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हाईकोर्ट : होमियोपैथी चिकित्सा अधिकारी के दो पद सुरक्षित रखने का हाईकोर्ट ने दिया निर्देश

बिलासपुर 4 मार्च 2023। छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा (आयुष) विभाग में होमियोपैथी चिकिस्ता अधिकारी के 20रिक्त पदों पर भर्ती केलिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने दिनांक 6.04.2022को विज्ञापन जारी कर पात्र अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किया था|

याचिकाकर्ता अंजू सिंह ने होमियोपैथी चिकित्सा अधिकारी के पद के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था और परीक्षा में भाग लिया था, परीक्षा परिणाम के बाद याचिकाकर्ताओं को मेरिट के आधार पर दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया और दस्तावेज सत्यापन और इंटरव्यू के बाद छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 25.08.2022को होमियोपैथी चिकित्सा अधिकारी की अंतिम चयन सूचि प्रकाशित की गई, अंतिम चयन सूचि याचिकाकर्ता का नाम प्रतीक्षा सूचि में प्रथम स्थान पर था|

होमियोपैथी चिकित्सा अधिकारीकेभर्ती केलिएजारी विज्ञापन दिनांक 06.04.2022कि महत्वपूर्ण कंडिका में उल्लेखित है कि उपरोक्त विज्ञापित पदों के लिए किया जाने वाला चयन माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर में दायर याचिकाओं (क्रमांक 591/2012, रिट पिटीशन (सी) क्रमांक 592/2012, रिट पिटीशन (सी) क्रमांक 593/2012 तथा रिट पिटीशन (सी) क्रमांक 594/2012) में पारित होने वाले अंतिम आदेश/निर्णय के अध्याधीन रहेगी एवं माननीय उच्च न्यायालय के अंतिम आदेश/निर्णय के अनुसार विज्ञापित किये गये पदों की वर्गवार रिक्तियों की संख्या में परिवर्तन भी हो सकता है।

छत्तीसगढ़ राज्य छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनसूचित जन  जातियों  और  अन्य  पिछड़े  वर्गो  के  लिए  आरक्षण) अधिनियम, 1994में 50% आरक्षण का प्रावधान था जिसे शासन ने वर्ष 2011में संशोधित कर 58% आरक्षण किया था, जिसे माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, दिनांक 19.09.2022को उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 2011में किये गए संशोधन को असंवैधानिक माना और 58% आरक्षण को निरस्त कर दिया|

याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं घनश्याम कश्यप में माध्यम से माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की जिसमे याचिकाकर्ता का तर्क था किमाननीय उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 2011 में किये गए संशोधन को असंवैधानिक माना और 58% आरक्षण को निरस्त कर दिया गया जिस्से वर्तनाम में 50% आरक्षण है, यदि 50% आरक्षण नियम और रोस्टर नियम का पालन किया जाये तो अनारक्षित श्रेणी के पदों कि संख्या में पदों की वृद्धि होगी, जिस्से याचिकाकर्ता का चयन होमियोपैथी चिकित्सा अधिकारी के पद पर हो जायेगा|

याचिका की सुनवाई माननीय न्यायाधीश पार्थ प्रतीम साहू की एकलपीठ में दिनांक एक मार्च को हुई, उच्च न्यायलय ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देते हुवे होमियोपैथी चिकित्सा अधिकारी के दो पद सुरखित रखने हेतु शासन को निर्देशित किया है|

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