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इसी माह किसानों के खाते में आयेगी राशि, मिलेगी चौथी किश्त…..मुख्यमंत्री ने किया कृषि प्रदर्शनी का उदघाटन, बोले- ये प्रदेश किसानों व वनवासियों का…15 साल तक उनसे होता रहा छलावा

रायपुर 12 मार्च 2022। मुख्यमंत्री भूपेस बघेल ने आज कृषि महाविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी एवं किसान मेला का उद्घाटन किया। इस मेले में शासकीय, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की 132 संस्थाएं कृषि तकनीक एवं उत्पादों का प्रदर्शन कर रही है। ये प्रदर्शनी चार दिनों तक चलेगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि  छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र तीन साल से लगातार काम हो रहा है। हमारे पुरखों ने जो रास्ता बताया है उस पर चल रहे हैं, वो जो रास्ता बताते हैं उस रास्ते पर कांटा नहीं लगता है। ये किसान और वनवासियों का प्रदेश है, पैसा का समान वितरण होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि  पिछले 15 साल से लगातार किसानों के साथ छलावा हुआ है। हमारी सरकार ने 2500 रुपये बोनस  दिया और ऋण माफ भी किया, हमने सभी वर्ग के किसानों का कर्जा माफ किया, कमर्शियल बैंकों में भी हमने पैसा जमा किया, हमने राजीव गांधी किसान योजना लागू की, फिर कोरोना की वजह से सरकार का राजस्व भी कम हुआ लेकिन हमने फिर भी किस्तों में पैसा दिया, हमने किसानों से जो वादा किया उससे पीछे नहीं हटे, इस माह के आखिरी तक चौथी क़िस्त भी आपके खाते में आ जायेगी।

उन्होंने कहा कि हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ की, पिछली सरकार में कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी थी, मवेशियों को इस गांव से उस गांव में छोड़ आते थे लेकिन हमने गौठान बनाकर इसकी व्यवस्था की, 8 हजार गौठान बन चुके हैं, कहीं भी कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं बनी, ये योजना सरकार की नहीं बल्कि हम सबकी है। देश का कोई मुख्य मंत्री गोबर से बना सूटकेस लेकर बजट पेश करने नहीं किया, हमने किया।  गांवों के उत्पादन केंद्र खत्म होने से अर्थव्यवस्था में गिरावट आयी, बौद्धिक संपदा में पलायन हुई और इससे भारत और छत्तीसगढ़ का बहुत नुकसान हुआ.
3 साल में किसानों के खाते में 91 हजार करोड़ रूपए जमा हुए हैं।

उन्होंने कहा कि बजट का एक तिहाई किसानों को मिला है। अब किसानों के खाते में पैसे बच रहे हैं, इसीलिए गौठानों को औद्योगिक पार्क में डेवलप करने जा रहे हैं। स्थानीय युवा अब उद्योग लगाएंगे और हम उन्हें लोन भी देंगे। हम गांव गांव में आर्थिक स्वावलंबन को बढ़ावा देंगे।  सी-मार्ट हर जिले में खोल रहे हैं, गांव के उत्पाद अब शहरों में बिकेंगे। छत्तीसगढ़ प्राकृतिक रूप से बहुत कुछ दे रहा है, जमीन के नीचे भी और उपर भी। देश में केवल छत्तीसगढ़ में 3 हजार की दर से कोदो कुटकी खरीदा जा रहा है। हमारी सरकार ने किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब दाम दिया और ऋण माफ भी किया, हमने सभी वर्ग के किसानों का कर्जा माफ किया, हमने राजीव गांधी किसान योजना लागू की, फिर कोरोना की वजह से सरकार का राजस्व भी कम हुआ लेकिन हमने फिर भी किस्तों में पैसा दिया, हमने किसानों से जो वादा किया उससे पीछे नहीं हटे, इस माह के आखिरी तक चौथी क़िस्त भी आपके खाते में आ जायेगी। दो रुपये किलो में गोबर खरीदी शुरू की, अब तो गोबर से गुलाल तक बन रहा है। पहले गोबार से घर को लीपते थे अब भी घर मे भले ही टाइल्स लगे हों लेकिन शुभ काम मे गोबर से ही लीपते हैं।

हम सभी गांव के पले बढ़े हैं हम गांव वालों की तकलीफ समझते हैं, आज किसानों को पैसा की समस्या नहीं है, खातों में पैसा पहुँचता है। सुराजी ग्राम योजना के माध्यम से गांवों में स्वावलम्बन हो रहा है, हमने उत्पादन के साथ बेचने की भी व्यवस्था की है, इसके लिए हर जिले में हम सीमार्ट खोल रहे हैं। कांकेर में कोदो, कुटकी मिलिंग का प्लांट खोला है, उसका भी हमने समर्थन मूल्य घोषित किया है। हम अभी भी अक्षय तृतीया पर धरती माता से पूजा कर खेती करने की अनुमति लेते हैं। हम डंके की चोट पर गौ माता की सेवा करते हैं।

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