शिक्षक/कर्मचारी

वेतन विसंगति को लेकर फेडरेशन ने की शिक्षा मंत्री से मुलाकात, मनीष मिश्रा बोले- सब्र टूट रहा सहायक शिक्षकों का, अंजाम बुरा होगा

रायपुर 18 जून 2023। वेतन विसंगति पर आरपार की लड़ाई लड़ने जा रहे छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों का गुस्सा चरम पर है। एक तरफ जहां प्रदेश भर में दीवार लेखन कर राज्य सरकार का सहायक शिक्षकों के प्रति सौतेलापन सहायक शिक्षक उजागर कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ ज्ञापन सौंपकर शिक्षकों की मांगों के प्रति सरकार का ध्यान आकृष्ट भी करा रहे हैं। इसी कड़ी में सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान मनीष मिश्रा ने सहायक शिक्षकों की नाराजगी की भी जानकारी शिक्षा मंत्री को दी। साथ सहायक शिक्षकों के संकल्प सभा के बारे में भी ताया।

इससे पहले 14 जून को मनीष मिश्रा ने रविंद्र चौबे से भी मुलाकात की थी। प्रदेश के सभी मंत्रियों से मुलाकात कर वेतन विसंगति की मांगों को रख चुके मनीष मिश्रा ने बताया कि 15 जून से सहायक शिक्षक सरकार की वादाखिलाफी की पोल खोल रहे हैं। हम प्रदेश भर में पोस्टर और दीवार लेखन का काम करेंगे। अलग-अलग श्लोगन के जरिये जब हम अपने साथ हुए धोखा और अन्याय की बातों को लिख रहे हैं, लेकिन साथ ही वार्ता का रास्ता भी बनाये रखना चाहते हैं। इसलिए आज शिक्षा मंत्री से मुलाकात की है।

मनीष मिश्रा ने कहा कि हमने सरकार पर बहुत भरोसा किया था। चार साल तक उनके आश्वासन पर रहे, लेकिन मालूम नहीं था कि यकीन के बदले धोखा मिलेंगे। अब हमलोग जनता के बीच अपनी आपबीती का मैसेज पहुंचायेंगे। बतायेंगे कि सरकार ने वेतन विसंगति दूर करने के लिए जो वादा किया था, वो वादा नहीं निभाया। जो कमेटी बनायी थी, वो दो साल बाद भी अपनी रिपोर्ट नहीं दे सकी। हर बार ज्ञापन और मुलाकात के बाद झूठा आश्वासन देकर हमें खाली हाथ लौटाया गया।

मनीष मिश्रा ने कहा कि 15 जून से दीवार लेखन और पोस्टर अभियान की शुरूआत हो चुकी है। 2 जुलाई तक हमलोग पूरे प्रदेश में गली-शहर-गांव हर जगह पर अपने साथ हुए धोखा और सरकारी का वादाखिलाफी का प्रचार करेंगे और ना सिर्फ प्रचार करेंगे, बल्कि लोगों को बतायेंगे की, हमें चार साल से झूठे भरोसे के सहारे रखा गया। 2 जुलाई के बाद हम 5 जुलाई तक संकल्प सभा का आयोजन रायपुर में करेंगे। प्रदेश भर के हजारों शिक्षक रायपुर में जुटेंगे। वहां हम सभा में शपथ लेंगे और कसम खाकर रायपुर की जमीं से लौटेंगे, कि हमारे साथ तो जो करना था वो कर दिया गया, लेकिन चार महीने बाद जो चुनाव होगा, उसमें जनता इसका हिसाब चुकायेंगी। मनीष मिश्रा ने कहा कि इसके बावजूद भी अगर सरकार ने ठान लिया है कि उन्हें वेतन विसंगति को दूर नहीं करना है तो ठीक है लोकतंत्र में जनता ही मालिक होती है। आज के प्रतिनिधि मंडल में आलोक त्रिवेदी रामकृष्ण साहू राजू टंडन हेमसाहू मनोज साहू आदि शामिल थे

Back to top button