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IAS न्यूज: मंत्रियों को विभाग बंटते ही सचिव स्तर पर भी जल्द होगा बदलाव, कलेक्टरों के ट्रांसफर को लेकर अटकलें हुई तेज

रायपुर 30 दिसंबर 2023। धीरे..धीरे ही सही, लेकिन साय सरकार अब स्पीड में आती दिख रही है। शुक्रवार शाम मंत्रियों के बीच हुए विभाग के बंटवारे के बाद अब एक्शन और रिएक्शन जल्द ही दिखेगा। इधर मंत्रियों को विभाग बंटवारे के बाद ब्यूरोक्रेसी में भी बदलाव की अटकलें तेज हैं। ऐसे देखा जाये तो इस बार छत्तीसगढ़ में बहुत कुछ ऐसा हुआ, जो शायद पहले नहीं हुआ। फिर चाहे बात मंत्रिमंडल के चेहरे की हो या फिर मंत्रियों के विभाग बंटवारे की। कई चौकाने वाले फैसले के बाद ये कयास तेज हैं कि जल्द ही ब्यूरोक्रेसी में भी कुछ चौकाने वाले बदलाव हो सकते हैं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 5 जनवरी के बाद कलेक्टरों के तबादले नहीं होंगे, लिहाजा अगर साय सरकार को जिलों में बदलाव करना है….तो फिर 5 जनवरी तक ही समय है।

हालांकि इससे पहले सचिव स्तर पर कुछ बदलाव हो सकते हैं। मंत्री अपने कामकाज में सहूलियत के हिसाब से पसंद के अफसरों को मांग सकते हैं। ऐसे में चर्चा है कि सचिव स्तर पर एक-दो दिनों में ही बदलाव हो सकता है। खबर ये है कि सोमवार से मंत्री अपना काम काज शुरू कर देंगे। लिहाजा जल्द ही सचिव स्तर पर छोटी-बड़ी लिस्ट सामने आ सकती है। ऐसे भी विभागों में काफी फाइलें डंप हो गयी है, जाहिर है सरकार के मिशन 100 Days के हिसाब से अफसरों को अभी से ही काफी एक्सरसाइज करनी होगी।

इधर, चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के पहले आधा दर्जन कलेक्टरों की लिस्ट जारी हो सकती है। उसमें वो नाम है, जिनकी शिकायत हैं या फिर वैसे नाम, जहां विधानसभा चुनाव में पार्टी का परफार्मेंस ना के बराबर रहा है। वैसे जिलों की संख्या तीन से चार है। वहीं कुछ जिलों में कलेक्टरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के पहले ब्यूरोक्रेसी में ज्यादा बदलाव नहीं होंगे। ऐसा इसलिए भी क्योंकि मार्च के पहले सप्ताह में लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो जायेगी। ऐसे में नये कलेक्टरों को जिलों में एडजस्ट होने के लिए काफी कम वक्त मिलेगा। लिहाजा कलेक्टर-एसपी की एक ही लिस्ट 5 के पहले आने की उम्मीद है।

वैसे इस सरकार ने इतना सरप्राइज किया है कि मीडिया के भी कई सूत्र गलत साबित हो रहे है। लिहाजा अटकलों और कयासों के बीच मीडिया फिलहाल सिर्फ स्मार्ट आब्जर्बेशन ही कर पा रही है। ब्योरोक्रेसी के गलियारों में चर्चा अभी यही है कि सीएम सचिवालय में कौन-कौन अफसर पहुंचेगा। पीएस टू सीएम को लेकर भी कयास यही है कि दिल्ली से आने वाले ही किसी अफसर को ही पीएस का जिम्मा मिलेगा। सेंट्रल में जल जीवन मिशन में पोस्टेड विकाशसील के भी पीएस बनने की चर्चा है। वैसे मनोज पिंगुआ के नामों को लेकर भी कुछ सुगबुगाहट नजर आ रही है। फिलहाल सेकरेट्री टू सीएम पी. दयानंद के साथ अन्य टीम मेंबर का सेलेक्शन कैसा होगा ? इस पर सभी की नजर है।

जहां तक कलेक्टरों का सवाल है उनमें बीजापुर कलेक्टर शुरू से ही भाजपा के निशाने पर हैं। भाजपा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। वहीं दंतेवाड़ा कलेक्टर पर भी कई तरह के आरोप लग रहे हैं। पार्टी के परफार्मेंस के लिहाज से अगर सरकार ने पोस्टमार्टम किया, तो फिर तीन से चार जिलों के नाम और जुड़ जायेंगे। इनमें राजनांदगांव,जांजगीर,दुर्ग,बलौदाबाजार,कोरबा और बिलासपुर जिला के कलेक्टर हो सकते है। वैसे बड़े जिलों को ज्यादा डिस्टर्ब करने के मूड में सरकार नजर नहीं आ रही है। लेकिन,..आखिर में पेंच वहीं फंस जाता है कि, इस सरकार में कई फैसले ऐसे हुए हैं, जो होने के बाद समझ आ रहे हैं…फिलहाल सिर्फ आकलन और अटकलें ही लगायी जा सकती है।

ओ.पी.चौधरी के वित्त मंत्री बनने के बाद कलेक्टरों पर बढ़ेगा शिकंजा

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री के नाम से लेकर डिप्टी सीएम के नामों को लेकर बीजेपी चौकाती रही है। इसके बाद जब मंत्रियों के नामों की घोषणा हुई,तो बीजेपी के कई कद्दावर नेता और पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल में स्थान ही नही दिया गया। लिहाजा बीजेपी के मंत्रिमंडल की लिस्ट ने भी सभी को चौकाया। इसके बाद मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद ब्यूरोक्रेसी से लेकर आम लोगोें और समर्थकों को मंत्रियों को मिलने वाले विभागों को लेकर चर्चाये तेज थी। लेकिन इन सारी चर्चाओं पर विराम लगाते हुए साय सरकार ने एक बार फिर मंत्रियों में विभागों का बटवारा कर सबको चौकाया है। साय कैबिनेट के मंत्रियों को मिले विभागों पर गौर करे तो दोनों डिप्टी सीएम और ओ.पी.चौधरी सबसे पाॅवर फूल मंत्री होंगे।

वहीं बृजमोहन अग्रवाल और रामविचार नेताम को उनके कद और सीनियारिटी के हिसाब से विभाग ही नही दिया गया। साफ है कि बीजेपी पुराने चेहरों के बजाये नये चेहरों को मजबूत पोर्ट फोलियों देने में ज्यादा भरोसा कर रही है। मंत्रिमंडल में हुए विभागों को बंटवारे पर गौर करे तो वित्त विभाग ओ.पी.चौधरी को दिया गया है। सरकार के इस फैसले से साफ है कि केंद्र और राज्य से जिलों को आबंटित होने वाले फंड और विकास कार्यो को लेकर ओ.पी.चौधरी की कलेक्टरों पर पैनी नजर होगी। जिससे सरकार के मंशा के अनुरूप ग्राउंड जीरों पर विकास कार्य संभव हो सकेंगे।

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