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गरमी की छुट्टी में बढ़ोत्तरी का आदेश शिक्षकों पर लागू होगा या नहीं ? DEO के एक आदेश पर मचा बवाल, NW न्यूज से DEO बोले…

बालोद 15 जून 2023। स्कूल शिक्षा विभाग की हर छुट्टी पर नया बखेड़ा शुरू हो जाता है। हर बार विवाद यही होता है कि छुट्टी शिक्षकों के लिए है या फिर सिर्फ बच्चों के लिए …। नया विवाद बालोद का है। दरअसल प्रदेश में भीषण गरमी को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्रीष्मावकाश को 25 जून तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे तो ये आदेश बच्चों और शिक्षकों दोनों पर लागू है, लेकिन बालोद DEO के आदेश से कंफ्यूजन बढ़ गया। दरअसल बालोद डीईओ मुकुल साव एक आदेश जारी किया है। सभी प्रचार्यों को जारी आदेश में उन्होंने कहा है कि

सर्व प्राचार्य, शासकीय/अशासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी शाला जिला बालोद (छ.ग.) को सूचनार्थ कर लेख है कि यह आदेश केवल छात्र-छात्राओं के लिए है. नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ दिनांक 16 जून 2023 से प्रारंभ होगी जिसमें शिक्षक संवर्ग को प्रवेशोत्सव, शाला साफ-सफाई. मध्यान्ह भोजन की तैयारी, पाठ्य पुस्तक, गणवेश, सायकल वितरण की तैयारी, विद्यार्थियों की पोर्टल में एन्ट्री, परीक्षाफल पंजी का संधारण, बालकान का इन्द्राज के लिए शाला में अपनी उपस्थिति अनिवार्य है। पालनार्थ अग्रेषित ।

डीईओ के इस आदेश को लेकर सोशल मीडिया पर शिक्षक संगठनों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आने लगी। शिक्षक संगठनों की तरफ से कहा गया कि बीईओ का ये आदेश मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना है। शालेय शिक्षक संघ के बालोद जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने कहा कि ..

शालेय शिक्षक संघ ने मुहिम चलाकर ग्रीष्मावकाश की वृद्धि कराने में सफलता पाई, मुख्यमंत्री जी व शिक्षा विभाग राज्य मुख्यालय ने स्पष्ट आदेश निकाला कि 25 तंक स्कूल बंद रहेंगे पर बालोद जिलाशिक्षाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री जी की मंशा और राज्य से जारी आदेश की अवहेलना की जा रही है।उनके द्वारा 16 से ही स्कूल खोलने के आदेश जारी किए गए, शालेय शिक्षक संघ इसकी कड़ी निंदा करता है। अन्य सन्गठन क्या कर रहे हैं , ऐसे तो बड़े बड़े नेता बने फिरते है, क्या उनको विरोध के लिए आगे नहीं आना चाहिए…?? या वो हमेशा की तरह हमारे पहले पहल करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं..??

जितेंद्र शर्मा, जिलाध्यक्ष, बालोद, शालेय शिक्षक संघ

हालांकि इस मामले में जब NW न्यूज 24 ने जिला शिक्षा अधिकारी मुकुल साव से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि इस आदेश का आशय ऐसा नहीं है, जैसा की उसे प्रचारित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ..

मैंने जो निर्देश दिया है कि वो उन शिक्षकों के लिए है, जो पूर्व में शैक्षणिक कामों में लगे हुए हैं, स्कूलों में अभी कई तरह से काम चल रहे हैं, टीसी का काम चल रहा है, रवेशोत्सव, शाला साफ-सफाई. मध्यान्ह भोजन की तैयारी, पाठ्य पुस्तक, गणवेश, सायकल वितरण की तैयारी, विद्यार्थियों की पोर्टल में एन्ट्री, परीक्षाफल पंजी का संधारण, बालकान का इन्द्राज चल रहा है। मैंने ये निर्देश उन शिक्षकों के लिए जारी किया है, जो पूर्व से ये कार्य कर रहे हैं। ऐसा ना हो कि स्कूल में सिर्फ प्रधान पाठक ही रहें, प्रधान पाठक अपनी जरूरत के मुताबिक शिक्षकों को भी बुला सकते हैं। अगर शिक्षक चाहे तो कुछ ही देरी में अपना काम पूरा करके चले जायें, व्यापम की परीक्षा होनी है, जिसमें भी सहभागिता देनी होती है, तो हमारा आदेश उनके लिए हैं, इसका गलत तरीके से व्याख्या किया जा रहा है

मुकुल साव, डीईओ, बालोद

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