बिग ब्रेकिंगहेडलाइन

DA-HRA की लड़ाई में नायक बनकर उभरे कमल वर्मा, 12 दिनों की हड़ताल की शून्य पर वापसी पर अपनों से भी पड़ा टकराना, कर्मचारी हित की बड़ी जीत पर कमल वर्मा ने कही दिल की बात.

रायपुर 19 जुलाई 2023। DA-HRA के संघर्ष में कमल वर्मा एक नायक की तरह उभरे हैं। जिस रणनीति के साथ DA-HRA की लड़ाई फेडरेशन ने लड़ी, वो अपने आप में काबिल-ए-तारीफ है। आशा-निराशा की पथरीली राह पर चलते हुए कर्मचारियों की आज जब सबसे बड़ी मांग पूरी हुई, तो सोशल मीडिया में कमल वर्मा की तारीफों के पुल बंध गये। राजधानी रायपुर में आज पूरे दिन सावन जमकर बरसा…और जब शाम में बारिश थमी, तो मुख्यमंत्री ने सौगातों की बौछार कर दी। कर्मचारी, अतिथि शिक्षक, पटवारी, पुलिसकर्मी, मितानिन कौन था, जिसके लिए मुख्यमंत्री ने अपने पिटारे नहीं खोले हैं। कर्मचारी संगठन जिन मांगों को लेकर महीनों तक सरकार से मुंह फुलाये बैठा था, वो शाम होते ही मुख्यमंत्री के मास्टर स्ट्रोक से ऐसे खुशनुमा पल में बदला, कि हर तरफ मुख्यमंत्री की तारीफों का तांता लग गया।

बेशक सौगात मुख्यमंत्री के पिटारे से निकला, लेकिन सौगात का श्रेय कर्मचारी संगठनों ने फेडरेशन प्रमुख कमल वर्मा के सर भी बांधा। पिछले साल जब 12 दिनों की हड़ताल हुई थी, तो वो दौर काफी कठिन रहा था। सरकार वार्ता के लिए झुकने को तैयार नहीं थी और दूसरी तरफ कर्मचारी संगठन ये दवाब बना रहे थे, कि हड़ताल से हटना नहीं है। ऐसे में अपने विटो पावर का इस्तेमाल कर कमल वर्मा ने खुद अपने दम पर ये फैसला लिया कि उन्हें हड़ताल को फिलहाल स्थगित करना चाहिये। हजारों कर्मचारियों ने इसे कमल वर्मा की नैतिक हार बताया और ट्रोल करना शुरू कर दिया।

लेकिन शून्य पर 12 दिन की हड़ताल से लौटने की आलोचना झेलने के बाद कमल वर्मा ने मानों खुद को और भी मजबूत कर लिया।पिछले महीने कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने और कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने हाथ मिलाया, तो 145 संगठनों का लंबा-चौड़ा कारवां खड़ा हो गया। कहते हैं जब भीड़ ज्यादा हो, तो उसे संभालना मुश्किल होता है, लेकिन मोर्चा की पहली लड़ाई 7 जुलाई को ना सिर्फ असरदार रही, बल्कि परिणाम भी लेकर आयी। मोर्चा से बेशक कर्मचारियों की लड़ाई मजबूत हुई, लेकिन इस बात में भी कोई शक नहीं, कि छोटी बड़ी रणनीति के सहारे कमल वर्मा का कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपने दम पर भी डीए और एसआरए की लड़ाई को आगे बढ़ाने में जुटा रहा।

और फिर बुधवार की शाम वो घड़ी आ गयी, जब मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ कर्मचारियों के महीनों के मलाल को पूरी तरह से मिटा दिया, बल्कि कर्मचारियों की मांगों को भी पूरा कर दिया। अब कोई नहीं कहेगा कि कर्मचारियों का डीए, केंद्र से कम हैं, हमें सातवें वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता नहीं मिल रहा है… कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय प्रमुख कमल वर्मा कहते हैं कि…

देखिये, हमलोगों से जितना हो सकता है, हमलोंगों  ने किया। ऐसा मैं नहीं कहता कि हमारी सभी मांगें पूरी हो गयी है, लेकिन जितना दिया गया है, उसके लिए मुख्यमंत्री जी का आभार तो मानना ही होगा। देर से ही सही, पर कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। मैं लाखों कर्मचारियों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने हमारे एक आह्वान पर हमारे साथ सड़कों पर उतरे, हम उन संगठन प्रमुखों का भी शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने हमें प्रांतीय संयोजक की अहम जिम्मेदारी दी। मैं सभी को आश्वास्त करना चाहूंगा कि लड़ाई कर्मचारियों की खत्म नहीं हुई है। जब-जब कर्मचारियों की हित की बात आयेगी, कमल वर्मा उनके लिए सबसे आगे खड़ा रहेगा।

कमल वर्मा, अध्यक्ष, कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन

वैसे देखा जाये तो अनुपुरक में कर्मचारियों के लिए आधा दर्जन घोषणाएं करके मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संवर्ग की सभी मांगों को एक साथ ही निपटारा करवा दिया। सदन में घोषणा हुई कि सरकारी कर्मचारियों को 4 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में 9 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 6 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता सातवें वेतनमान के अनुसार एवं संविदा कर्मचारियों के वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा का छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा द्वारा दोनों हाथ उठाकर स्वागत किया गया है एवं मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया गया है। संयुक्त मोर्चा के नेतृत्वकर्ता कमल वर्मा, अनिल शुक्ला एवं महेन्द्र सिंह राजपूत ने कर्मचारी हितैषी निर्णयों पर खुशी जाहिर करते हुए शीघ्र ही मुख्यमंत्री से शेष मांगो पर चर्चा कर समाधान निकालने की बात कही है।

कर्मचारी संगठनों ने जताया आभार

मांगों के पूरा होने पर संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ताद्वय संजय तिवारी एवं चन्द्रशेखर तिवारी सहित संयुक्त मोर्चा समस्त घटक संघों के प्रांताध्यक्षों ने प्रसन्नता जताते हुए शासन के प्रति आभार प्रकट किया है। संयुक्त मोर्चा द्वारा कर्मचारियों की आवाज को बुलंद करते हुए 5 सूत्रीय मांगों का मांग पत्र द्वारा हड़ताल का नोटिस शासन को प्रेषित कर विगत 7 जुलाई को प्रदेशव्यापी हड़ताल की घोषणा की गई थी। उसी तारतम्य में एक दिन पूर्व 6 जुलाई को केबिनेट में 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता की घोषणा की गई। किंतु कर्मचारियों का आक्रोश 7 जुलाई की एक दिवसीय प्रांतव्यापी हड़ताल के रूप में दिखाई दिया। इसके पश्चात मोर्चा द्वारा पांचों मांगों की पूर्ति के लिए 31 जुलाईतक का अल्टीमेटम देकर 1 अगस्त से मंत्रालय, संचालनालय सहित प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का आह्वान किया था। हड़ताल के परिप्रेक्ष्यमें संयुक्त मोर्चा से घटक संगठनों की अतिशीघ्र बैठक रायपुर में आयोजित की जा रही है।

Back to top button