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प्रदेश में प्रमुख सचिव की कमी… GAD ने प्रमुख सचिव पद पर प्रमोशन की DOPT से मांगी अनुमति

रायपुर 25 नवंबर 2022। छत्तीसगढ में इन दिनों प्रमुख सचिव का टोटा हो गया है। लिहाजा, राज्य शासन ने डीओपीटी से प्रमुख सचिव पदोन्नति के लिए अनुमति मांगी है। हालांकि ये अनुमति मिल भी गयी तो बहुत ज्यादा फायदा राज्य को मिलेगा, इसकी गुंजाइश नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रमुख सचिव के दो दावेदार में एक सोनमणि वोरा सेंट्रल में है, लिहाजा उन्हें प्रोफार्मा पदोन्नति मिलेगी, हालांकि शहला निगार की सेवाएं जरूर राज्य को मिलेगी। दरअसल छत्तीसगढ कैडर के प्रमुख सचिव स्तर के कई अधिकारी इन दिनों डेपुटेशन पर है।

लिहाजा, प्रदेश में प्रमुख सचिव स्तर के कर्मचारियों का टोटा हो गया है। अगर मौजूदा स्थिति को देखें तो प्रदेश में मंत्रालय स्तर पर दो रेनू पिल्ले और सुब्रत साहू के अलावे प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ कार्यरत है। आलोक शुक्ला संविदा पर है। प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की कमी की वजह से अधिकांश विभागों में विशेष सचिव स्तर के अफसर पदस्थ हैं, यह सारे विभाग प्रमुख सचिव स्तर वाले हैं। लिहाजा सुपरविजन को मजबूत बनाने के लिए जीएडी ने पदोन्नति के लिए डीओपीटी से अनुमति मांगी है। DOPT से अनुमति मिली तो जनवरी से पहले पदोन्नति मिल सकती है। डेपुटेशन पर गये पीएस में से कोई एक भी अगले 1 वर्ष तक लौटता दिख नहीं रहा है।

वहीं राज्य प्रशासनिक सेवा के IAS अवार्ड के लिए फिलहाल तीन पद खाली है, माना जा रहा है कि नये साल में उन पदों पर आईएएस अवार्ड हो जायेगा। ईमिल लकड़ा, एके टोप्पो व उमेश अग्रवाल के रिटायर होने के बाद 3 पद खाली है।

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