बिलासपुर में अपराध के आंकड़ों में झोल: गृहमंत्री व पुलिस के आंकड़ों में बड़ा अंतर, शैलेष पांडेय बोले, आंकड़ों से खेलकर जनता की जान से खिलवाड़ हो बंद

बिलासपुर 14 सितंबर 2024। कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस काफी आक्रामक है। प्रदेश में धरना प्रदर्शन के बाद अब पदयात्रा का भी ऐलान कांग्रेस ने बढ़ते अपराध को लेकर किया है। बिलासपुर में हाल के दिनों अपराध बढ़े हैं। रेप, चाकूबाजी और हत्या जैसी कई घटनाओं ने पुलिस पर सवाल खड़े किये हैं। इन सबके बीच आंकड़ों में एक बड़ा झोल नजर आया है। दरअसल मंत्री के आंकड़े और बिलासपुर पुलिस के आंकड़ों में बड़ा अंतर दिखा है।

शैलेश पांडेय ने आरोप लगाया है कि बिलासपुर में बढ़े अपराध को लेकर विधानसभा में पूछे सवाल में मंत्री ने बताया था कि तीस जून तक कुल 7056 अपराध हो चुके है, लेकिन कलेक्टर्स और एसपी कांफ्रेंस के दौरान जो आंकड़ा दिया गया में बताया गया है वो केवल 5538 अपराध का बताया गया। शैलेश पांडेय ने पूछा है कि गृहमंत्री के मुताबिक जब तीस जून तक का अपराध सात हज़ार पार का है तो क्या इन ढाई महीनों में कोई अपराध नहीं हुआ या अपराध कम कैसे हो गया? ये अजूबा जैसा लग रहा है। कुल अपराधों के आँकड़ों में हेराफेरी की गयी है।

मारपीट के आँकड़े गृह मंत्री बताते है कि तीस जून तक 1743 है और बिलासपुर पुलिस केवल 28 बताती है। ये बड़ा फर्क दिखाया गया है। गृह मंत्री ने तीस जून तक बलात्कार के आँकड़े 129 बताते है और बिलासपुर पुलिस के केवल 134 बता रहे है यानि पिछले ढाई महीनों में ये आँकड़ा केवल पाँच का आंकड़ा बढ़ा है। गृह मंत्री के हत्या के आँकड़े तीस जून तक 28 थे, उसे बिलासपुर पुलिस भी 28 ही बता रही है। यानि पिछले ढाई महीनों में ज़िले में कोई हत्या हुई ही नहीं है। कुल मिलाकर समझ के परे है कि भ्रामक जानकारी बिलासपुर पुलिस ने दिया है या मंत्री ने ?

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लगातार हत्या और चाकूबाजी से बिलासपुर रोज़ लाल हो रहा है और बिलासपुर में एक डर का माहौल बना हुआ है और यही नहीं बिलासपुर में दुष्कर्म की घटनाएँ भी बढ़ी है लेकिन आँकड़ों में अंतर क्यों है ये सवाल बड़ा है ? लगातार बिलासपुर में अपराध बढ़ रहे है यहाँ के विधायक चुनाव के समय बिलासपुर की जनता से झूठ बोले थे कि मैं यदि विधायक बन गया तो पंद्रह दिनों में बिलासपुर को अपराध मुक्त कर दूँगा लेकिन बिलासपुर आज उनके कार्यकाल में प्रदेश की अपराधों की राजधानी बन गया है और उनको नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफ़ा देना चाहिए।बिलासपुर पुलिस प्रयास जरुर कर रही है इससे इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन ये काफ़ी नहीं है,पुलिस जनता की रक्षक है और बिलासपुर में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

NW News