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“घर बैठे वेतन देना है, तो दीजिये…फिर मैं भी फैंसी ड्रेस पहनकर आऊंगा” DEO ने भेजा शो-कॉज नोटिस, …तो प्राचार्य ने दिया ऐसा करारा जवाब कि पढ़कर रह गये सब हक्के-बक्के

सूरजपुर 26 जुलाई 2023। …आप चाहते हैं कि विवादित महिला व्याख्याता को घर बैठे वेतन देना है, तो दे सकते हैं…. अगर ड्रेस कोड नहीं है तो आदेश क्रमांक 588 को समाप्त कर दीजिये, फिर मैं भी फैंसी ड्रेस पहनकर आऊंगा… मेरे स्पष्टीकरण से आप संतुष्ट नहीं है, तो मेरे खिलाफ कार्रवाई कर दीजिये…प्रभारी प्राचार्य का DEO के शो-कॉज का इस अंदाज में भेजा गया जवाब खूब चर्चा में है। मामला सूरजपुर का है। जहां शासकीय हाईस्कूल लक्ष्मीपुर में पदस्थ व्याख्याता आफरीन नाज ने अपने प्रभारी प्राचार्य गया प्रसाद के खिलाफ सूरजपुर DEO से शिकायत की थी। शिकायत में छुट्टी स्वीकृत नहीं करने, ड्रेस को लेकर टिप्पणी करने जैसे आरोप थे।

सूरजपुर DEO ने इस मामले में लक्ष्मीपुर शासकीय हाईस्कूल के प्रभारी प्रचार्य गया प्रसाद को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। नोटिस में प्राभारी प्राचार्य पर कई आरोप थे। आरोप के मुताबिक व्याख्याता आफरीन नाज को आकस्मिक अवकाश नहीं स्वीकृत जाता है। छुट्टी देने के लिए DEO की टीप को भी प्रभारी प्राचार्य की तरफ से नजरअंदाज किया जाता है, शिक्षिका के पहनावे पर टिप्पणी की जाती है। डीईओ ने अपने नोटिस में इसे उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना करार देते हुए कार्रवाई की चेतावनी के साथ जवाब तलब किया था। डीईओ की नोटिस में लगे आरोपों का जवाब प्रभारी प्राचार्य ने जिस अंदाज में दिया, वो वाकई में गजब था। अब ये जवाब जमकर वायरल हो रहा है।

प्राचार्य ने भेजा बेहद ही सख्त जवाब

अपने जवाब में प्राचार्य गया प्रसाद ने लिखा कि व्याख्याता आफरीन नाज की छुट्टी अस्वीकृत करने की वजह दुर्भावना नहीं, बल्कि डीईओ के ही उस आदेश के तारतम्य मे था, जिसमें शिक्षा विभाग में कसावट व बेहतर परीक्षा फल लाने का निर्देश हैं। विद्यालय के विकास व रिजल्ट को बेहतर बनाने के लिए ही व्याख्याता की छुट्टी पर रोक लगायी गयी थी।

पढ़िये प्राचार्य का खरा-खरा डीईओ को जवाब

शिक्षा विभाग में कसावट व बेहतर परीक्षा फल लाने के लिए समय-समय पर आपके द्वारा आदेश निर्देश जारी किया जाता है उसी प्रकार इस विद्यालय के विकास व परीक्षाफल को बेहतर के लिए संबंधित व्याख्याता के अवकाश पर मेरे द्वारा रोक लगाते हुए आपके कार्यालय भेजा गया था। आप चाहते है कि विद्यालय का परीक्षाफल निराशाजनक ही बना रहे, तो आप सक्षम अधिकारी है। मेरे अधिकारों को शिथिल करते हुए संबंधित व्याख्याता को घर मे बैठाकर वेतन दे सकते है, हमें कोई आपत्ति नही है। मैं पहले भी आपको अवगत कराया था, आज भी अवगत कराना चाहुंगा कि इस विद्यालय का बोर्ड परीक्षा में 21 में से मात्र 4 छात्र-छात्राएं पास है वही विवादित महिला व्याख्याता की परीक्षाफल देखें तो उनके विषय में मात्र एक छात्रा पास है।
(2) जब मैं प्रभारी प्रचार्य ही नही, संकुल का समस्त कार्य, प्राचार्य का क्लर्क का एवं चपरासी का सफाई वाला का कार्य करते हुए जब मेरे विषय में 21 में से 15 बच्चे उत्तीर्ण हो सकते है तो विवादित महिला व्याख्याता से भी उम्मीद किया जा सकता है कि वह भी अपने विषय मे बेहतर परिणाम दें, क्योंकि उसके पास अध्यापन के अलावा अन्य कोई कार्य नहीं है।
(3) महिला व्याख्याता के आवेदन पर प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सहानुभुति पूर्वक विचार करने हेतु टिप किया गया था। न कि अवकाश स्वीकृत हेतु। मेरे मौखिक निर्देशों का बार बार अवहेलना करने के कारण और उसके विषय का परीक्षफल अति निराशाजनक होने के कारण उक्त महिला व्याख्याता से मुझे किसी भी प्रकार की सहानुभूति नहीं होने के कारण उसका अवकाश आवेदन पर मेरे द्वारा विचार नहीं किया गया। अगर वे अपना व्यवहार व परीक्षाफल मे सुधार लाने की वचन देती है तो भविष्य में विचार कया जाएगा।
(4) आफरीन नाज द्वारा स्कूल में काला गाउन पहन कर आने से मेरे द्वारा मना किया गया है फिर भी ये मेरे निर्देश को अनदेखा करते हुए उनके द्वारा ड्रेस कोड पर प्रश्न चिन्ह लगाया गया है। इसके संबंध में लेख है कि इस विद्यालय में ही नही बल्कि हर विद्यालय में ड्रेस कोड लागू है। स्कूल के बच्चों के साथ साथ शिक्षक व शिक्षिकाओं का भी कर्तव्य है कि शिक्षिकीय कार्य के अनुरूप ड्रेस पहनकर विद्यालय में आये। अगर ऐसा नहीं है तो आप सक्षम अधिकारी है मेरे उपरोक्त आदेश कमांक 588 को निरस्त कर सकते है ताकि मैं भी विद्यालय में फैंसी ड्रेस पहन कर आ सकूं।
(5) आफरीन नाज आपके कृपापात्र से मेरे निर्देशों का अवहेलना करते हुए बिना अवकाश स्वीकृत कराए अवकाश पर चली गई और शिकायत भी कर दी। उनके शिकायत पर बिना उचित जांच पड़ताल के आपके द्वारा मेरे खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की लेख करते हुए स्पष्टिकरण मागने से इस विद्यालय पर तथा मुझ पर विपरित प्रभाव पड़ा है। विवादित महिला व्याख्याता ही नहीं अन्य कर्मचारीयों का मनोबल मेरे खिलाफ गया है। आपके कार्यालय के आदेश को मेरा स्वयं का निर्देश मानकर अनसुना करते आए है। इस पत्र के जारी होने से और वे निर्देशों का अनसुना ज्यादा करेंगे। इसलिए आप से आग्रह है कि भविष्य में विद्यालय के निम्नीकरण और निराशाजनक परीक्षा परीणाम आने पर मुझसे किसी भी प्रकार का जवाबी कार्यवाही नही करने का अनुरोध रहेगा।
(6) आप कार्यालय द्वारा पहले भी इस महिला व्याख्याता को उनकी घर के नजदीक विद्यालय विश्रामपुर में अटैच कर वेतन दिया गया है पुनः आपसे अनुरोध किया जाता है कि इनका अटैचमेन घर के नजदीक विद्यालय विश्रामपुर में कर दिया जाय ताकी ये खुश रह सकें। अतः उपरोक्त स्पष्टिकरण श्रीमान की ओर उचित कार्यवाही हेतु सादर प्रेषित है। आप उक्त स्पष्टिकरण से संतुस्ट नही है तो मेरे प्रति अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र व सक्षम अधिकारी हैं।
सादर सम्प्रेषित

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