शिक्षक की हत्या के बाद दहशत में हैं नक्सलगढ़ के शिक्षक, सुरक्षा की लगायी कलेक्टर से गुहार

Teacher News: सुकमा में एक शिक्षक की हत्या के बाद से शिक्षक दहशत में है। अब नक्सली क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षकों ने सुरक्षा की गुहार लगायी है। दरअसल सुकमा के नक्सल प्रभावित आदिवासी इलाकों के बच्चों को शिक्षित-दीक्षित का जिम्मा शिक्षा दूत को दिय गया है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से शिक्षा दूत नक्सलियों के निशाने पर हैं। लिहाजा शिक्षा दूतों को अपनी जान का डर सताने लगा है। लिहाजा सुकमा जिला मुख्यालय पहुंचे शिक्षा दूतों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है।

दरअसल अंदरुनी क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षा दूत की तैनाती की गयी है। ये वो युवक हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में है, पढ़े लिखे बेरोजगार हैं। उन्हें विभाग की तरफ से डीएमएफ एवं अन्य मदों से 11 हजार रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है। 2005 से शिक्षा दूत जान जोखिम में डालकर स्कूलों में पढ़ाते हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से शिक्षा दूतों को नक्सलियों ने टारगेट में रखा है। मुखबिरी का आरोप लगाते हुए इनकी हत्याएं की जा रही हैं। एक के बाद एक 3 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है। परिजनों को भी धमकियां मिल रही हैं।

10वीं और 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर रोजगार की तलाश कर रहे आदिवासी युवाओं को जब शिक्षा दूत बनाया गया तो उन्हें गांव में ही रहकर यह काम करने का बेहतर अवसर लगा। अब जब जान खतरे में है तो वे सोच में पड़ गए हैं। कलेक्टोरेट तक पहुंचने के लिए संभवतः मानदेय को बहाना इसलिए बनाया गया, क्योंकि यदि वे प्रशासन से नक्सलियों की सीधी शिकायत करते तो तालाब में रहकर मगरमच्छ से बैर जैसी स्थिति बनती। फिलहाल खौफ के साये में शिक्षा दूत स्कूल आते हैं।

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