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दृष्टिहीन चंदा-रिया की जिंदगी बदलेगी : छत्तीसगढ़ में संभव नहीं है मासूम बहनों का इलाज….मुख्यमंत्री बोले-“जहां इलाज संभव हो, वहां ले जाकर इलाज कराएंगे”

बलरामपुर 6 मई 2022। मुख्यमंत्री की पहल पर मासूम चंदा और रिया की जिंदगी अब संवरने वाली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान किया है कि चंदा और रिया की आंखों में रौशनी लाने के लिए देश के किसी भी अस्पताल में इलाज कराना पड़े, तो सरकार अपने खर्च पर करायेगी। मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद माना जा रहा है कि चेन्नई के विश्व प्रसिद्ध शंकर नेत्रालय में दोनों बहनों का इलाज सरकार करायेगी। डाक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में चेन्नई के शंकर नेत्रालय और दिल्ली के एम्स में दोनों बच्चियों का इलाज संभव बताया है।

चौपाल में कल रिया और चंदा की मां अनती देवी00 ने मुख्यमंत्री को अपनी पीड़ा बतायी थी, मुख्यमंत्री बच्चियों की पीड़ा पर भावुक होकर तुरंत ही जांच के निर्देश प्रशासन को दिये। आज जिला अस्पताल के डाक्टरों की टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी, जिसमें ये बताया गया कि चंदा और रिया का इलाज छत्तीसगढ़ में संभव नहीं है। दोनों का चेन्नई के शंकरा नेत्रालय या दिल्ली के एम्स अस्पताल में ही इलाज संभव है।

डाक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री भूपेश ने प्रेस कांफ्रेंस ने इस बात का ऐलान किया कि चंदा और रिया का इलाज सरकार अपने खर्च से देश के किसी भी अस्पताल में करायेगी। आपको बता दें कि 8 साल की रिया MACULAR SCAR WITH ADHERENT LEUCOMA WITH PIGMENTORY CHANGES और 10 साल की चंदा Bilateral Macular Scar With Pigmentory Change रोग से ग्रसित है।

डाक्टरों की मिली इस रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा में बताया कि

दृष्टिहीन बच्चों का जहां इलाज संभव होगा वहां इलाज कराएंगे। देश के जिस अस्पताल में इलाज होगा वहां दोनों बच्चों को भेजेंगे, बच्चों की आँखों की रोशनी आ जाये इसके लिए हरसंभव कोशिश करेंगे, इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी

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