ब्यूरोक्रेट्सहेडलाइन

टूटते अरमानों को कलेक्टर रानू साहू ने दिया सहारा……महंगी फीस अब नहीं तोड़ पायेगी नेहा का सपना….. डॉक्टर बन पूरा करेगी दिवंगत पापा का सपना

रायगढ़ 30 नवंबर 2022। कहते हैं न बच्चों के हर सपने को उनका पिता परवान चढ़ाता हैं। फिर पिता को कर्ज लेना पडे़ या फिर भूखे रहकर अपने बच्चों के सपने का साकार करना पड़े वो करता जरूर हैं। लेकिन रायगढ़ जिला में एक बेटी की कहानी थोड़ी जुदा हैं, यहां एक होनहार बेटी ने बाप के जीते-जीं डॉक्टर बनने का सपना देखा था। बेटी के सपनों को पिता साकार करता उससे पहले ही उसकी मौत हो गयी। गरीब परिवार में जन्मी इस छात्रा ने कड़ी मेहनत कर मेडिकल में दाखिला तो पा लिया, लेकिन आर्थिक तंगी उसके सपनों के आड़े आ रही थी। ऐसे में कलेक्टर रानू साहू ने इस होनहार छात्रा का हाथ थाम कर ना केवल मेडिकल कालेज की फींस की तत्काल व्यवस्था करायी, बल्कि उसके सपने को साकार करने के लिए हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया हैं।

गौरतलब हैं कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुकरणीय पहल करने वाली रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू की संवेदनशीलता एक बार फिर देखने को मिली हैं। बताया जा रहा हैं कि रायगढ़ के लैलूंगा की रहने वाली मेधावी छात्रा नेहा घोघरे का चयन 2022 के नीट यूजी परीक्षा में हुआ हैं। मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अच्छा अंक आने के बाद नेहा का चयन एमबीबीएस के पाठयक्रम के लिए चंदुलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज दुर्ग में हुआ है। लेकिन गरीब परिवार में जन्मी नेहा के पास कॉलेज की फीस के लिए पैसे नही होने के कारण उसके सपने बिखरते नजर आ रहे थे। बुधवार को नेहा कलेक्ट रानू साहू के पास मदद के लिए पहुंची। कलेक्टर से मदद की आस लिये नेहा जब रानू साहू के सामने पहुंची, तो उसने सबसे पहले अपनी आप बीती बताई। छात्रा ने बताया कि उसके पिता की 4 साल पहले मौत हो गयी थी। पिता की मौत के बाद से मां की मानसिक स्थित सही नही रहती। बावजूद इसके उसने गरीबी और आर्थिक तंगी के बाद भी डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने के लिए मेडिकल की परीक्षा की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत की।

परिणाम भी सकारात्मकर रहे लेकिन मेडिकल कॉलेज में एडमिशन, ट्यूशन और हॉस्टल सहित कुल एक लाख रुपये की फीस जमा करने में परिवार असहाय हैं। छात्रा ने रूंधे गले से बताया कि 3 दिसंबर फीस जमा करने की अंतिम तारीख हैं, फीस जमा नही होने पर उसका मेडिकल कॉलेज में दाखिला नही हो पायेगा। कलेक्टर रानू साहू ने परेशान नेहा की तकलीफ समझी और उसे कुछ देर आफिस के बाहर इंतजार करने का कहा। फिर क्या था, कलेक्टर ने तत्काल नेहा की फीस के लिए सीएसआर मद से एक लाख रूपये का फंड आबंटित करने का आदेश जारी किया गया। ऐन वक्त पर कलेक्टर रानू साहू ने जिस तत्परता से नेहा के सपनों को बिखरने से बचा लिया, उसे देखकर नेहा की आंखे भर आई। नेहा को चेक सौपते हुए कलेक्टर रानू साहू ने ना केवल उसके मेहनत और लगन की हौसला अफजाई की, बल्कि भविष्य में एमबीबीएस की पूरी पढ़ाई के लिए लोन की व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को मौके पर ही दिये गये।

कलेक्टर रानू साहू ने मेडिकल की छात्रा नेहा को खूब मेहनत व लगन से पढ़ाई करने के साथ ही अपने और परिवार के सपनों को साकार करने की शुभकामनांए दी। साथ ही उन्होने पढ़ाई के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत आने पर हर संभव मदद करने का भी आश्वासन छात्रा को दी गयी।कलेक्टर रानू साहू ने गरीब परिवार की बेटी के सपने का जिस संवेदनशीलता के साथ पूरा करने का प्रयास किया हैं, आज उसकी हर तरफ चर्चा हो रही हैं। वही कलेक्टर रानू साहू ने एक बार फिर साफ किया कि जिले में मेधावी छात्रों के सपनों के सामने आर्थिक तंगी कभी भी आड़े नही आयेगी। ऐसे होनहार छात्रों को पहले भी मदद किया गया हैं, और भविष्य में भी मदद की जाती रहेगी।

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