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कौन हैं जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ जो बनने जा रहे हैं अगले मुख्‍य न्‍यायाधीश…जो होंगे 50वें CJI जानें सबकुछ….

नई दिल्ली 11 अक्टूबर 2022 : देश के मुख्‍य न्‍यायाधीश यूयू ललित आज अपने उत्‍तराधिकारी के तौर पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड के नाम की सिफारिश करने वाले हैं। इसके संबंध में जस्टिस चंद्रचूड़ को सुप्रीम कोर्ट के अन्‍य जजों की मौजूदगी में एक लेटर सौंपा जाएगा, जिसमें उन्‍हें अगला मुख्‍य न्‍यायाधीश बनाए जाने की जानकारी होगी। यूयू ललित 08 नवंबर को मुख्‍य न्‍यायाधीश के पद से रिटायर होने वाले हैं।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) होंगे। वह देश के 50वें सीजेआई होंगे। मंगलवार (11 अक्टूबर, 2022) को मौजूदा सीजेआई जस्टिस यूयू ललित ने उनके नाम की सिफारिश की। जस्टिस ललित का कार्यकाल इस साल आठ नवंबर को खत्म हो रहा है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ मौजूदा सीजीआई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश और इस पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। आमतौर पर सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के तौर पर सबसे सीनियर न्यायाधीश को नॉमिनेट करते हैं।

11 नवंबर 1959 को जन्‍मे न्यायमूर्ति ‘धनंजय यशवंत चंद्रचूड़’ सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा सिटिंग जज हैं। उन्‍होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB की है। इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित InLaks स्‍कॉलरशिप की मदद से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। हार्वर्ड में, उन्होंने लॉ में मास्‍टर्स (LLM) और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट (SJD) पूरी की। उन्‍होंने ऑस्‍ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड लॉ स्‍कूल, Yale लॉ स्‍कूल और University of Witwatersrand, दक्षिण अफ्रीका में लेक्‍चर्स भी दिए हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ 13 मई, 2016 को सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्त हुए थे। वह इससे पहले 31 अक्टूबर, 2013 से इस अप्वॉइंटमेंट तक इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे। उन्होंने इसके पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में बौतर जज और एसीजीआई (Additional Solicitor General of India) भी रहे। लॉ की प्रैक्टिस उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के अलावा बॉम्बे हाई कोर्ट में भी की।

परंपरा के मुताबिक, जस्टिस चंद्रचूड़ नौ नवंबर को सीजेआई पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं। उनका कार्यकाल दो साल का हो सकता है और वह 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 साल की आयु में और हाई कोर्ट के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में रिटायर होते हैं।
दरअसल, सरकार ने मौजूदा सीजेआई से कहा था कि वह अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करें। विधि और न्याय मंत्रालय ने इस बाबत सीजेआई उदय उमेश ललित को खत लिखा था। साथ ही नए सीजेआई के नाम की सिफारिश करते हुए नियुक्ति से जुड़े ज्ञापन प्रक्रिया शुरू करने की गुजारिश की थी।
टॉप कोर्ट में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया से जुड़ी ज्ञापन प्रक्रिया (एमओपी) के तहत निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश कानून मंत्रालय से पत्र पाने के बाद अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की प्रक्रिया शुरू करते हैं।

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