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शिक्षक भर्ती बिग ब्रेकिंग : शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट ने स्टे को किया संशोधित, नियुक्ति कर सकेगी सरकार, लेकिन नियुक्ति हाईकोर्ट के फैसले के होगी अधीन

बिलासपुर 13 जुलाई 2023। प्रदेश में चल रहे शिक्षक भर्ती से जुड़ी एक बड़ी खबर दी है। हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती पर लगाये गये स्टे को संशोधित किया है। निर्देश के मुताबिक अब शिक्षकों की भर्ती अगर राज्य सरकार चाहे तो कर सकेगी, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया हाईकोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगी। वहीं याचिकाकर्ताओं के लिए पद को सुरक्षित रखने का भी निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है। इस मामले में अब अंतिम फैसला 16 अगस्त को सुनाया जायेगा। दरअसल प्रदेश में 14 हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इस नियुक्ति में अलग-अलग बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए याचिका दायर की गयी थी।

इस मामले में कोर्ट में सरकार के पक्ष की तरफ से बताया गया कि सहायक शिक्षक व शिक्षकों के लिए नियम बना दिया है। विषयों को हटा दिया था। गणित अंग्रेजी विज्ञान के पद रिक्त रह जाते हैं। दसवीं तक अंग्रेजी से लेकर सभी विषय पढ़े हैं। बीएड डीएलएड की ट्रेनिंग भी लिए हैं। आठवीं कक्षा तक पढ़ाने की पात्रता रखते हैं। अतिथि शिक्षको को बोनस अंक के लिए केबिनेट का निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट का भी यह फैसला है।

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सेवा भर्ती नियम 2019 के विपरीत शिक्षक भर्ती विज्ञापन में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने एवं विषयवार विज्ञापन जारी नहीं किया गया था, इस मामले में पांच अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की गयी थी। इससे पहले प्रारंभिक सुनवाई के दौरान शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अंतिम परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन आज की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पूर्व में जारी रोक को शिथिल करते हुए राज्य शासन को आगे की प्रक्रिया को प्रारंभ करने की छूट दी है। साथ ही कोर्ट ने पांच याचिकाकर्ताओं के लिए पांच पद आरक्षित रखने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट के इस फैसले से राज्य शासन को बड़ी राहत मिली है।

अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव ने मामले में पैरवी करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षक के टी संवर्ग के 4659 पद पर एवं ई संवर्ग के 1113 पदों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का प्रविधान किया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग भर्ती नियम 2019 में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने के संबंध में स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है। याचिका में कहा है कि जो विज्ञापन जारी किया गया उसमें विषय की बाध्यता खत्म कर दी गयी थी। सभी विषय अंग्रेजी, गणित, संस्कृत आदि विषयों के लिए अलग-अलग पद जारी किया जाना था। मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई।

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