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रसोईया हड़ताल पर, मिड डे मील पर संकट : शिक्षकों पर मध्याह्न भोजन का दवाब डालने पर समग्र शिक्षक फेडरेशन भड़का… हुलेश बोले-विभाग उठाये भोजन तैयार कराने का खर्च

रायपुर 21 मार्च 2023। रसोईया संघ की हड़ताल से स्कूलों में मध्याह्न भोजन का सारा बोझ शिक्षकों पर ही आ गया है। बीईओ की तरफ से शिक्षकों को मध्याह्न भोजन के लिए मौखिक निर्देश देकर शिक्षकों पर ही पूरा जिम्मेदारी थोप रहे हैं। लिहाजा शिक्षकों का गुस्सा बढ़ने लगा है। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडररेशन के प्रंतीय प्रवक्ता हुलेश चन्द्राकर ने कहा कि रसोइया संघ अनिश्चितकलीन हड़ताल में है।

स्कूलों में अब मध्याह्न भोजन तैयार करने का संकट उत्पन्न होने लगा है। अधिकांश स्कूलों में मध्याह्न भोजन की पूरी जिम्मेदारी शिक्षकों पर थोप दी गयी है। बीईओ की ओर से भी मौखिक निर्देश देकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ दिया गया है। भोजन पकवाने की व्यवस्था बनाने की बात कहकर शिक्षकों पर बिना स्पष्ट निर्देश के दबाव पूर्ण कार्य करवाया जा रहा है। हुलेश चंद्राकर ने कहा कि कई जगह समूह के संचालक के द्वारा भोजन पकाने की व्यवस्था हमारा नहीं है कहकर इनकार किया जा रहा।

ऐसे में अगर स्कूल प्रधानपाठक भोजन पकाने की अस्थायी व्यवस्था करता भी है तो 300-600 रु प्रति दिन की मजदूरी आयेगी। Beo कार्यालयो से बात करने पर स्कूलों को गोल मोल जवाब दियाजा रहा है। हुलेश चंद्राकर ने कहा कि सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडररेशन मांग करती है कि व्यवस्था में मजदूरी का खर्च BEO कार्यालय या DEO कार्यालय तय करें और उच्च कार्यालय से मार्गदर्शन ले। कोई शिक्षक ऐसे अनिश्चितकालीन हड़ताल में अपने जेब से पैसा कैसे खर्च करेगा। जिस आन्दोलन की समाप्त होने का कोई समय सीमा तय न हो। उन्होंने मांग की है कि स्कूलों में मध्याह्न भोजन को तैयार करने का खर्च खुद विभाग वहन करें और मंत्रालय, संचालनालय से मार्गदर्शन मांगे। इस मामले में विभाग की तरफ से लिखित में व्यवस्था का निर्देश जारी करने की मांग की गयी है। साथ ही लुकेश साहू,दौलत ध्रुव,फालेश कुर्रे, हरिशंकर सेन,अभिषेक सिंह, लीलेश्वर ग्वाल ने भी प्रांतीय प्रवक्ता के बयान का समर्थन किया है।

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