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CG : जब मायूस पिता ने कहा….साहब बेटी को पढ़ाना चाहता हूं, लेकिन स्कूल में एडमिशन नही दे रहे, कलेक्टर ने तुरंत DEO और सहायक आयुक्त को किया…..!

कोरबा 13 जुलाई 2022। कोरबा के नवपदस्थ कलेक्टर संजीव झा की संवेदनशीलता एक बार फिर सामने आयी हैं। यहां कलेक्टर के समक्ष एक आदिवासी पहाड़ी कोरवा पिता अपनी बेटी के स्कूल में एडमिशन कराने की गुहार लेकर पहुंचा। कलेक्टर के सामने पहुंचे ही पहाड़ी कोरवा ने बताया कि वह अपनी बेटी को पढ़ाना चाहता हैं, लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल बेटी कों एडमिशन नही दे रहे। कलेक्टर ने आदिवासी कोरवा बेटी की शिक्षा के इस मामले में तत्काल एक्शन लिया गया। कलेक्टर संजीव झा की संवेदनशीलता का ही नतीजा है कि 1 घंटे के भीतर बच्चीं को आश्रम शाला में प्रवेश दिया गया।

गौरतलब हैं कि कोरबा के नवपदस्थ कलेक्टर संजीव झा सरकारी स्कूलों में बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था कोे लेकर पदस्थापना के बाद से ही प्रयासरत हैं। आदिवासी बाहुल्य कोरबा के सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रत्येक बच्चें को शिक्षा का अधिकार मिल सके इस दिशा में सतत प्रयास करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया हैं। इन सारे प्रयासों के बीच कलेक्टर के समक्ष वनांचल ग्राम करतला का एक मामला आया। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा जनजाति का जीवन राम कोरवा कलेक्टर के सामने अपनी बेटी की शिक्षा में आ रही रूकावट की गुहार लेकर पहुंचा था।

कलेक्टर के समक्ष पहुंचते ही आदिवासी कोरवा ने अपनी तकलीफ कलेक्टर संजीव झा को बताया। उसने बताया कि साहब मैं अपनी बेटी को पढ़ाना चाहता हूं, लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल बच्चीं को स्कूल में एडमिशन नही दे रहे हैं। जीवन राम कोरवा ने बताया कि पहले वह रजगामर में रहता था, जहां उसकी बेटी ने 7वीं क्लास तक की पढ़ाई पूरी कर ली थी। इसके बाद वह करतला में जाकर रहने लगा, अब वह करतला में अपनी बेटी बुधवारी कोरवा का सरकारी स्कूल में कक्षा 8वीं में एडमिशन कराना चाहता हैं, लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल एडमिशन नही होने की बात कहकर उसे वापस लौटा रहे हैं।

बेटी की शिक्षा के जज्बे को देख कलेक्टर संजीव झा जीवर राम कोरवा से काफी प्रभावित हुए। कलेक्टर ने तत्काल डीईओं जी.पी.भारद्धाज और आदिवासी सहायक आयुक्त माया वारियर को बच्चीं के स्कूल में ना केवल एडमिशन बल्कि उसके आश्रम में रहने और पढ़ने की पूरी व्यवस्था करने का तत्काल निर्देश दिया गया। कलेक्टर संजीव झा की संवेदनशीलता का ही असर रहा कि एक घंटे के भीतर जीवन राम कोरवा की बेटी बुधवारी कोरवा का आश्रम शाला करतला मे प्रवेश दिया गया। कलेक्टर संजीव झा ने आदिवासी कोरवा जीवन राम को आश्वस्त किया कि अब बेटी की पढ़ाई ही नही बल्कि उसके रहने खाने की भी चिंता नही करनी पड़ेगी।

करतला के आश्रम शाला में प्रवेश मिलने के बाद अब बच्चीं को अच्छी तालिम मिलने के साथ ही उसके रख रखाव का भी पूरा ख्याल रखा जायेगा। पिछले 15 दिनों से बेटी के एडमिशन के लिए भटक रहे जीवन राम कोरवा को जब कलेक्टर संजीव झा ने ये जानकारी दी, तो खुशी से उसकी आंख डबडबा गयी। गौरतलब है कि कोरबा कलेक्टर संजीव झा आज भी सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिये बच्चों के बेहतर भविष्य की सोंच रखते हैं, यहीं वजह है कि उन्होने कलेक्टर रहते हुए सरगुजा में अपनी दोनों बेटियों का एडमिशन कॉन्वेंट स्कूल की बजाये सरकारी स्कूल में कराने का फैसला लेकर आत्मानंद स्कूल में एडमिशन करवाया था। जो कि आज भी एक मिशाल हैं।

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