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हाईकोर्ट ब्रेकिंग : अवमानना मामले में हाईकोर्ट का कड़ा निर्देश… RES के ENC को आरोप निर्धारण के लिए किया तलब… सब इंजीनियर को प्रमोशन नहीं दिये जाने का मामला…

अरविन्द राही प्रमुख अभियंता (ENC) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES) को अवमानना याचिका में आरोप निर्धारण करने छ.ग. उच्च न्यायालय का आदेश

रायपुर 26 सितंबर 2022। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES) के प्रमुख अभियंता अरविन्द राही को अवमानना याचिका में आरोप निर्धारण करने का छ.ग. हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। RES में सब इंजीनियर अविनाश कुमार सिंह पदस्थ हैं। साल 2012 में विभागीय पद्दोनति समिति कि बैठक 29 सितंबर को हुई थी, जिसमें अविनाश सिंह को सब इंजीनियर से सहायक यंत्री के पद पर पद्दोनत्ति का लाभ नहीं दिया गया और यह उल्लेख किया गया कि उनके पूर्व के 5 वर्षों की संपत्ति का विवरण नहीं दिया गया था। दिनांक 31.12.2012 को सहायक यंत्रिओं के पद्दोनति आदेश जारी कर दिए गए, जिससे क्षुब्ध होकर अविनाश सिंह ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और संदीप सिंह के माध्यम से माननीय छ.ग. उच्च न्यायलय में याचिका दायर की।

याचिका में यह उल्लेख किया गया कि अविनाश सिंह ने अपने 5 वर्षों की संपत्ति का विवरण निर्धारित समय में जमा कर दिया था किन्तु उनके जूनियरों को पद्दोन्नति का लाभ दिया गया। न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 17.06.2015 में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता के कथन पर कहा कि याचिकाकर्ता के मामले को दुबारा रिव्यु DPC में विचार किया जायेगा। उक्त कथन का याचिका से निराकरण कर दिया गया, परन्तु रिव्यु डी पी सी दिनांक 01.02.2016 में पूर्व के कारण कि याचिकाकर्ता के पूर्व के 5 वर्ष के संपत्ति विवरण नहीं होने के कारण इन्हे पद्दोनति का लाभ नहीं दिया जा सकता।

उक्त कार्यवाही से क्षुब्ध होकर अविनाश सिंह ने एक रिट याचिका के साथ ही, अवमानना याचिका भी अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और संदीप सिंह के माध्यम से प्रस्तुत की। माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 09.02.2018 में यह आदेश पारित किया कि चूँकि याचिकाकर्ता को पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया इसलिए प्रतिवादियों को यह निर्देश दिए जाते हैं कि वह याचिकाकर्ता के मामले में डी पी सी दिनांक 29.09.2012 का पुनर्निरीक्षण (रिव्यू DPC) करें और यदि रिव्यु डी पी सी में याचिकाकर्ता पदोन्नति के लिए योग्य उपयुक्त पाया जाता है। तो उसे पूर्व के दिनांक से वरिष्ठता का लाभ एवं बैक वेजेस दिया जाये। याचिकाकर्ता के जूनियर जो कि विभागीय पद्दोनति समिति दिनांक 29.09.2012 से पद्दोन्नत हुए हैं, उसी दिनांक से याचिकाकर्ता को भी लाभ दिया जाये।

उपरोक्त आदेश के बाद भी कुछ न होने से अविनाश सिंह ने उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी के माध्यम से प्रस्तुत की। पूर्व में उच्च न्यायालय ने के आर पिस्दा, पूर्व चेयरमैन, छ.ग. लोक सेवा आयोग, पुष्पा साहू पूर्व सचिव छ.ग. लोक सेवा आयोग एवं अरविन्द राही पूर्व मुख्य अभियंता (वर्तमान में प्रमुख अभियंता) छ.ग. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को नोटिस जारी किया गया था। प्रतिवादियों की ओर से उपरोक्त अवमानना याचिका में जवाब प्रस्तुत किया गया एवं यह उल्लेख किया गया कि रिव्यु डीपीसी दिनांक 21.02.2019 की बैठक हुई एवं याचिकाकर्ता को यह कहते हुए पद्दोनति का लाभ नहीं दिया गया कि संवर्ग में पद रिक्त नही ता।

इस मामले की सुनवाई दिनांक 23 सितंबर 2022 को न्यायाधीश पी सैम कोशी की बेंच में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमे उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि प्रतिवादी अरविन्द राही के जवाब से न्यायालय संतुष्ट नहीं है, चूँकि उच्च न्यायालय के पूर्व के निर्देश का सही तरीके से पालन नहीं किया गया है. साथ ही साथ न्यायालय ने यह उल्लेख किया कि मामले की अगली सुनवाई दिनांक 18.11.2022 को रखी जाती है जिसमे प्रतिवादी अरविन्द राही को अवमानना के आरोप निर्धारण (Framing of Charge) हेतु स्वमेव उपस्थित रहना होगा।

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