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CG NEWS : शातिर ठग गिरफ्तार – बस्तर फाइटर और सरकारी नौकरी के नाम पर ठग लिये लाखों रूपये, जाली ज्वाइनिंग लेटर भी दे दिया, फिर पुलिस ने ऐसे किया….

कांकेर 10 नवंबर 2022। कांकेर पुलिस ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया हैं। पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी अपनी राजनीतिक पहुंच का हवाला देकर युवाओं से बस्तर फाइटर और दूसरे सरकारी विभागों में भर्ती कराने के नाम पर लाखों रूपये की ठगी किया गया था। आरोपी ने बकायदा एक अभ्यर्थी को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया गया था। लेकिन मामला सामने आने के बाद पुलिस ने इस शातिर ठग को गिरफ्तार किया हैं।

पूरा घटनाक्रम कांकेर जिला के पखांजूर थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा हैं कि आरोपी हसन खान भिलाई का रहने वाला हैं। शातिर ठग इस आरोपी ने अपनी राजनीतिक पहुंच और प्रशासनिक पकड़ का हवाला देकर बेरोजगार युवाओं को शिकार बनाता था। आरोपी ने बस्तर फाइटर के साथ-साथ अन्य विभागों में भी नौकरी लगवाने का दावा करके युवाओं को अपने झांसे में लेकर करीब 15 लाख रूपये की ठगी कर चुका था। पखांजूर थाना प्रभारी मोरध्वज देशमुख ने बताया कि हसन खान की दोस्ती फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से पखांजूर के ग्राम पीवी 41 निवासी विश्वजीत देवनाथ से हुई।

हसन खान ने प्रदेश के नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर अपनी फोटो पोस्ट कर रखी थी। इससे विश्वजीत देवनाथ उसके झांसे में आ गया। दोनों के बीच सोशल मीडिया पर चैटिंग होने लगी। बातचीत में आरोपी ने अपने सबंध बड़े नेताओं और अधिकारियों से होने की बात कही और बड़े से बड़ा काम करा देने का आश्वासन दिया गया। झांसे में आए युवक विश्वजीत ने अपने भतीजे और भांजी को खाद्य निरीक्षक व लिपिक की नौकरी दिलाने के लिए हसन खान से संपर्क किया था। इसके लिए आरोपी ने युवक से 4 लाख रुपए ले लिए। कुछ दिन पहले ही बस्तर फाइटर की चयन सूची भी जारी हुई थी। जिसमें कमलेश पाल निवासी ग्राम पीवी 27 और वासुदेव सिंह निवासी पीवी 95 का नाम वेटिंग लिस्ट में शामिल था।

इन दोनों ने भी विश्वजीत देवनाथ से चर्चा कर आरोपी ठग से संपर्क किया। बस्तर फाइटर के दोनों अभ्यर्थी भिलाई पहुंचे, तो वहां ठग युवक का ठाठ-बाट देख वे भी प्रभावित हो गये और नौकरी लगाने का सौदा किया। 14 सितंबर को आरोपी हसन खान पखांजूर आया और दोनों से पांच लाख रुपए नगद ले गया। इसके बाद उसने एक लाख रुपए और भेजने की बात युवको से कही। जिसे फोन पे के माध्यम से पैसे भेजे गए। बताया जा रहा हैं कि आरोपी ने 25 सितंबर को युवक की भांजी प्रियंका देवनाथ का लिपिक पद के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र भी भेजा गया। वहीं कमलेश पाल और वासुदेव सिंह का बस्तर फाइटर पद के लिए नियुक्ति पत्र व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा। इसी नियुक्ति पत्र ने ठग हसन खान की पोल खोलकर रख दी।

ज्वाइनिंग लेटर पर कांकेर पुलिस अधीक्षक की जगह रायपुर एसपी के हस्ताक्षर थे। अपना नियुक्ति पत्र देखकर कमलेश पाल और वासुदेव सिंह को शक हुआ। वे अपने पैसों की मांग करने लगे। पैसे वापस नहीं मिले तो युवकों ने इसकी शिकायत पखांजूर थाने में कर दी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस टीम कांकेर से भिलाई पहुंची, लेकिन आरोपी अपना फोन बंद कर वहां से फरार हो गया था। पुलिस ने उसे सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए ट्रेस करना शुरू किया। इसके बाद आरोपी ओडिशा भागने के चक्कर में था और जगदलपुर तक पहुंचा था। इसी दौरान पुलिस ने उसे फंसाने के लिए सोशल मीडिया पर ही रेंजर की नौकरी लगवाने के लिए पैसे देने का झांसा दिया। ठग पुलिस के झांसे में आ गया और जगदलपुर से भानुप्रतापपुर पहुंच गया। यहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

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