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HAR HAR MAHADEV : महाशिवरात्रि पर शिव जी की पूजा कैसे करे ये है शुभ मुहूर्त

18 फरवरी 2023 को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाहोत्सव मनाया जाएगा. ऐसा कहा जाता है कि फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोले शंकर धरती पर सभी शिवलिंग में विराजमान रहते हैं. शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही ज्योतिर्लिंग का प्राक्ट्य हुआ था.
महाशिवरात्रि चार प्रहर पूजा समय मुहूर्त


पहला प्रहर – शाम में 6 बजकर 13 मिनट से 9 बजकर 24 मिनट तक
दूसरा प्रहर – रात में 9 बजकर 24 मिनट से मध्यरात्रि 1 बजे तक
तीसरा प्रहर – रात में 12 बजकर 35 मिनट से 3 बजकर 46 मिनट तक
चौथा प्रहर – मध्य रात्रि 3 बजकर 46 मिनट से सुबह 6 बजकर 56 मिनट तक

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
भगवान शिव अपने भक्तों स बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसके लिए जरुरी है कि आप साफ मन के साथ पूरे विधि विधान के साथ भगवान शिव की उपासना करें। सुबह स्नान के बाद भगवान शिव की पूजा के लिए पूर्व उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठें।

यदि आप मंदिर नहीं जा रहे हैं तो घर पर ही शिवलिंग को किसी साफ प्लेट में रखें और गंगा जल और पवित्र जल मिलाकर भगवान शिव को अर्पित करें। इसके बाद शिवलिंग पर शहद, घी, दूध, गुड़, जनेऊ, बेलपत्र और धतूरा भगवान शिव को अर्पित करें। भगवान शिव के साथ साथ पूरे शिव परिवार का पूजन भी करें। महिलाएं माता पार्वती का श्रृंगार करें और उन्हें सुहाग की चीजें अर्पित करें। इसके बाद नंदी, कार्तिकेय और भगवान गणेश को फूल, गुड, जनेऊ, चंदन, रोली, कपूर से पूजन करें।

  • कुश का आसन
  • शिवलिंग
  • गंगाजल
  • आंक के फूल, गुलाब पुष्प
  • पंचामृत (घी, गाय का कच्चा दूध, दही, शहद, शक्कर)
  • पंच मेवा, पांच मौसमी फल, पांच प्रकार की मिठाई
  • शिवा मुठ्‌ठी (गेहूं, काला तिल, अरहर दाल, अक्षत, मूंग)
  • पान के पत्ते, लौंग, इलायची, सुपारी
  • भांग, भस्म, केसर, रुद्राक्ष, मौली
  • बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र
  • सफेद चंदन, गन्ने का रस, हलवा
  • अबीर, गुलाल, भोडल, कपूर, इत्र
  • मां पार्वती के लिए सुहाग सामग्री
  • महाशिवरात्रि व्रत कथा पुस्तक
  • दान – कंबल, दक्षिणा, वस्त्र, अन्न

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