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स्काई वॉक का सोया जिन्न जागा : आरपी सिंह ने CM को जांच के लिए सौंपी शिकायत…तो मूणत बोले- दम है तो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज से जांच कराये

रायपुर 24 सितंबर 2022। स्काई वाक का सोया जिन्न फिर जाग गया है। कांग्रेस नेता ने जहां इस मामले में मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र सौंपकर स्काई वाक की जांच की मांग की है, तो वहीं राजेश मूणत ने चैलेंज किया है कि दम है तो रिटायर न्यायाधीश से भी इस मामले में जांच करा लें। दरअसल शनिवार को कांग्रेस नेता आरपी सिंह ने इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखित शिकायत की। आरपी सिंह ने अपने शिकायत में निर्माण कार्य में वित्तीय अनियमितता की तरफ भी मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया है। शिकायत में आरपी सिंह ने प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि अधिकारियों पर तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत ने दवाब बनवाकर निर्माण कार्य शुरू करवाया।

आरपी सिंह ने अपने शिकायत में तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि स्काई वाक के प्रोजेक्ट के लिए राजेश मूणत ने अपने रसूख का इस्तेमाल किया और अधिकारियों पर दवाब बनाकर भ्रष्टाचार का स्मारक तैयार करवा दिया। उन्होंने अपने शिकायत में सिलसिलेवार तरीके से वित्तीय गड़बड़ियों की तरफ भी इशारा किया है।

मूणत ने लगे आरोपों पर प्रेस काँफ्रेंस कर जवाब दिया। मूणत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्काईवॉक पूरा नहीं करने और अपनी नाकामी को छुपाने के लिए अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वही अधिकारी है, वही ठेकेदार है उसके बाद भी 4 साल तक राज्य सरकार स्काईवॉक को पूरा नहीं कर पाई। मूणत ने कहा कि पाटन क्षेत्र में भाजपा के 15 साल के कार्यकाल अंतराल में निर्माण कार्य के लिए जो स्वीकृत हुए थे वह भी अब तक पूरे नहीं हुए राजधानी के टाटीबंध ओवर ब्रिज अब तक पूरा नहीं बन पाया। राजेश मूणत ने राज्य सरकार को चैलेंज करते हुए कहा की सरकार में दम है तो स्काईवॉक कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर न्यायाधीश से जांच करा ले। थोथी राजनीति ना करें ,उस पर निर्णय करें।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले सरकार यह बताएं कि 4 साल वह सो रही थी क्या ? उन्होंने कहा कि सेक्रेटरी भी यही है, ठेकेदार भी यही है और अधिकारी भी हैं और उस कार्य की फाइल भी सरकार के पास है, आखिर आपने किया क्या ? 4 साल में आप यह नहीं तय कर पाए की इस स्काईवॉक का करना क्या है , शहर की बनी हुई एक स्मार्ट सड़क जिसमें लोग आ जा रहे हैं उस एक्सप्रेसवे की छोटी सी तकनीकी खामी को मरम्मत करने में आपने 4 साल लगा दिए। ऐसी सरकार से क्या अपेक्षा कर सकते है। टाटीबंध, चरोदा और कुम्हारी के लाखों नागरिक पूछ रहे हैं कि जो ब्रिज बनना था वह आज तक बना क्यों नहीं ।

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