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Yog Diwas Special: योग दिवस के पूर्व IPS रतनलाल डांगी की खास टिप्स, “मानसिक तनाव से मुक्ति एवं स्वस्थ जीवन चाहिए तो योग कीजिए”

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

“मानसिक तनाव से मुक्ति एवं स्वस्थ जीवन चाहिए तो योग कीजिए”-
आज के समय में योग की सबसे ज्यादा जरूरत युवाओं को हैं। क्यूँकि हम देख रहे हैं की आज का ज्यादातर युवा तनाव, अवसाद, चिंता से घिरा हुआ हैं। यहाँ तक कि छोटे छोटे बच्चों से भी तनाव, थकान जैसे शब्दों का उपयोग करते हुए सुने जा सकते हैं। आजकल युवाओं में आत्महत्या की प्रवृति की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। इसलिए युवाओं को इनसे बचाने के लिए उनको योग से जोड़ना चाहिए। योगासन तनाव से भी मुक्ति दिलाता है साथ ही शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखता है जो हमारी दैनिक जीवन के लिए आवश्यक है। योगासन योग की मुद्राएं तन और मन दोनों को संचालित रखती हैं। योग अवसाद, थकान, चिंता संबंधी विकार और तनाव को कम करने में सहायक है।


किसी भी परीक्षा की तैयारी करने के लिए परीक्षार्थियों का तनाव मुक्त होने एवं मन का शांत , एकाग्रचित्त होना प्रथम आवश्यकता हैं और ये सब योगासनों, ध्यान, प्राणायाम से ही संभव होता है। इसलिए युवाओं को योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए।
योग एक प्राचीन भारतीय पद्धति है। जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने में (योग) का काम होता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। शरीर, मन और मस्तिष्क के स्वस्थ रहने से आप स्‍वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं। योगासनों का सबसे बड़ा गुण यह हैं कि वे सहज साध्य और सर्वसुलभ हैं। योगासन ऐसी व्यायाम पद्धति है जिसमें न तो कुछ विशेष व्यय होता है और न इतनी साधन-सामग्री की आवश्यकता होती है। योगासन अमीर-गरीब, बूढ़े-जवान, सबल-निर्बल सभी स्त्री-पुरुष कर सकते हैं।
योग के द्वारा न ही सिर्फ बीमारियों का उपचार किया जाता है, परंतु इसे अपनाकर कई शारीरिक और मानसिक कमियों को भी दूर किया जा सकता है। योग हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नई-ऊर्जा का संचार करता है।
चिंता से मुक्ति, आपसी संबंधों में सुधार, अपार शांति, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार, वजन में कमी, सही समय पर सही निर्णय लेनी की क्षमता, मिर्गी रोग से छुटकारा, पेट संबंधित रोगो से भी छुटकारा, ऊर्जा में वृद्धि। योगासन मानव जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है। यह मनुष्य को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है और शरीर को स्वस्थ्य रखता है। शरीर में रक्त संचार सुचारू रूप से होता रहता है। जो स्वस्थ्य शरीर के लिए अत्यन्त आवश्यक है।

शरीर की हट्टियाँ, मस्तिष्क, फेफड़े, यकृत, गुर्दे आदि का व्यायाम होता है जिससे ये स्वस्थ व क्रियाशील बने रहते हैं। योगासन द्वारा शरीर में लचक पैदा होती है जिससे व्यक्ति में फुर्तीलापन आता है। व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आत्मिक विकास के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। योगासन द्वारा अनेक गम्भीर रोगों का निवारण होता है, कब्ज की शिकायत दूर होता है तथा स्मरण शक्ति बढ़ती है। शरीर लोचदार होता है इसके साथ ही स्फूर्ति, गति आदि में भी तीव्रता आती है। योगासन द्वारा शुद्ध वायु फेफड़ों में जाती है तथा जीवन शक्ति बढ़ती है। शरीर को संतुलित बनाने, मोटापा दूर करने आदि में योगासन बहुत उपयोगी है। इसके द्वारा मनुष्य का शारीरिक, मानसिक तथा अध्यात्मिक विकास होता है। योगासन करने से व्यक्ति की आयु लम्बी होती है, विकारों को शरीर के बाहर करने की अद्भुत शक्ति मिलती है तथा शरीर में कोशिकाएँ अधिक बनती हैं और टूटती कम हैं। योगासन से मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है तथा व्यक्ति में अपनी इन्द्रियों को वश में करने की क्षमता विकसित होती है। योगासन में अधिक धन व्यय नहीं करना पड़ता है और न ही अधिक पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है।

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