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CG : कोरबा में रेलवे साईडिंग में कोल स्टाॅक से पहले कोयले की चोरी….अब स्टाॅक में लगने लगी आग, SECL और रेलवे प्रबंधन पर उठने लगा सवाल !

कोरबा 27 जनवरी 2024। कोल स्टाॅक में गर्मी के दिनों में आग लगने की घटना आपने देखी और सुनी होगी। लेकिन कोरबा जिला में ठंड के मौसम में ही रेलवे साइंडिंग के कोल स्टाॅक में आग लगने की घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल कुछ दिन पहले ही कोरबा रेलवे स्टेशन के साईडिंग से पुलिस ने कोयला चोरी पर्दाफाश कर 3 ट्रेलर चोरी का कोयला और पोकलेन मशीन जब्त किया था। पुलिस के इस खुलासे के बाद से ही एसईसीएल प्रबंधन और रेलवे के साथ ही ठेका कंपनी के बीच हड़कंप मचा हुआ है। लिहाजा एक सप्ताह के भीतर रेलवे साईडिंग में दो-दो बार कोल स्टाॅक में आग लगने की घटना हो गयी है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला काले हीरे की नगरी के नाम से भी मशहूर है। पूर्ववर्ती सरकार में इस काले हीरे की लूट और चोरी किसी से छिपी नही है। लिहाजा प्रदेश में सरकार बदलने के बाद एक हद तक अवैध कारोबार बंद पड़े है। लेकिन कोरबा जिला में कुछ सफेदपोश लोगों के संरक्षण में आज भी कोयला तस्करी का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। ताजा मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के एसईसीएल मानिकपुर खदान क्षेत्र का है। यहां से रेलवे स्टेशन की साईडिंग पर कोल डंप कर मालगाड़ी के माध्यम से कोयला परिवहन का ठेका जारी किया गया है। लेकिन इसी रेलवे साइडिंग से कोल माफिया खुलेआम पोकलेन के माध्यम से ट्रेलर में कोयला लोड कर बिलासपुर के डिपो में लंबे वक्त से खपाया जा रहा था।

कोरबा एसपी जितेंद्र शुक्ला को जैसे ही इस मामले की जानकारी हुई, उन्होने कार्रवाई का आदेश दिया। पुलिस के एक्शन लेते ही कोयला चोरी के इस खेल का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने मौके से 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी के कोयला सहित 3 ट्रेलर और पोकलेन मशीन को जब्त किया गया। बताया जा रहा है कि पुलिस के इस एक्शन के बाद से ही रेलवे और एसईसीएल प्रबंधन के साथ ही ठेका कंपनी पर सवाल उठ रहे थे। सूत्रों की माने तो इस अवैध कारोबार में कोरबा और बाहर के कुछ वाइट काॅलर लोगों की संलिप्तता है,जिनके संरक्षण में कोयला चोरी का काम धड़ल्ले से किया जा रहा था। सूत्रों की माने तो पुलिस की कार्रवाई के बाद कोल शाॅटेज को मेंटेन करने के लिए स्टाॅक में आग लगाये जाने की बात सामने आ रही है।

जानकारों का कहना है कि कोल स्टाॅक में आग लगने से जवाबदार लोगों को चोरी में गये कोयले को भी आगजनी की घटना में अर्जेस्ट कर दिया जायेगा। खैर इस पूरे घटनाक्रम और लगातार कोल स्टाॅक में आग लगने की घटना ने जहां कई सवाल खड़े कर दिये है। वहीं इस अवैध कारोबार के बड़े खिलाड़ी अब भी पुलिस की चुंगुल से बाहर होने की बात सामने आ रही है। पुलिस इस कोयला चोरी के अवैध कारोबार की ढंग से तफ्तीश करती है, तो इसके तार बिलासपुर में चलने वाले कोल डिपों से लेकर और भी दूसरे जगहों से जुड़ेंगे। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि पुलिस के जांच की आंच इस अवैध कारोबार के सरगनाओं तक पहुंचती है या फिर राजनीतिक संरक्षण में ये अवैध कारोबारी बच निकलते है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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