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विज्ञापन जारी होने के बाद शर्तों में बदलाव नहीं हो सकता : हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, कौशल परीक्षा लेने के चयन समिति के आदेश को किया निरस्त

रायपुर 4 मई 2022 । वार्ड की परीक्षा में विज्ञापन की शर्तों के खिलाफ कोशल परीक्षा लेने के निर्देश को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने चयन समिति को निर्देश दिया है कि वो लिखित परीक्षा के आधार पर ही चयन पक्रिया पूर्ण करेंगे। दरअसल स्वर्गीय लखीराम मेडिकल कॉलेज में वार्ड ब्वाय की चयन परीक्षा में रिजल्ट के बाद अचानक से चयन समिति ने स्कील टेस्ट लेने का निर्देश जारी कर दिया था, इस निर्देश पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति भी दर्ज करायी थी, लेकिन समिति ने उसे अस्वीकार कर दिया था, अब हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि लिखित परीक्षा के परिणाम के आधार पर ही चयन परीक्षा पूरी की जाये।

इस मामले में मनराज तंबोली नाम के अभ्यर्थी ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका पेश कर बताया था कि छत्तीसगढ़ के स्वर्गीय लखीराम अग्रवाल स्मृति मेडिकल कॉलेज में वार्ड बॉय के 42 पदों के लिए 19 जुलाई 2017 को विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापन के अनुसार विज्ञापित पदों पर चयन हेतु मेरिट सूची लिखित परीक्षा के आधार पर तैयार किए जाने की बात कही गई थी। याचिकाकर्ता मनराज तंबोली ने ओबीसी से आवेदन किया और लिखित परीक्षा में ओबीसी में तीसरा स्थान प्राप्त किया। लिखित परीक्षा का परिणाम 22 जनवरी 2018 को घोषित किया गया और 2 दिनों के बाद 24 जनवरी 2018 को चयन समिति ने निर्णय लिया कि वार्ड बॉय का पद तकनीकी प्रकार का है इसलिए कौशल परीक्षा की लिया जाना जरूरी है एवं इस कारण कौशल परीक्षा के आधार पर चयन किया जाएगा।

इस हेतु लिखित परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को एक अनुपात सात में कौशल परीक्षा हेतु बुलाया गया, निर्णय को याचिकाकर्ता तंबोली ने चयन समिति के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई। याचिकाकर्ता की दलील थी कि विज्ञापन के अनुसार लिखित परीक्षा के अनुसार चयन किया जाना था और लिखित परीक्षा में सभी प्रकार के प्रश्न पूछे गए थे। ऐसे में परिणाम घोषित होने के बाद कौशल परीक्षा नहीं लिया जा सकता। लेकिन, आपत्ति को चयन समिति की तरफ से खारिज कर दिया गया और कौशल परीक्षा ले लिया गया। कौशल परीक्षा की मेरिट सूची घोषित कर दावा आपत्ति मंगाया गया जिसे मनराज तंबोली ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी।

याचिका में बताया गया एक बार विज्ञापन जारी होने के बाद चयन प्रक्रिया के दौरान विज्ञापन की शर्तों का परिवर्तन नहीं हो सकता, जिस पर प्रतिवादीगण की ओर से कहा गया कि विज्ञापन की शर्तों में बदलाव चयन समिति का विशेषाधिकार है। प्रतिवादी की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने कौशल परीक्षा में भाग लिया है। इस कारण वो अब चुनौती नहीं दे सकता। इस पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पी सैम कोशी ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता ने कौशल परीक्षा के लिए शुरू में ही अपनी आपत्ति दर्ज करा दी थी, जिस कारण वो याचिका प्रस्तुत कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि परिणाम घोषित होने के बाद विज्ञापन की शर्तो में परिवर्तन नहीं हो सकता। भर्ती नियम में चयन समिति को इस प्रकार का कोई अधिकार नहीं दिया गया है और ना ही न्यायालय के समक्ष ऐसा कोई अधिकार प्रावधान शासन की ओर से बताया गया है। कोर्ट ने कहा कि कौशल परीक्षा लेने का निर्णय गलत है एवं कौशल परीक्षा लेने के निर्णय को निरस्त किया जाता है। कोर्ट ने प्रतिवादी को निर्देशित किया है कि वह लिखित परीक्षा के प्राप्त अंकों के आधार पर ही चयन प्रक्रिया को पूर्ण करें।

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