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हाईकोर्ट- शिक्षक ट्रांसफर : शिक्षक LB के ट्रांसफर पर रोक… हाईकोर्ट ने विभाग को जारी किया नोटिस… फैसला आने तक तबादले पर रोक रहेगी बरकरार

बिलासपुर 2 सितंबर 2022। शिक्षक एलबी के ट्रांसफर को लेकर दायर याचिका हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है। हाईकोर्ट ने विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल सूरजपुर के भैयाथान ब्लाक के शासकीय मिडिल स्कूल सोनपुर के शिक्षक वृजेंद्र कुमार साहू का तबादला माध्यमिक शाला कैलाशनगर किया गया था। इस मले में शिक्षक वृजेंद्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

1998 में वृजेंद्र सहायक शिक्षक पंचायत के रूप में नियुक्त हुए थे, उनकी पोस्टिंग सूरजपुर में हुई थी। यसाल 2006 में शिक्षक पंचायत के पद पर उनका प्रमोशन हुआ। प्रमोशन के बाद वो बतौर शिक्षक नियमित सेवाएं दे रहे थे। 2018 में इनकी सेवाओं का संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में होचुका है। 16 सितंबर 2021 को उन्हें संकुल अकादमिक समन्वयक के रूप में नियुक्ति दी गयी थी। इसी बीत 2022 जून में राज्य सरकार ने उनका तबादला ये कहते हुए जारी कर दिया कि शासन को संज्ञान मिला है कि माध्यमिक शाला कैलाशनगर जिला सूरजपुर में एक भी शिक्षक नहीं है।

इस ट्रांसफर आदेश को चुनौती देते हुए शिक्षक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी नरेंद्र मेहेर और दीक्षा गौराहा के माध्यम से दायर याचिका में बताया गया कि सरकार के जीएडी की तरफ से जून 2015 में एक सर्कुलर जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि सामान्य अनुसूचित क्षेत्रों में कम से कम तीन वर्षों की सेवाएं पूर्ण कर चुके अधिकारियों-कर्मचारियों का ट्रांसफर केवल सामान्य क्षेत्र में ही करने पर विचार किया जाये।

इस याचिका में 2019 की ट्रांसफर पालिसी का हवाला दिया गया। जिसमें ये कहा गया था कि पति-पत्नी एक ही स्थान पर पदस्थ किये जाये। साथ ही याचिका में ये भी कहा गया कि संकुल अकादमिक समन्यवक के रूप में नियुक्त याचिकाकर्ता की सवाओं को उनके मूल पद शिक्षक के पद पर वापसी किये बिना ही सीधे ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।

इस मामले में याचिकाकर्ता की सुनवाई सिंगल बेंच में हो चुकी थी। सुनवाई के दौरान ये बताया गया ता कि कैलाशनगर के जिस स्कूल को शिक्षक विहीन बताते हुए याचिकाकर्ता का सोनपुर से तबादला किया गया था, याचिकाकर्ता की जानकारी के अनुसार वहां शिवभजन सिंह नामक शिक्षक पहले से सेवारत हैं। हाईकोर्ट ने इस ट्रांसर पर रोक लगाते हुए स्थगन आदेश पारित करते हुए प्रतिवादी शासन के स्कूल शिक्षा के सचिव सचिव और अवर सचिव और जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर से जवाब मांगा था।

इसी याचिका की अंतिम सुनवाई करते हुए जस्टिस एनके व्यास ने यह आदेशात्मक निर्णय दिया कि याचिकाकर्ता द्वारा उत्तरवादी विभाग को 4 सप्ताह के भीतर एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया जाये। जिसका निराकरण विधि अनुसार 6 सप्ताह के भीतर कर दिया जाये। मामले में लागू स्थगन आदेश इस अभ्यावेदन में फैसला दिये जाने तक ट्रांसफर रोक लगी रहेगी।

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