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CG NEWS: फर्जीवाड़ा- पूर्व कलेक्टर किरण कौशल के फर्जी हस्ताक्क्षर से करोड़ों की ठगी, कलेक्टर संजीव झा ने दिये FIR के आदेश…… जानिये क्या हैं पूरा मामला

कोरबा 14 दिसंबर 2022। बिलासपुर में सीनियर IPS अफसर के फर्जी हस्ताक्क्षर से 58 लाख रूपये के गबन के बाद अब कोरबा में IAS के फर्जी हस्ताक्क्षर से सैकड़ो ग्रामीणों से करोड़ो रूपये की ठगी किये जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया हैं। बताया जा रहा हैं कि तात्कालीन कलेक्टर किरण कौशल, डीएफओं, और सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग के फर्जी हस्ताक्क्षर से सैकड़ो ग्रामीणों को फर्जी वन अधिकार पट्टा बनाकर 30 से 50 हजार रूपयें में बेचा गया हैं। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद अब कलेक्टर संजीव झा ने एसडीएम को जांच कर तत्काल FIR कराने का निर्देश दिया हैं।

गौरतलब हैं कि शासन द्वारा वनभूमि में सालों से काबिज ग्रामीणों को वन अधिकार का पट्टा वितरित किया जाता हैं। कोरबा में भी तात्कालीन कलेक्टर किरण कौशल के कार्यकाल में जिले में वन अधिकार पट्टा का वितरण किया गया था। लेकिन पट्टा वितरण के बाद पाली विकासखंड में एक गिरोह के द्वारा एक बार फिर से ग्रामीणों से मोटी रकम लेकर फर्जी तरीके से वन अधिकार पट्टा बनाने का खुलासा हुआ हैं। जिला वन अधिकार समिति के सदस्य व जिला पंचायत सदस्य गणराज सिंह ने पूर्व कलेक्टर किरण कौशल सहित पूर्व डीएफओं और सहायक आयुक्त के फर्जी हस्ताक्क्षर से वन अधिकार पट्टा बेचे जाने की जानकारी कलेक्टर को दी हैं। NW न्यूज से चर्चा में गणराज सिंह ने बताया कि पिछले दिनों उन्हे ग्राम पंचायत मांगामार के पूर्व सरपंच छत्रपाल सिंग राज ने गांव में फर्जी पट्टा बनाये जाने की सूचना दी गयी थी। उन्होने तत्काल उक्त पट्टा का फोटा WHATSAPP पर मंगवाया।

जिला पंचायत संदस्य गणराज सिंह ने बताया कि शासन के द्वारा जारी पट्टा से मिलता-जुलता हूबहू फर्जी पट्टा बनाकर गिरोह द्वारा ग्रामीणों को बेचा गया हैं।। फर्जी पट्टा की जांच के लिए उन्होने उसके सीरियल नंबर की जांच करायी। जिसमें पता चला कि उक्त सीरियल नंबर किसी दूसरे ग्रामीण के नाम पर जारी पट्टा का हैं, जिसे ठग गिरोह के सदस्यों ने फर्जी पट्टा में दर्ज कर ग्रामीण का नाम दर्ज कर एकड़ो में जमीन का वन अधिकार पट्टा बांट दिया गया हैं। गणराज सिंह ने बताया कि जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई हैं कि फर्जी पट्टा में कलेक्टर, डीएफओं और सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग के सील और हस्ताक्क्षर में भी काफी अंतर हैं। उन्होने बताया कि जो पट्टा सही था उसमें पूर्व सहायक आयुक्त डी.आर.बंजारे के सील पर उनका नाम भी अंकित था, जबकि फर्जी पट्टा में सिर्फ सहायक आयुक्त का सील लगाया गया हैं। इस खुलासे के बाद वन अधिकार समिति के सदस्य गणराज सिंग ने इसकी शिकायत कलेक्टर संजीव झा से की हैं। जिस पर कलेक्टर ने तत्काल कटघोरा एसडीएम मनोज खांडे को जांच कर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया हैं।

सैकड़ो ग्रामीणों से करोड़ो रूपये की ठगी का अनुमान……

वन समिति के सदस्य गणराज सिंग ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में शामिल गिरोह के सदस्यों ने पाली क्षेत्र के 15 से 20 गांव में सैकड़ो ग्रामीणों का पट्टा तैयार किया गया हैं। पूछताछ में ये बात सामने आयी हैं कि प्रति एकड़ भूमि के मुताबिक 30 से 70 हजार रूपये तक ग्रामीणों से फर्जी पट्टा बनाने के नाम पर गिरोह के सदस्यों ने पैसे वसूले हैं, जो कि करोड़ो में हैं। गणराज सिंग ने बताया हैं कि पूछताछ में ग्राम मांगामार में ही रहने वाले रमाकांड और ग्राम बसीबार में रहने वाले रामायण दास महंत द्वारा इस फर्जीवाड़े में शामिल होकर ग्रामीणों का पट्टा बनाने का काम किया जा रहा हैं। जिसकी जानकारी उन्होने कलेक्टर को दे दी हैं।

शिकायत के इंतजार में बैठे SDM….कहा मेरे नॉलेज में भी आये हैं 2 प्रकरण

पाली एसडीएम मनोज खांडे ने बताया कि कलेक्टर साहब ने इस मामले पर एफआईआर का आदेश दिया हैं, लेकिन शिकायत नही मिलने के कारण उन्होने अभी तक FIR नही कराया हैं। एसडीएम ने बताया कि हरदीबाजार तहसील के ग्राम नोनबिर्रा में भी ऐसे ही फर्जी वन अधिकार पट्टा का 2 प्रकरण उनके संज्ञान में आया हैं। पूछताछ में ग्रामीणों ने 30-30 हजार रूपये में पट्टा बनवाने की जानकारी दी हैं। एसडीएम मनोज खांडे ने बताया कि ये गंभीर प्रकरण हैं, इस गिरोह के सरगना कौन है ? आरोपियों द्वारा फर्जी सील कहां से बनवाया गया ? साथ ही तात्काली कलेक्टर किरण कौशल,डीएफओं और सहायक आयुक्त का हस्ताक्क्षर किसके द्वारा फर्जी पट्टा में किये जा रहे हैं, इसकी जांच की जायेगी। एसडीएम ने खुद माना कि इस गिरोह के द्वारा बड़े पैमाने पर क्षेत्र में ग्रामीणों से फर्जी पट्टा के नाम पर मोटी रकम वसूली किया गया हैं।

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