रम में ऊपर है । अब आप यह कहेंगे कि जहां पर परीक्षा ही नहीं हुई वहां पर मेरिट सूची कैसे बनाएंगे तो वहां पर भी कक्षा 12वीं , स्नातक स्नातकोत्तर और डीएड, बीएड के समग्र प्रतिशत के आधार औसत अंक तैयार कर मेरिट सूची तैयार हुई थी । कुल मिलाकर जब भी भर्ती होती है तो मेरिट सूची तैयार किया ही जाता है और उसी के आधार पर वरिष्ठता तैयार हुई है ।

प्रश्न :- तो क्या पहले जोइनिंग तिथि वाला नियम बदल गया है जिसमें अपराहन और पूर्वाहन तक में अंतर आ जाता था ।

विवेक दुबे :- जी हाँ , अब वह आधार लागू नहीं होता है पहले स्थिति यह थी कि जो पहले जॉइनिंग करता था वह सीनियर माना जाता था संविलियन के समय इस संबंध मैं मैंने सहायक संचालक श्री के सी काबरा सर से बात की थी तो उन्होंने वरिष्ठता के संबंध में स्पष्ट किया था की वरिष्ठता मेरिट क्रम पर तैयार हो रहा है । उन्होंने इस के संदर्भ में बताया भी था कि पहले जोइनिंग वाले नियम को क्यों हटाया गया है । उन्होंने बताया कि ” मान लीजिए व्यापम परीक्षा या प्रतिशत आधार पर दो लोगों का चयन होता है उसमें एक का रैंक पूरे प्रदेश में पहला है और दूसरे का 50वां , लेकिन जिसका रैंक पहला है उसे अपने जिले से ढाई सौ किलोमीटर दूर पोस्टिंग मिली और 50 रैंक वाले को अपने जिले में, तो स्वभाविक है कि जिसे अपने जिले में नियुक्ति मिली है वह अगले दिन ज्वाइन कर लेगा और जिसे दूर मिला है यानी पहला रैंक वाला वह चाह कर भी अगले दिन ज्वाइन नहीं कर पाएगा तो यह तो अन्याय हो गया इसीलिए मेरिट क्रम को ही वरिष्ठता का आधार माना जाता है । वरिष्ठता क्रम समान होने पर जन्मतिथि को आधार माना जाएगा ।

प्रश्न :- सहायक शिक्षकों को पंचायत में भर्ती करते समय एक ही तिथि में अलग-अलग जनपद पंचायत में भर्ती हुई और सबका अलग अलग मेरिट क्रम बना तो उनका निर्धारण कैसे होगा ।

विवेक दुबे :- जैसा कि मैंने आपको पहले बताया है की जब भी भर्ती हुई उसमें एक मेरिट क्रम तैयार किया गया समग्र प्रतिशत के आधार पर , तो अलग-अलग जनपद पंचायत जिन्होंने नियुक्ति की थी उनके पास भी समग्र प्रतिशत की जानकारी है अगर दो जनपद पंचायत में नियुक्ति एक ही तारीख को हुई है तो वहां दोनों के सूची को प्रतिशत आधार पर मर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि पदोन्नति होते समय दोनों जनपद पंचायत के शिक्षक जो कि अब जिला के कर्मचारी हो गए हैं का बराबर अधिकार है पदोन्नति पाने का , ऐसे में किसी एक जनपद के कर्मचारी को अलग से लाभ देना गलत है । इस प्रकार की हर समस्या का निदान है और जो भी गड़बड़ी की गई होगी जानबूझकर की गई होगी क्योंकि राज्य से इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी हुआ था संबंधित जिला और जनपद पंचायतों को ।

प्रश्न :- ट्रांसफर से सीनियरिटी लॉक होने वाला क्या नियम है ।

विवेक दुबे :- दरअसल सहायक शिक्षक नियुक्ति संबंधित जनपद पंचायत के लिए और शिक्षक और व्याख्याता की नियुक्ति संबंधित जिला पंचायत के लिए होती थी तो इसलिए नियम यह बनाया गया था कि कोई यदि संबंधित जिला या जनपद पंचायत से अपना स्थानांतरण अन्य जिला या जनपद पंचायत में कराता है तो नए जिला या जनपद पंचायत में कार्यभार ग्रहण तिथि से उसकी वरिष्ठता की गणना होगी । उदाहरण के लिए मैं खुद जसपुर जिले से बिलासपुर जिले में आया हूं और मेरी नियुक्ति 2013 की है और स्थानांतरण 2020 का तो मेरा बिलासपुर जिले में वरिष्ठता सूची में नाम 2020 से लिया गया है जो कि नियमानुसार सही है ।

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