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2300 से ज्यादा लोगों की मौत: तुर्की-सीरिया में कुदरत की विनाश लीला, सड़कों पर लाशों का अंबार; अब तक 2300 से ज्यादा की मौत, हजारों लोग मलबे में दबे

नई दिल्ली 6 फरवरी 2023: तुर्की में सोमवार को एक के बाद एक भूकंप के तीन झटकों से देश दहल गया। तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 2310 लोगों की मौत हो गई है जबकि 10,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। तुर्की में सोमवार को भूकंप के तीन झटकों से दहशत फैल गई। सोमवार शाम को तुर्की में भूकंप का तीसरा झटका आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.0 रही। यह बीते 24 घंटों में तुर्की में आया तीसरा भूकंप है।

तुर्की और सीरिया में आज विनाशकारी भूकंप के ऐसे झटके आए कि लाशों का हिसाब रखना मुश्किल हो रहा है। 100 साल बाद पूरी दुनिया ने ऐसा भयंकर भूकंप देखा है। तुर्की में आज एक के बाद एक तीन जबरदस्त भूकंप आए। भूकंप का पहला जबरदस्त झटका 7.8 की तीव्रता का आया, दूसरा झटका 7.6 का और तीसरा झटका 6.0 तीव्रता का आया। इस भूकंप में अब तक 2300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।

इस विनाशकारी भूकंप में कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं और कई शहर मलबे के ढेर में तब्दील हो गए। हर तरह मौत का मंजर ही नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि सैकड़ों लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं, और मरने वालों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि बचाव दल पूरे क्षेत्र के शहरों और कस्बों में मलबे में फंसे लोगों की खोज कर रहा है। बॉर्डर के दोनों तरफ, अलसुबह आए भयानक भूकंप से डरकर लोग ठंडी, बरसाती और बर्फीली रात में घरों से बाहर निकल आए। इमारतें फर्श पर पड़े ढेर में बदल गईं।

तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास स्थानीय समयानुसार सुबह 4:17 बजे भूकंप का एक शक्तिशाली झटका महसूस किया गया और पहले झटके के कुछ मिनट बाद दूसरा और फिर तीसरा शक्तिशाली झटका महसूस किया गया। तुर्की में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए। अभी काफी लोग इमारतों के मलबों में भी फंसे हुए हैं, जिन्हें राहत और बचाव दलों के सदस्य बाहर निकालने की कोशिशों में लगे हुए हैं। ये भूकंप के झटके तुर्की समेत लेबनान, सीरिया, साइप्रस, इजराइल और फ़िलिस्तीन में भी महसूस किए गए हैं

आज तुर्की में 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, इससे पहले 1939 में 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था जिसमें 32 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। 1999 में तुर्की के इजमित में भूकंप आया था, जिसमें 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। 1784 को एरजिनकान में इसी पैमाने का भूकंप आया था, जिसमें 5 हजार से ज्याद लोग मारे गए थे।

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