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ब्रेकिंग: शिक्षा विभाग की बैठक में जांच के आदेश, मुख्यमंत्री ने रिव्यू बैठक में जतायी नाराजगी, इस मामले में कलेक्टरों को दिया जांच का आदेश

रायपुर 1 जुलाई 2024। शिक्षा विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री ने आज तीखे तेवर दिखाये। विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने स्कूल जतन योजना के नाम पर हुई गड़बड़ी की जांच के भी आदेश दिये। दरअसल पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने स्कूलों के मरम्मत और कायाकल्प को लेकर स्कूल जतन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 370 करोड़ रुपये खर्च कर 1536 स्कूलों के मरम्मत का आदेश दिया गया था। लेकिन, इस योजना के नाम पर करोड़ों के वारे-न्यारे हो गये। इस मामले को लेकर कई स्तर पर गड़बड़ियों की शिकायत सरकार तक पहुंची थी।

 

मुख्यमंत्री ने आज शिक्षा विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक में स्कूल जतन योजना की भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने स्कूलों में कराये गये मरम्मत कार्य और स्कूलों के स्थिति की जिलेवार जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्कूल जतन योजना के नाम पर हुई गड़बड़ी को लेकर आयी शिकायत की भी जानकारी ली, जिसके बाद बैठक में ही मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में स्कूल जतन योजना के तहत कराये गये कार्यों की जांच के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों के कलेक्टर स्कूल जतन योजना की जांच करेंगे और रिपोर्ट देंगे।

आपको बता दें कि करीब दो घंटे चली समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री स्कूल शिक्षा विभाग की योजनाओं की जानकारी लेने के साथ-साथ शिक्षा गुणवत्ता की अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्कूलों का नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिये। नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में सभी बच्चों को गणवेश और पाठ्य-पुस्तक की उपलब्धता की भी जानकारी मुख्यमंत्री ने ली। बैठक में बच्चों को नवाचार के जरिये पढ़ाई के प्रति जागरूक करने और रुचि अनुरूप पढ़ाई कराने पर भी जोर दिया।बैठक में नए शैक्षणिक सत्र की व्यवस्थाएं, विद्यालयों की स्थिति और प्रगति को लेकर चर्चा की। नए सत्र की कार्ययोजना, व्यवस्थाओं और राज्य के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिये शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को लेकर अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

क्या थी स्कूल जतन योजना

पिछली सराकर ने स्कूलों का सर्वे कर मरम्मत योग्य स्कूलों की जानकारी मंगाई थी। जिसके आधार पर लोक शिक्षण संचालनालय से बजट जारी किया गया था।  खास बात यह है कि जारी बजट में रायगढ़ के स्कूलों के मरम्मत के लिए 97 करोड़ 10 लाख रुपए की मंजूरी दी गई थी। शासन द्वारा पूरे प्रदेश के स्कूलों के लिए 369 करोड़ 83 लाख रुपए जारी किए थे, जिसमें से एक चौथाई से अधिक राशि रायगढ़ जिले को प्राप्त हुआ था।इसके पूर्व शासन ने स्कूलों के मरम्मत के लिए 10 करोड़ 11 लाख रुपए और 1962 से पहले निर्मित पहले के स्कूलों के लिए 4 करोड़ 8 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इसके साथ ही जिले में सीएसआर से 15 करोड़ 72 लाख और डीएमएफ से 2 करोड़ 01 लाख रुपए की स्वीकृति भी दी गयी थी। इन सभी को मिलाकर जिले के स्कूलों के लिए 128 करोड़ 66 लाख रुपए स्कूलों की मरम्मत के लिए दिए गये थे।

जिले में इतने स्कूलों को शामिल किया गया था

डीपीआई मद से 1536 स्कूलों के लिए 97 करोड़ 10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे।डीएमएफ से 25 स्कूलों के लिए कुल 1 करोड़ 95 लाख रुपए दिए गए थे। इसके पूर्व के आदेश मुताबिक 10 करोड़ 11 लाख रुपए की राशि राज्य शासन द्वारा दिया जा रहा था। इस राशि से जिले के 182 स्कूलों में मरम्मत कार्य किये गये और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवाया गया। साथ ही 1962 के पूर्व निर्मित स्कूल भवनों के मरम्मत व रखरखाव के लिए 4 करोड़ 8 लाख रुपए दिए गये थे। अगले शिक्षा सत्र से 31 आत्मानंद स्कूल और प्रारंभ हुए थे। इसके उन्नयन के लिए भी सीएसआर मद से 15 करोड़ 72 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गयी थी। वहीं समग्र शिक्षा अभियान के तहत 62 स्कूलों में कार्यों को मंजूरी दी गयी थी।

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