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CYBER FRAUD ALERT : साइबर ठगी का नया तरीका…..एक ईमेल और आपका बैंक अकाउंट हो जाएगा खाली,ठगी के ऐसे मामलों से बचने इन बातों का रखें ध्यान….

दिल्ली 30 जनवरी 2023। साइबर फ्राॅड हमेशा आपके बैंक खातों पर पैनी नजर रखते हैं। आपकी एक छोटी सी भूप और आपका अकाउंट खाली। जीं हां पिछले कुछ सालों में बैंक फ्रॉड के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसकी वजह ज्यादातर लोग आज के दौर में अपना बैंकिंग से जुड़ा काम ऑनलाइन ही करते हैं। ऐसे में साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं। साइबर ठगी करने वाले ठग अब आपके ईमेल को भी फ्राॅड का नया तरीका बना रहे हैं। मेल पर आये मैसेज को क्लिक करते ही ठग आपका बैंक बैलेंस का खाली कर देंगेे।

गौरतलब हैं कि साइबर ठगी के अधिकतर मामले फोन पर आने वाले मैसेज या फिर ठगो के काॅल से होता हैं। आमतौर पर लोग फोन पर एक एसएमएस खोलकर क्लिक करते हैं या फोन उठाते हैं और कुछ मिनटों में ही उनका बैंक अकाउंट साफ हो जाता है। इसलिए बैंक फ्रॉड के तरीकों को पहचानाना और उससे सतर्क रहना बहुत जरूरी हो गया है। साइबर ठगो ने ठगी का एक नया तरीका अख्तियार किया हैं। जिसमें आजकल साइबर ठग स्पियर फिशिंग का इस्तेतमाल कर रहे है।

जानकार बताते हैं कि स्पियर फिशिंग ईमेल के जरिए व्यक्ति के साथ फ्रॉड करने की कोशिश होती है। जिसमें एक संस्था को टारगेट किया जाता है, और उसके गोपनीय डेटा को बिना इजाजत के एक्सेस किया जाता है। इसके बाद साइबर फ्राॅड करने वाले लोग बड़ी ही आसानी से लोगों के अकाउंट पर सीधे सेंध लगाकर अकाउंट खाली कर देते हैं।

फॉलो करें ये टिप्स….

  1. अगर मैसेज में कोई फॉर्म आता है, जिसमें आपसे किसी तरह की निजी जानकारी मांगी जाती है, तो तुरंत रूक जाएं और उसे दोबारा चेक कर लें।
  2. ईमेल भेजने वाले से पहले संपर्क किए बिना और इस बात को वेरिफाई किये बिना की ईमेल असली है, उसका कोई जवाब न दें।
  3. स्क्रीन पर दिख रहे ईमेल एड्रेस को चेंक करें कि क्या वह आपकी कंपनी के अंदर इस्तेमाल किए जाने वाले ईमेल एड्रेस से पूरी तरह मेल खाता है या नहीं।
  4. इसके साथ ये भी चेक कर लें कि क्या ईमेल के साथ जुड़ा सेंडर असल में कंपनी से है या नहीं।
  5. ऐसे ईमेल में दिए गए अटैचमेंट को न खोलें क्योंकि इनमें वायरस मौजूद हो सकता है।
  6. अगर आपको रिडायरेक्ट करके किसी वेबसाइट पर ले जाया जाता है, तो उसे भी चेक करें, इस बात को चेक करें कि वेबसाइट आपकी कंपनी की होनी चाहिए।
  7. इसके साथ कभी भी किसी ईमेल को डिलीट न करें, उसकी जानकारी तुरंत आईटी विभाग या अपनी कंपनी के कंप्यूटर सपोर्ट के कॉन्टैक्ट को दें, जिससे उन पर कार्रवाई की जा सके।

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