युक्तियुक्तकरण के निर्देश पर बौखलाया शिक्षक संगठन, मनीष मिश्रा बोले, मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत, जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जायेंगे

रायपुर 9 अगस्त 2024। स्कूलों व शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। हाईकोर्ट में कैविएट दायर करने के बाद अब सरकार ने नियम निर्देश जारी कर दिया है। युक्तियुक्तकरण को लेकर जिस तरह के नियम निर्देश जारी हुए हैं, उससे साफ है कि 10 से 15 हजार शिक्षक प्रभावित होंगे। कुछ शिक्षक अतिशेष होंगे, तो कुछ मर्ज स्कूल होने की वजह से प्रभावित होंगे। शिक्षक संगठनों की मांग थी, कि पहले प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी होगी, उसके बाद युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया हो, लेकिन सरकार के मूड से साफ है कि प्रमोशन के साथ ही युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया भी चलेगी।

2 अगस्त की तारीख से शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण को लेकर 10 पेज का नियम निर्देश जारी किया है। प्रधान पाठक सहित केवल दो शिक्षकों के न्यूनतम सेटअप साफ है कि राज्य सरकार ने युक्तियुक्तकरण के जरिये स्कूलों में सेटअप बदलने की तैयारी पूरी कर ली है। जाहिर इससे सरकार हर स्कूलों में शिक्षक की उपलब्धता कराने के अपने मकसद में कामयाब हो जायेगी। इधर युक्तियुक्तकरण के निर्देश जारी होने के बाद शिक्षकों की नाराजगी बढ़ गयी है।

मनीष मिश्रा बोले, सेटअप बदलने की साजिश नहीं होने देंगे सफल

शिक्षकों ने इसका विरोध भी करना शुरू कर दिया है। सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि युक्तियुक्तकरण की गाइड लाइन शिक्षकों को परेशान करने वाला है। ये किसी भी सूरत में ना तो छात्रहित में है और ना ही शिक्षक हित में है। मनीष मिश्रा ने कहा कि फेडरेशन की तरफ से युक्तियुक्तकरण को लेकर तीखा विरोध दर्ज कराया जायेगा। युक्ति युक्तकरण प्रधान पाठक को छोड़कर 1:30 के अनुपात में प्राथमिक शाला में होना चाहिये, लेकिन युक्तियुक्तकरण की आड़ में सेट अप बदलने की साज़िश तैयार कर दी गयी है।

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पूर्व से पदस्थ शिक्षक ही अतिशेष? ये कैसा नियम

मनीष मिश्रा ने कहा कि ऐसे माध्यमिक शाला जहां पर एक प्रधान अध्यापक एवं चार शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, वहां पर डीपीआई एवं संयुक्त संचालक शिक्षा बस्तर के द्वारा 6 एवं 7 शिक्षक नई नियुक्तियां कर दी गयी। अब डीपीआई परीवीक्षा अवधि का हवाला देकर युक्ति युक्तिकरण के तहत मूल शाला में पहले से पदस्थ शिक्षकों को अतिशेष कर रही है, ये न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है। त्रुटि काउंसलिंग में डीपीआई एवं संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय के द्वारा की गई।  पद नहीं होते हुए भी कार्यभार ग्रहण प्रधानाध्यापकों एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कराया गया और उसका खामियाजा वरिष्ठ शिक्षक को भोगना पड़ेगा।

सभी संगठनों से मिलकर बनायेंगे साझा रणनीति

मनीष मिश्रा ने कहा इसका तीखा विरोध किया जायेगा। जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जायेंगे, ऐसे तुगलकी फरमान को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जायेगा। मनीष मिश्रा ने कहा कि फेडरेशन एकल शिक्षकीय और शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों के पदस्थापना के खिलाफ नहीं है, लेकिन अगर इसे शिक्षकों को परेशान करने का जरिया बनाया जायेगा, तो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

मुख्यमंत्री के संज्ञान में लायेंगे पूरी बातें

इस मामले को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की बात कही गयी है। मनीष मिश्रा ने कहा कि त्रुटिपूर्ण युक्तियुक्तकरण को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जायेगा। मनीष मिश्रा ने कहा कि इसे लेकर सभी संगठनों से संपर्क किया जायेगा और उनसे साथ मिलकर इस मुद्दे रणनीति तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान निर्देशानुसार युक्तियुक्तकरण नहीं होने दिया जाएगा। युक्तियुक्तकरण के पहले हो पदोन्नति होनी जरूरी है, जहां पदोन्नति नहीं वहां युक्तियुक्तकरण भी नहीं होना चाहिये।

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