शिक्षक/कर्मचारी

गणतंत्र दिवस पर स्कूलों में कार्यक्रम होगा या नहीं ?…संशोधित आदेश ने शिक्षकों में बढ़ाया कंफ्यूजन…प्रांतीय प्रवक्ता हुलेश बोले- आदेश का आशय समझ से परे

रायपुर 21 जनवरी 2023। गणतंत्र दिवस पर स्कूली बच्चों के कार्यक्रम और सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर राज्य सरकार ने संशोधित आदेश जारी किया है। लेकिन, शनिवार को जारी हुए निर्देश के बाद भी शिक्षकों में कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। वो इस उधेड़बुन में अभी भी पड़े हैं कि इस निर्देश के आधार पर उन्हें स्कूलों में कार्यक्रम कराना है या नहीं। दरअसल इससे पहले जो आदेश 11 जनवरी को जारी हुआ है, उसमें कोरोना का हवाला देते हुए स्कूली बच्चों के कार्यक्रम पर रोक लगा दी गयी थी। रायपुर कलेक्टर ने भी निर्देश जारी कर गणतंत्र दिवस पर स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। जिसके बाद सभी शिक्षक इस बात को लेकर निश्चिंत हो गये थे कि स्कूलों में बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा, लेकिन इसी बीच शनिवार को संशोधित आदेश जारी किया गया है। हालांकि आदेश में ये कहा गया है कि ..

गणतंत्र दिवस आयोजन के राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय समारोह में स्कूली बच्चों का कार्यक्रम तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकेगा।

इस निर्देश में सिर्फ जिला और राज्य स्तरीय कार्यक्रम की बात कही गयी है, ऐसे में क्या स्कूलों में कार्यक्रम कराया जायेगा या नहीं? इसकी अस्पष्टता है, लिहाजा शिक्षकों ने इस संदर्भ में स्पष्ट निर्देश जारी करने को कहा है।

छ.ग.सहायक शिक्षक फेडररेशन के प्रांतीय प्रवक्ता हुलेश चंद्राकर ने कहा है कि शासन को कोरोना का भय केवल स्कूली कार्यक्रम में दिखाई दे रहा, बाकि जिला व राज्य मुख्यालय के कार्यक्रमों में नहीं, ये कैसा आदेश है। बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम केवल स्कूली स्तर के पलकों व बच्चों की उपस्थिति में सम्पन्न होता है, जिससे इसमे ज्यादा सुरक्षित माहौल होता है जबकि जिला और प्रंतीय स्तर के कार्यक्रम में कोविड की संभावना बनती है। उन्होंने कहा कि आज के इस संसोधन आदेश के पीछे का गणित कोई समझ नही पा रहा। आखिर बच्चो के स्वतंत्रता, उमंग, और अभिव्यक्ति का हनन है, यदि कोविड-19 से सुरक्षित रखने की बात है तो सभी कार्यक्रमों में प्रशासन द्वारा पाबंदी होना चाहिए। ना की केवल दोहरी नीति,व आदेश प्रसारित होना चाहिए। छ ग सहायक शिक्षक फेडररेशन और अन्य कर्मचारी संघ ने कहा है कि वो ऐसे आदेश से न केवल अचंभित है बल्कि तुष्टिकरण का आदेश मानती है। सबके लिए नियम एक हो, तभी सुरक्षित रखा जा सकेगा।

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