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CG POLITICS : दुर्ग संभाग की हाईप्रोफाइल सीटों पर CM बघेल और गृहमंत्री सहित कांग्रेस-भाजपा के बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा लगी दांव पर,जानिये क्या है इन सीटों का सियासी समीकरण

रायपुर 17 नवंबर 2023। छत्तीसगढ़ में आज दूसरे चरण का मतदान है। प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद कर देंगे। छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीटों की बात करे तो दुर्ग संभाग से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित 4 मंत्री चुनावी रण में अपनी किस्मत आजमा रहे है। प्रदेश की जनता की नजर पाटन सीट पर टिकी हुई है, जहां कका और भतीजे के बीच हो रहे मुकाबले में अमित जोगी ने चुनावी मैदान में ताल ठोककर इस मुकाबला को और भी दिलचस्प बना दिया है। आखिर दुर्ग संभाग की हाई प्रोफाइल सीटों के क्या है सियासी समीकरण आईये समझते है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की सियासत में दुर्ग संभाग से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही सूबे के सबसे ज्यादा 4 मंत्री आते है। मतलब हर मायने में ये संभाग काफी वीआईपी और हाई प्रोफाइल है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर गौर करे तो दुर्ग संभाग की 12 में से 11 सीटों पर कांग्रेस ने रिकार्ड जीत हासिल की थी। एक मात्र वैशाली नगर विधानसभा सीट भाजपा के हिस्से में गई थी। ऐसे में मौजूदा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दुर्ग संभाग की 11 सीटों पर जीत का रिकार्ड कायम रखना एक बड़ी चुनौती है। बात करे हाई प्रोफाइल सीटों की तो दुर्ग संभाग की पाटन विधानसभा सीट पर पूरे प्रदेश की नजर है। इस सीट पर ये मुकाबला इसलिए भी काफी दिलचस्प हो जाता है,क्योंकि मुख्यमंत्री बघेल और बीजेपी सांसद विजय बघेल रिश्ते में चाचा-भतीजे है।

ऐसे में पाटन विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दुर्ग से बीजेपी सांसद विजय के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं नामांकन दाखिले के अंतिम दिन छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के अमित जोगी ने पर्चा भरने के बाद यहां का सियासी मुकाबला अब और भी ज्यादा दिलचस्प हो गया है। आपको बता दे कि भूपेश बघेल इस सीट से सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। इसके पहले हुए छह विधानसभा चुनाव में से पांच बार भूपेश बघेल की जीत हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साल 2008 का विधानसभा चुनाव अपने भतीजे भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल से हार गए थे। वहीं पाटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सांसद विजय बघेल वर्ष 2008 में इस सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। मौजूदा चुनाव में वे चौथी बार इस सीट से विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं।

दुर्ग ग्रामीण विधानसभा …..

दुर्ग ग्रामीण में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को बीजेपी के ललित चुनावी रण में सीधे टक्कर दे रहे है। साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट से गृहमंत्री व कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू चुनाव लड़ रहे हैं। वे वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू क्षेत्र बदलकर चुनाव लड़ते रहे हैं। इससे पहले वे धमधा और उसके बाद बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। हालांकि वर्ष 2013 में बेमेतरा विधानसभा सीट से उन्हें हार मिली थी। इसके बाद वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में दुर्ग संसदीय क्षेत्र से ताम्रध्वज साहू सांसद निर्वाचित हुए थे। भाजपा ने यहां जिला भाजपा के महामंत्री ललित चंद्राकर को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है। ललित चंद्राकर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

साजा विधानसभा…..

दुर्ग संभाग का साजा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इस विधानसभा से कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। वे इस क्षेत्र से सात बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। साल 2013 में भाजपा प्रत्याशी लाभचंद बाफना से रवीद्र चैबे का हार का सामना करना पड़ा था। बिरनपुर में हुए सांप्रदायिक हिंसा के बाद यह विधानसभा पूरे प्रदेश में चर्चा में आया है। भाजपा ने इस सीट से बिरनपुर हिंसा में पीड़ित परिवार के ईश्वर साहू को अपना प्रत्याशी बनाया है।

नवागढ़ विधानसभा ….

दुर्ग संभाग का नवागढ़ विधानसभा सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित है। इस सीट से कांग्रेस ने पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार को अपना कैंडिडेट बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में दुर्ग जिला के अहिवारा सीट से गुरू रूद्र कुमार ने चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। लेकिन मौजूदा विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सीट बदल दिया। वहीं भाजपा ने पूर्व मंत्री दयालदास बघेल को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है। दयालदास पूर्व में भी इस विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। इस सीट पर गुरू रूद्र कुमार और दयालदास बघेल के बीच कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है।

डौंडीलोहारा विधानसभा….

बालोद जिले का डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। यहां कांग्रेस से महिला व बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया चुनाव लड़ रही हैं। वे पहले भी इस सीट से विधायक रह चुकी हैं। भाजपा ने यहां से देवलाल ठाकुर को मैदान में उतारा है। देवलाल ठाकुर पहले कांग्रेस में थे। उन्होंने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट नही मिलने पर कांग्रेस से बगावत कर इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। जिला पंचायत बालोद के अध्यक्ष रह चुके देवलाल ठाकुर के बीजेपी प्रवेश करने के बाद पार्टी ने उन्हे अपना कैंडिडेट बनाया है। जिससे इस सीट पर मंत्री अनिला भेड़िया और बीजेपी प्रत्याशी देवलाल ठाकुर के बीच कड़ा मुकाबला होने की बात सामने आ रही है।

भिलाई नगर विधानसभा….

दुर्ग संभाग का भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र भी हाई प्रोफाइल सीटों की गिनीह मंें आता है। इस सीट से मौजूदा विधायक देवेंद्र यादव का नाम ईडी में आने के बाद काफी चर्चा में रहा। इस सीट से कांग्रेस ने वर्तमान विधायक देवेंद्र यादव को एक बार फिर अपना प्रत्याशी बनाया है। एनएसयूआइ से राजनीति की शुरुआत करने वाले देवेंद्र यादव नगर निगम भिलाई के महापौर भी रह चुके हैं। इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के कद्दावर नेता प्रेमप्रकाश पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं। वर्ष 1990 में इस सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रेमप्रकाश पांडेय अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री रहने के साथ ही छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष और रमन सरकार में केबिनेट मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में इस सीट पर भी देवेंद्र यादव और प्रेम प्रकाश पांडे के बीच मुकाबला काफी टक्कर का बताया जा रहा है।

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