हरियाली बन गई ‘हरा सोना’…. तेंदूपत्ता संग्राहकों को आर्थिक मजबूती देकर आत्म निर्भर बना रही विष्णु देव साय की सरकार

 

 

रायपुर 10  सितंबर 2024 बस्तर के जनजीवन का मुख्य आधार तेंदूपत्ता है। इसीलिए इसे ‘हरा सोना’ भी कहा जाता है। इस हरा सोना ने आदिवासियों की जिंदगी में हरियाली भर दी है। बस्तर में तेंदूपत्ता सीजन 2024 में संग्रहित तेंदूपत्ता का 36 हजार 229 संग्राहकों को 12 करोड़ 43 लाख 95 हजार 749 रुपए पारिश्रमिक राशि अपने गांव के बैंक मित्र एवं बैंक सखियों द्वारा भुगतान की गयी है। गर्मी के दिनों में जब ग्रामीणों के पास न तो खेतों में काम होता है और न ही घर में कुछ काम, तब इसी तेंदूपत्ता यानी हरा सोना का संग्रहण उन्हें मेहनत एवं संग्रहण के आधार पर भरपूर पारिश्रमिक देता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा राशि 5500 रुपए किए जाने के बाद संग्राहकों में अपार खुशी है।

वहीं तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि स्थानीय स्तर पर बैंक सखियों के माध्यम से भुगतान होने के फलस्वरूप विशेषकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के संग्राहकों को बहुत सहूलियत हो रही है। बस्तर जिले के अंदरूनी ईलाके के संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि का भुगतान बैंक मित्र और बैंक सखियों के माध्यम से किया जा रहा है। वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों के लिये तेंदूपत्ता के प्रति मानक बोरा की दर में हुई वृद्धि भी खुशियां जगा दी है। बैंक मित्र पखनार रामो कुंजाम ने बताया कि वह इलाके के 5 ग्राम पंचायतों के 250 से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि का भुगतान कर चुके हैं। बस्तर के लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक के कस्तूरपाल के बैंक मित्र सामू कश्यप ने 50 से अधिक संग्राहकों तथा बस्तर विकासखण्ड के भानपुरी की बैंक सखी जमुना ठाकुर ने 56 से ज्यादा संग्राहकों को भुगतान किया है। वहीं बकावंड ब्लॉक के डिमरापाल की बैंक सखी तुलेश्वरी पटेल अब तक डिमरापाल एवं छिंदगांव के 90 से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान कर चुकी हैं।

CG- Sarkari Naukari: स्वास्थ्य विभाग में 650 पदों पर होगी जल्द भर्ती, देखिये किन-किन पदों पर होगी नियुक्तियां

 

5 सालों में दोगुना से ज्यादा हुई

साल 2018 तक प्रदेश में BJP की सरकार थी. तब 2500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता की खरीदी होती थी। साल 2018 को कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस राशि को बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया. अब जब वापस भाजपा की सरकार आई तो फिर से इस राशि को बढ़ाकर 5500 रुपये किया गया है। बता दें कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में एक बड़ी आबादी की आय का जरिया लघु वनोपज ही है।

 

12 करोड़ 43 लाख का भुगतान

वनमंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक जिला सहकारी यूनियन जगदलपुर उत्तम गुप्ता के मुताबिक जिले के सभी 7 विकासखण्डों के अंतर्गत 15 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के कुल 36 हजार 229 संग्राहकों को 12 करोड़ 43 लाख 95 हजार 749 रुपए पारिश्रमिक राशि अपने गांव के बैंक मित्र एवं बैंक सखियों से भुगतान किया जा रहा है। जिसके तहत लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक के 13 ग्राम पंचायतों के 1947 संग्राहकों को 79 लाख 47 हजार 665 रुपए, तोकापाल विकासखण्ड के एक ग्राम पंचायत के 76 संग्राहकों को 03 लाख 36 हजार 193 रुपए,बास्तानार ब्लॉक के 22 ग्राम पंचायतों के 1831 संग्राहकों को 79 लाख 69 हजार 995 रुपए,बस्तर विकासखण्ड के 65 ग्राम पंचायतों के 10 हजार 78 संग्राहकों को 02 करोड़ 68 लाख 72 हजार 736 रुपए, दरभा ब्लॉक के 21 ग्राम पंचायतों के 1782 संग्राहकों को एक करोड़ 37 लाख 71 हजार 934 रुपए तथा बकावंड विकासखण्ड के 86 ग्राम पंचायतों के 16 हजार 510 संग्राहकों को 05 करोड़ 45 लाख 47 हजार 614 रुपए पारिश्रमिक राशि का भुगतान स्थानीय बैंक सखियों द्वारा किया जा रहा है। जिससे जहां ग्रामीण संग्राहकों को भुगतान प्राप्त करने में सुविधा हुई, वहीं इन बैंक सखियों को भी अच्छी कमीशन राशि मिली।

...अब स्कूली बच्चे शिकायत लेकर नहीं आ सकेंगे कलेक्टर व DEO कार्यालय, सभी प्रधान पाठक व प्राचार्यों को जारी हुआ कड़ा पत्र, नहीं तो होगी कार्रवाई

 

अतिरिक्त आय का बनी आधार

गेरवानी समिति फड़ सराईपाली के अमृत लाल अगरिया एवं उनकी पत्नी पुना अगरिया ने बताया कि सीजन में उन्होंने 3640 तेन्दूपत्ता गड्डी तोड़कर उसका विक्रय किया था, जिससे उन्हें 20 हजार 20 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि पुरानी दर के मुकाबले उन्हें प्रति मानक बोरे की दर बढऩे से लगभग साढ़े पांच हजार रूपए ज्यादा मिले। प्राप्त धनराशि को वे खेती-किसानी में खर्च कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संवेदनशील निर्णय से हम संग्राहकों को पहले से ज्यादा राशि मिल रही है, जो हमारे लिए अतिरिक्त आय का आधार बन रहा है। इसी तरह गेरवानी समिति फड़ गौरमुड़ी के श्री नथीराम एवं उनकी पत्नी सुखमनी ने बताया कि उन्होंने 3420 तेन्दूपत्ता गड्डी तोड़कर उसका विक्रय किया था, जिससे उन्हें 18 हजार 810 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ था। प्राप्त रूपये से उन्होंने बरसात में होनी वाली परेशानी को देखते हुए खप्पर वाला घर के छत की मरम्मत कराकर उसमें एस्बेस्टस की छत डलवाए हैं और डोली खेत में भी राशि खर्च की है।

 

बस्तर में 65 तरह की लघु वनोपजों का संग्रहण

विष्णु देव साय की सरकार ने खनिज संसाधनों के विवेकपूर्ण दोहन की नीति अपनाई है। इससे होने वाली आय को हम शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे जनकल्याण के कार्यों में खर्च किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय विकास सुनिश्चित हो रहा है। बस्तर में 65 तरह की लघु वनोपजों का संग्रहण होता है, जिसमें इमली, महुआ, अमचूर आदि का निर्यात भी किया जाता है। इनका ज्यादा से ज्यादा प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन स्थानीय स्तर पर ही हो, इस दिशा में हम ठोस प्रयास किया जा रहा है। यहां पर भरपूर मात्रा में कोदो-कुटकी-रागी की उपज होती है। इन मोटे अनाजों की दुनिया में बहुत मांग है। इन मोटे अनाजों के भी स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन की व्यवस्था की जा रही है। मोटे अनाज के उत्पादक किसान भाई-बहनों को सरकार की ओर से पूरा प्रोत्साहन और सहयोग दिया जा रहा है। बस्तर और सरगुजा संभाग में सिंचित रकबे का अधिक से अधिक विस्तार किया जा रहा है, ताकि इन संभागों में भी दो फसली रकबा बढा़या जा सके।

पटवारी सस्पेंड: 80 हजार की घूस मामले में बड़ी कार्रवाई, पटवारी सस्पेंड
NW News