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हाईकोर्ट: स्वास्थ्य सचिव को जारी की हुई अवमानना की दूसरी नोटिस, महिला डाक्टर को निलंबन से बहाल नहीं करने का मामला, जुर्माने की भी मांग

रायपुर 9 सितंबर 2023। निलंबित महिला चिकित्सक को बहाल नहीं किये जाने के मामले में स्वास्थ्य सचिव को दूसरी बार अवमानना नोटिस जारी किया गया है। दरअसल दुर्ग की डॉ. वंदना मेले जिला बेमेतरा में स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ थी। 30 सितम्बर 2022 को सचिव, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका स्थानांतरण जिला बेमेतरा से जिला-दुर्ग कर दिया गया। व्यक्तिगत परेशानियों के कारण डॉ. वंदना भेले द्वारा विलंब से ज्वाईनिंग देने पर स्वास्थ्य सचिव ने उन्हें निलंबित कर दिया गया।

उच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर रिट याचिका दायर की गयी। जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा इस आधार पर कि निलंबन के 90 (नब्बे) दिवस के भीतर कारण बताते हुए निलंबन के विस्तारण का आदेश जारी नहीं किया गया है, पर सचिव, स्वास्थ्य विभाग को याचिकाकर्ता के निलंबन से बहाली हेतु अभ्यावेदन के निराकरण का निर्देश दिया गया। निर्धारित 30 (तीस) दिवस की समयावधि के भीतर हाईकोर्ट के आदेश का पालन ना किये जाने पर डॉ. वंदना मेले ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के अवमानना याचिका दायर की। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी द्वारा सुप्रीम कोर्ट द्वारा अजय कुमार चौधरी विरुद्ध युनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य के बाद में प्रतिपादित न्याय सिद्धान्त का उल्लंघन करते हुए याचिकाकर्ता के निलंबन से 90 (नब्बे) दिवस के भीतर ठोस कारण बताते हुए निलंबन के विस्तारण का आदेश जारी नहीं किया गया और याचिकाकर्ता को निलंबन से बहाल भी नहीं किया गया।

अधिवक्तागण द्वारा यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि दिनांक 28.7.2023 को डॉ. अरूण सिंह रात्रे द्वारा प्रस्तुत अवमानना याचिका में स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी के विरूद्ध अवमानना नोटिस जारी की गई है, इसके बावजूद भी स्वास्थ्य सचिव द्वारा लगातार हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना की जा रही है। चुकि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में सीनियर सिटीजन (60 वर्ष से अधिक उम्र) के व्यक्तियों की हजारों याचिकाएं लंबित हैं। हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष भारीमात्रा में अवमानना याचिकाओं के दायर किये जाने एवं उनकी सुनवाई किये जाने से उच्च न्यायालय, बिलासपुर का अत्यन्त कीमती एवं महत्वपूर्ण समय व्यर्थ होता है एवं हजारों अन्य पीड़ित पक्षकार एवं याचिकाकर्तागण अपने मामलों की सुनवाई से वंचित रह जाते हैं।

अधिवक्तागण द्वारा माननीय उच्च न्यायालय से यह निवेदन किया गया है कि सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सचिव, स्वास्थ्य विभाग के विरुद्ध गंभीर जुर्माना अधिरोपित किया जाए ताकि वे भविष्य में उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश की अवमानना ना करें। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त अवमानना याचिका की सुनवाई के पश्चात याचिका को स्वीकार कर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सचिव, स्वास्थ्य विभाग को अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।मात्रा में अवमानना याचिकाओं के दायर किये जाने एवं उनकी सुनवाई किये जाने से उच्च न्यायालय, बिलासपुर का अत्यन्त कीमती एवं महत्वपूर्ण समय व्यर्थ होता है एवं हजारों अन्य पीड़ित पक्षकार एवं याचिकाकर्तागण अपने मामलों की सुनवाई से वंचित रह जाते हैं।

अधिवक्तागण द्वारा उच्च न्यायालय से यह निवेदन किया गया है कि सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सचिव, स्वास्थ्य विभाग के विरुद्ध गंभीर जुर्माना अधिरोपित किया जाए ताकि वे भविष्य में उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश की अवमानना ना करें। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त अवमानना याचिका की सुनवाई के पश्चात याचिका को स्वीकार कर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सचिव, स्वास्थ्य विभाग को अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

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