शिक्षक/कर्मचारी

GAD का पत्र कहीं सरकार को ही ना उलझा दे… कर्मचारी संगठनों के इन सवालों का जवाब देना पड़ जायेगा मुश्किल….नियमों में कई ऐसे पेंच…जिसकी वजह से वेतन कटौती व सर्विस ब्रेक करना संभव नहीं

रायपुर 2 अगस्त 2022। छत्तीसगढ़ के हड़ताली कर्मचारियों के मन में GAD के आदेश ने संशय बढ़ा दिया है। सर्विस इन ब्रेक और कर्मचारियों के वेतन कटौती के आदेश के बाद कर्मचारियों के मन में तरह तरह के सवाल हैं। कर्मचारियों को लेकर जीएडी के आदेश को लेकर कमल वर्मा ने चीफ सिकरेट्री को पत्र भी भेजा है। वहीं उन्होंने अपने कर्मचारियों के मन से संशय दूर करने की कोशिश भी की है। कमल वर्मा ने कहा है कि 2006 के इस आदेश के बाद लगभग 323 अनिश्चित कालीन आंदोलन हुए है। सरकार ने  सभी आदेश वापस लिए है। यह आदेश तो फेडरेशन के खिलाफ है, इसलिए आदेश आने वाले दिन में वापस होंगे  ही। कमल वर्मा ने कहा है कि जोगी सरकार के समय एक संगठन ने 46 दिन के अनिश्चितकालीन आंदोलन किया था,  उस समय भी ऐसा आदेश जारी हुआ था। सत्ता बदलने के बाद रमन सरकार ने इस आदेश को निरस्त कर वेतन स्वीकृत किया था।

कमल वर्मा ने कहा कि हड़ताल पर गये कर्मचारियों की अवधि हड़ताल का वेतन एंव ब्रेक इन स्रर्विस के आदेश जारी किये गये है साथियो इससे घबराने की जरुरत नही है, शासन का संलग्न परिपत्र का बिन्दुवार प्रस्ताव तैयार कर शासन को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए मार्गदर्शन के लिये भेज देना है! अंत मे यह भी लिखना अनिवार्य है कि उचित आदेश निर्देश प्राप्त होने पर आवश्यक कार्रवाई की जावेगी! क्योकि शासन परिपत्र के अंत मे सामान्य नीति में रियायत देनी हो तो प्रस्ताव शासन को भेजने का उल्लेख है:-

इस संबध मे सभी संगठनों द्वारा अपने अपने सक्षम अधिकारियो को विधिवत् हड़ताल पर जाने की सूचना दी गई थी किन्तु शासन निर्देश अनुसार सक्षम अधिकारियो द्वारा misconduct करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के भागी होगे, की सूचना या हिदायत नही दी गई!

1- संगठन द्वारा नियमानुसार हड़ताल पर जाने पूर्व संगठन के आव्हान पर सामूहिक अवकाश आवेदन दिया था, जिसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा न तो स्वीकृत किया ना ही अमान्य! ऐसी स्थिति मे उल्लेखित दण्ड प्रभावशील किया जाना विधि विपरीत हो जायेगा! इसी अनुक्रम मे यह भी उल्लेख करना उचित प्रतीत होता है कि निर्देश परिपत्र मे प्रस्तावित दण्ड दीर्घशास्ति का है, जो बिना विभागीय जांच के सीधे सीधे अधिरोपित किया जाना विधि विपरीत हो जायेगा!

2- समस्त कर्मचारियो द्वारा पिछले लंबे समय से अपनी लंबित  आर्थिक महंगाई भत्ते की मांग के लिए नियमानुसार सामूहिक अवकाश देकर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया है, जो अनुशासनहीनता की परिधि मे मान्य नहीं किया जा सकता है!

चूंकि ये शासन निर्देश हड़ताल समाप्ति तिथि के बाद विभागाध्यक्ष एंव जिला कार्यालयो को प्राप्त होने के कारण कर्मचारियों के आवेदन स्वीकृत/अमान्य नही किये जा सके एंव निर्देश पत्र अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही के भागी होने की सूचना या हिदायत नही दी जा सकी!

Back to top button