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CG POLITICS : छत्‍तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव में पूर्व CM समेत इन कद्दावर नेता और मंत्रियों की साख दांव पर,इन हाई प्रोफाइल सीटों पर रहेगी सबकी नजर…

रायपुर 6 नवंबर 2023। छत्तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव में 20 विधानसभा सीटों पर अब से कुछ घंटे बाद 7 नवंबर को मतदान होना है। इन 20 विधानसभा सीटों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई कद्दावर नेता और मंत्रियों के राजनीतिक भविष्य का फैसला जनता-जनार्दन अपना मताधिकार कर ईवीएम में कैद कर देगी। ऐसे में छत्तीसगढ में पहले चरण के चुनाव में पूर्व सीएम डाॅ.रमन सिंह,पीसीसी चीफ दीपक बैज और सरकार के तीन मंत्रियों सहित बीजेपी के 5 पूर्व मंत्रियों की हाई प्रोफाइल सीटों पर पूरे प्रदेश की नजर रहेगी।

छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान को लेकर पूरी तैयारियां हो चुकी है। 20 विधानसभा सीटों पर होने वाले पहले चरण के चुनाव में कुल 223 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे है। इनमें 198 पुरूष और 25 महिला प्रत्याशी है, जो कि चुनावी रण में ताल ठोक रही है। वहीं दूसरी तरफ पहले चरण में होने वाले चुनाव के हाई प्रोफाइल सीटों की बात करे तो बीजेपी और कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं की साख चुनावी रण में दांव पर लगी हुई है। पहले चरण के 20 विधानसभा सीटों में 10 सीटे ऐसी है, जिस पर सरकार से लेकर विपक्ष और आम जनता की नजर रहेगी।

राजनांदगांव….


पहले चरण के चुनाव में हाई प्रोफाइल सीटों की बात करे तो पहले नंबर पर राजनांदगांव विधानसभा की सीट है। बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले इस सीट से एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह चुनावी मैदान में है। रमन सिंह यहां से छह बार विधायक रहे हैं। इस बार डाॅ. रमन सिंह का मुकाबला कांग्रेस के गिरीश देवांगन से है

चित्रकोट….


बस्तर की चित्रकोट सीट से इस बार कांग्रेस पार्टी ने पीसीसी चीफ व सांसद दीपक बैज को मैदान में उतारा है। दीपक बैज के खिलाफ बीजेपी ने चित्रकोट से पूर्व जिला पंचायत सदस्य विनायक गोयल को मैदान में उतारा है। सूबे की हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल चित्रकोट विधानसभा में पीसीसी चीफ दीपक बैज के लिए आसान सीट पर गुटबाजी के बाद यहां की मुकाबला रोचक हो गया है।

कोंडागांव….


बस्‍तर संभाग के कोंडागांव विधानसभा से कांग्रेस के वर्तमान मंत्री एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष मोहन मरकाम चुनावी मैदान में है। मोहन मरकाम यहां से 2013 और 2018 में लगातार जीत दर्ज कर चुके हैं। मरकाम ने भाजपा की पूर्व मंत्री लता उसेंडी को 1796 वोटों से मात दी थी। इस बार भी दोनों दिग्‍गज एक-दूसरे को शिकस्त देने के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे है।

बीजापुर….


नक्सल प्रभावित बीजापुर विधानसभा सीट में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही सीधा मुकाबला रहा है। साल 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्‍याशी और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा को कांग्रेस के कैंडिडेट विक्रम मंडावी ने 21 हजार 584 वोटों के भारी अंतर से चुनाव हराया था। एक बार फिर कांग्रेस की तरफ से विक्रम मंडावी और बीजेपी की तरफ से पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के बीच दिलचस्प मुकाबला है।

अंतागढ़…..


नक्‍सल प्रभावित कांकेर जिला का अंतागढ़ विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इस सीट से कांग्रेस से विधायक रहे अनूप नाग ने बीजेपी के विक्रम उसेंडी को शिकस्त देकर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी ने अनूप नाग का टिकट काट दिया।लिहाजा कांग्रेस से विधायक रहे अनूप नाग बगावत करते हुए इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे है। मौजूदा चुनाव में कांग्रेस ने जहां रूप सिंह पोटाई को मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी ने पूर्व मंत्री विक्रम उसेंडी को एक बार फिर अपना कैंडिडेट बनाया है। ऐसे में इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के बागी विधायक अनूप के मैदान में होने से अब यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है।

दंतेवाड़ा…..

नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा विधानसभा सीट को महेंद्र कर्मा की परंपरागत सीट माना जाता है। इस सीट से इस बार महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा पहली बार कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। मौजूदा विधायक देवती कर्मा ने छविद्र कर्मा के लिए सीट छोड़ी है। उधर छविद्र कर्मा को टक्कर देने के लिए भाजपा ने जिलाध्यक्ष चैतराम अटामी को टिकट दी है। लेकिन इस सीट से शहीद विधायक भीमा मंडावी की पत्नी भी टिकट की दावेदारी कर रही थी। टिकट कटने के बाद दंतेवाड़ा बीजेपी में अंतर्कलह खुलकर सामने आ गया था। ऐसे में इस सीट पर टिकट कटने से मचे अंतर्कलह का नुकसान और फायदा किसे होता है, ये आने वाला वक्त ही तय करेगा।

कोंटा….

सुकमा जिले का कोंटा विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रहा है। राज्‍य गठन के बाद से इस सीट पर लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा है। भूपेश सरकार के मंत्री कवासी लखमा कोंटा से लगातार जीत दर्ज करने वाले कद्दावर नेता है। साल 2018 में लखमा ने भाजपा के धनीराम बरसे को हराया था। इस बार लखमा का मुकाबला भाजपा के सोयम मुका से है।

केशकाल….

कोंडागांव जिले में आने वाली इस सीट से कांग्रेस से विधानसभा उपाध्यक्ष व दो बार के विधायक संतराम नेताम और भाजपा से आईएएस की नौकरी से त्यागपत्र देकर राजनीति में कदम रखने वाले नीलकंठ टेकाम प्रत्याशी हैं। इस सीट पर साल 2013 से लगातार कांग्रेस का कब्जा है। ऐसे में इस बार इस सीट पर जनता पूर्व आईएएस नीलकंठ टेकाम को अपना विधायक चुनती है, या फिर कांग्रेस के कैंडिडेट एक बार फिर रिकार्ड जीत दर्ज करते है, इस पर सबकी नजरे टिकी हुई है।

कवर्धा….

छत्‍तीसगढ़ की कवर्धा विधानसभा सीट पर साहू समाज का दबदबा है। इस सीट से सरकार के मौजूदा वन मंत्री मो.अकबर विधायक है। मो. अकबर ने साल 2018 के चुनाव में प्रतिद्वंदी भाजपा के अशोक साहू को हराया था। इस बार भाजपा ने इस सीट से प्रदेश महामंत्री व भाजयुमो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विजय शर्मा को टिकट दिया है। कांग्रेस से एक बार फिर मंत्री मो. अकबर को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी बदलकर नया दांव खेला है।

नारायणपुर….


बस्तर संभाग के नारायणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस से चंदन कश्यप मौजूदा विधायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में चंदन कश्‍यप ने बीजेपी प्रत्‍याशी और पूर्व मंत्री केदार कश्‍यप को महज 2647 मतों से पटखनी देते हुए चित्त कर दिया था। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भी चंदन कश्यप का पूर्व मंत्री केदार कश्यप के साथ मुकाबला है।

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