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फर्जी IAS ने CM को ही दे दिया गच्चा….खुद की 357वीं रैंक बताकर मुख्यमंत्री से सम्मान भी कराया, साथ डिनर भी किया…राज खुला तो CM सचिवालय से लेकर इंटेलिजेंस तक के उड़े होश… अब FIR हुआ दर्ज

रांची 30 जुलाई 2022। झारखंड के युवक द्वारा यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा में सफल होने की फर्जी खबर फैलाकर सम्मानित होने का मामला सामने आया है. युवक ने अपनी कामयाबी की फर्जी खबर को पूरे राज्य में फैलाया और करीब एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर जाकर सम्मानित भी हुआ. इससे भी बड़ी चौंकाने वाली बात ये है कि इस युवक ने झारखंड सरकार की ओर से आयोजित यूपीएससी के सफल अभ्यर्थियों के अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों से भी सम्मान हासिल किया और उनके साथ रात्रि भोज में भी शामिल हुआ.

झारखंड में CM सचिवालय की आंखों में धूल झोंककर पलामू के एक फर्जी IAS ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ तस्वीर खिंचवाई और अभिनंदन समारोह में शामिल हुआ. खुद को UPSC में सफल और 357 रैंक होल्डर बताने वाले कुमार सौरभ ने CM सचिवालय की आंखों में भी धूल झोंक दी.

सबसे बड़ी चूक सरकार की तरफ से भी हुई है कि बिना वेरीफिकेशन के आखिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ भोज में शामिल होने और सम्मानित होने के लिए कैसे किसी को इस तरह से भेज दिया गया. इस गलती का अहसास होते ही सरकार की तरफ से कुमार सौरभ के खिलाफ रांची के धुर्वा थाने में केस दर्ज किया गया है.

उतर प्रदेश के कुमार सौरभ को यूपीएससी में मिली 357वीं रैंक को सौरभ पांडे ने खुद की रैंकिंग बताई थी. इसके बाद उसे मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित किया गया. शुक्रवार को पलामू के उपायुक्त आंजनेयुल दोड्ढे के निर्देश पर पांडु बीडीओ राहुल उरांव ने पांडु थाने में केस दर्ज कराया. उधर, रांची के धुर्वा थाने में भी राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के एमआईएस पदाधिकारी कुमार चंदन ने एफआईआर दर्ज कराई है.

एमआईएस प्राधिकारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने सिविल सेवा परीक्षा 2021 में झारखंड के सफल अभ्यर्थियों को सम्मानित करने के लिए अभिनंदन समारोह का आयोजन किया था. इसके लिए विभाग की ओर से सभी जिलों के उपायुक्तों को अपने-अपने क्षेत्र के सफल अभ्यर्थियों की सूचना उपलब्ध कराने को कहा था, जिसमें पलामू से सफल व्यक्ति के रूप में कुमार सौरभ पुत्र स्व. दिलीप पांडे निवासी ग्राम पांडू के बारे में सूचना दी गई थी. इसके बाद तथाकथित अभ्यर्थी को बुलाकर मुख्यमंत्री के अभिनंदन समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया. इसके बाद 26 जुलाई को सौरभ पांडे सम्मान समारोह में अपने परिवार के साथ शामिल हुआ और मुख्यमंत्री से सम्मान भी लिया. इस मामले का खुलासा होने के बाद सरकार को फर्जी सूचना देने व जालसाजी के आरोप में सौरभ पांडे के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है. इसके साथ ही धुर्वा थाने की पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

पांडू के प्रखंड विकास पदाधिकारी राहुल उरांव के आवेदन के आधार पर आईपीसी की धारा 420, 419, 468, 406, 476, 471, 193, 199 समेत कई संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. सदर एसडीएम राजेश कुमार साह ने बताया कि मामले में पांडु बीडीओ को एफआईआर करवाने के लिए निर्देश दिए गए थे. एसडीपीओ सुरजीत कुमार ने कहा कि एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है.

सौरभ पांडे के फर्जी होने के कई प्रमाण

पिछले दो माह से सौरभ पांडे के फर्जीवाड़े के कई प्रमाण सामने आ रहे हैं. सौरभ पांडे ने फिर यूपीएससी की परीक्षा पास करने की बात कही और 357वीं रैंक को सही बताया. सौरभ ने अपना एडमिट कार्ड भेजा. इसमें एडमिट कार्ड के कई तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की बात सामने आई.

एडमिट कार्ड के रोल नंबर 7912001 के अनुसार उसके व्यक्तित्व परीक्षण की तारीख 8 अप्रैल 2022 बताई गई, लेकिन यूपीएससी की ओर से 22 मार्च 2022 को जारी 40 पेज के सूचना पत्र में एसएल-1093, अनुक्रमांक-7912001 के व्यक्तित्व परीक्षण की तिथि 6 मई 2022 निर्धारित थी. सौरभ पांडेय ने जिस कुमार सौरभ की रैंक (357वां) का इस्तेमाल किया, उसकी छानबीन करने पर पता चला कि कुमार सौरभ एससी कैटेगरी से आते हैं.

यूपी के कुमार सौरभ ने सौरभ पांडे को किया एक्सपोज

357वीं रैंक लाने वाले यूपी के कुमार सौरभ को जब इस संबंध में जानकारी हुई तो उन्होंने सौरभ पांडे को एक्सपोज किया. कुमार सौरभ को दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करने वाले स्टूडेंट के एक वॉट्सएप ग्रुप से जानकारी हुई. इसमें पता चला कि कोई उनके नाम से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ फोटो खिंचवा चुका है, इसके बाद कुमार सौरभ ने पलामू के सौरभ की असलियत को एक्सपोज किया.

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